स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Thu, 17 Feb 2022 06:04 PM IST
सार
सुरजीत ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 24 जुलाई, 1974 को थाईलैंड के खिलाफ मर्डेका कप में किया था। उन्होंने देश के लिए 14 मैच खेले। उन्होंने एशियन गेम्स 1974 और 1978, मर्डेका कप 1974 और प्रेसिडेंट कप 1977 में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया।
सुरजीत सेनगुप्ता
– फोटो : सोशल मीडिया
ख़बर सुनें
विस्तार
भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व मिडफिल्डर और ईस्ट बंगाल क्लब के दिग्गज फुटबॉलर सुरजीत सेनगुप्ता का गुरुवार को निधन हो गया। उन्होंने कोलकाता के सिटी अस्पताल में आखिरी सांस ली। सुरजीत पिछले काफी समय से कोरोना वायरस से जूझ रहे थे। वे 71 साल के थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुरजीत के निधन पर दुख भी जताया है।
सुरजीत पिछले महीने ही कोरोना वायरस की चपेट में आए थे, जिसके बाद उनका इलाज चल रहा था। पिछले हफ्ते से सुरजीत वेंटीलेटर पर थे। वे 1970 एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे। सुरजीत ने खिदिरपुर क्लब से अपने फुटबॉल करियर की शुरुआत की थी। वह कोलकाता के तीन बड़े क्लबों से भी फुटबॉल खेले। सुरजीत मोहन बागान, मोहम्मडन स्पोर्टिंग और ईस्ट बंगाल टीम से खेले चुके।
ममता बनर्जी ने सुरजीत को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया- आज हमने दिग्गज स्टार फुटबॉलर सुरजीत सेनगुप्ता को खो दिया। वह फुटबॉल प्रशंसकों के दिल की धड़कन और एक उत्कृष्ट राष्ट्रीय खिलाड़ी थे। इसके साथ ही वह एक आदर्श इंसान भी थे। वह हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।
सुरजीत ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 24 जुलाई, 1974 को थाईलैंड के खिलाफ मर्डेका कप में किया था। उन्होंने देश के लिए 14 मैच खेले। उन्होंने एशियन गेम्स 1974 और 1978, मर्डेका कप 1974 और प्रेसिडेंट कप 1977 में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा यूएई और बहराइन के खिलाफ दोस्ताना मैचों में भी टीम का हिस्सा रहे। सुरजीत ने मोहन बागान के लिए 1972 और 1974 में दो सीजन खेले। इसके बाद ईस्ट बंगाल के लिए छह साल तक खेले। उन्हें 1978 में ईस्ट बंगाल का कप्तान बनाया गया था।
सुरजीत ईस्ट बंगाल की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने 1970 से 1976 के बीच लगातार छह बार कलकत्ता फुटबॉल लीग का खिताब जीतने के अलावा छह बार आईएफए शील्ड और तीन बार डूरंड कप का खिताब जीता था। सुरजीत ने ईस्ट बंगाल के लिए 92 गोल दागे थे। 2018 में उन्हें ईस्ट बंगाल क्लब ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित भी किया था।