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Shani Gochar 2022: 30 साल बाद कुंभ राशि में होंगे शनि देव, इन राशियों पर शुरू होगा साढे़साती और ढैय्या का प्रभाव

Shani Gochar 2022 : वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में शनि ग्रह का विशेष महत्व होता है।

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Thu, 03 Mar 2022 06:59 AM IST

सार

Shani Gochar 2022 :  29 अप्रैल 2022 को शनिदेव मकर राशि से अपनी यात्रा को समाप्त करते हुए कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनिदेव करीब 30 वर्षों के बाद पुन:कुंभ राशि में आ रहे हैं। शनि के राशि परिवर्तन से कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी।

Shani Gochar 2022 : वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में शनि ग्रह का विशेष महत्व होता है।
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

Shani Gochar 2022 : वैदिक ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में शनि ग्रह का विशेष महत्व होता है। शनि ग्रह सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि किसी एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब ढाई वर्षों का समय लगाते हैं। इस तरह से शनि किसी एक राशि में गोचर करने के बाद करीब 30 वर्षों के बाद ही दोबारा आते हैं। 29 अप्रैल 2022 को शनिदेव मकर राशि से अपनी यात्रा को समाप्त करते हुए कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनिदेव करीब 30 वर्षों के बाद पुन:कुंभ राशि में आ रहे हैं। शनि के राशि परिवर्तन से कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ कुछ राशियों पर से शनि की दशा खत्म हो जाएगी। आइए जानते हैं शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से किन राशियों से साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव आरंभ हो जाएगा।

इन राशियों पर से खत्म होगी साढ़ेसाती

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनिदेव पिछले दो साल से ज्यादा समय से मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि के मकर राशि में होने से धनु, मकर और कुंभ राशि वालों पर इस समय शनि की साढ़ेसाती का असर है। 29 अप्रैल 2022 को शनि जैसे ही कुंभ राशि में प्रवेश करते ही मीन राशि वालों पर शनिदेव की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। वहीं दूसरी तरफ धनु राशि वालों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। मकर राशि वालों के ऊपर शनि का आखिरी चरण और कुंभ राशि वालों पर दूसरा चरण शुरू हो जाएगा।  

दो राशि वालों पर शनि की ढैय्या 

शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से दो राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। कर्क और वृश्चिक वालों पर ढैय्या शुरू हो जाएगी। अभी मिथुन और तुला राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनिदेव तुला राशि में हमेशा अच्छा परिणाम देते हैं यानि तुला राशि में उच्च के होते हैं जबकि मेष राशि में नीच के होते हैं। शनि की महादशा 19 वर्ष की होती है। शनि को कुंभ और मकर राशि के स्वामी माना जाता है। अगर किसा जातक की कुंडली में शनि मजबूत और शुभ भाव में बैठे होते हैं तो व्यक्ति को बहुत सम्मान और पैसा प्राप्त होता है। 

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