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Russia’s Military Strength: रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ने का खतरा बढ़ा, समझिए रुस की सेना कितनी ताकतवर है?

सार

रूस की सेना, नौसेना और वायु सेना में कुल 4,163 विमानों का बेड़ा दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ मानते हैं रॉकेटरी और वायुशक्ति के मामले में रूस का हाथ ऊपर है।

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रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ने का खतरा बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन सीमा पर रूस ने एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं। अमेरिका समेत कई देशों ने आशंका जताई है कि रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है। अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। युद्ध की आशंका को देखते हुए ब्रिटेन और कनाडा ने भी यूक्रेन को सैन्य सहायता और युद्ध सामान मुहैया कराना शुरू कर दिया है।  

माना जा रहा है कि रूस यूक्रेन पर कब्जा करना चाहता है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि रूस पर यूक्रेन पर हमला करने के बारे में इसलिए सोच रहा है, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह राष्ट्रपति  व्लादिमीर पुतिन को रूस की सत्ता में बनाए रखने में मददगार साबित होगा। दूसरी तरफ यूक्रेन पश्चिमी देशों से अपने रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटा है, जबकि रूस इसके खिलाफ है। यूक्रेन नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) का सदस्य नहीं है लेकिन उसके यूक्रेन से अच्छे संबंध है, यह बात रूस को अच्छी नहीं लगती। अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के 30 देश इसके सदस्य हैं। रूस ने पिछले सप्ताह धमकी भरे लहजे में कहा था कि यदि नाटो रूस के खिलाफ यूक्रेन की जमीन का इस्तेमाल करता है तो इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा।

मौजूदा हालात को देखते हे एक नजर इस बात पर डालते हैं कि रूस की सेना कितनी ताकतवर है और यदि यूक्रेन के साथ उसका युद्ध होता है तो उसका पलड़ा कितना भारी होगा? 
दूर से तबाह करने की क्षमता
पूर्व अमेरिकी मरीन और विदेश नीति अनुसंधान संस्थान के फेलो रॉब ली के एक बयान के मुताबिक रूस अपने इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइल जैसे हथियारों से यूक्रेन की सैन्य इकाइयों को दूर से तबाह करने की क्षमता रखता है। रूस के पास इतने आधुनिक हथियार हैं कि यह एक दिन में हजारों लोगों को हताहत करने की क्षमता रखता है।

रूस की सेना पहले के मुकाबले अधिक ताकतवर
ब्रिटिश थिंक-टैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस की ‘उच्च-प्रौद्योगिकी सेना’ ‘उच्च स्थिति’ में है और रूस की सैन्य ताकत शीत युद्ध के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद से रूस की सेना पहले के मुकाबले अधिक सक्षम है।  इसके परमाणु हथियार और वायु सेना विशेष रूप से मजबूत हैं। ग्लोबल फायरपावर कंट्रीज इंडेक्स 2022 के मुताबिक इस इंडेक्स में शामिल 140 से ज्यादा देशों में रूस को सैन्य ताकत के मामले में दूसरा स्थान दिया गया है।

ब्रिटिश थिंक टैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने 1990 के दशक में चेचन्या के खिलाफ लड़ाई लड़ी और 2008 में जॉर्जिया अभियान चलाया जिसमें रूस के ‘उपकरण और प्रशिक्षण’ में कमियां उजागर हुई और रूस ने इन कमियों को दूर करने के लिए जी तोड़ प्रयास किए। मॉस्को ने अपने परमाणु उपकरणों को अपग्रेड किया है और नई हाइपरसोनिक और अंडरवाटर मिसाइल विकसित करना चाहता है।
क्या है सैन्य संरचना 
रूसी सशस्त्र बल तीन सेवाओं और दो प्रमुख स्वतंत्र कमानों या शाखाओं में संगठित हैं। ग्राउंड फोर्स, एयरोस्पेस फोर्स और नौसेना हैं। 

दो स्वतंत्र कमांड सामरिक रॉकेट फोर्स और एयरबोर्न फोर्स जिसे वीडीवी भी कहा जाता है। 

पिछले एक दशक में रूस ने ग्राउंड फोर्स का काफी आधुनिकीकरण किया है, विशेषकर अपने तोपखाने का। 

ग्राउंड फोर्स के सैनिकों को एक दिन की भी छुट्टी नहीं
ग्राउंड फोर्स की संख्या 280,000 बताई गई है, जिनमें से 55 फीसदी एक दिन भी छुट्टी नहीं लेते हैं और 12 महीने अपनी सेवा देते हैं। वहीं वीडीवी में कुल 45,000 सैनिक हैं।

रूस को युद्ध उपकरणों के बड़े भंडार के लिए जाना जाता है। टैंक, अन्य बख्तरबंद वाहन, तोपखाने और बहुत कुछ स्टोर में रखा जाता है।
 
एयरोस्पेस के आधुनिकीकरण पर बल
रूसी एयरोस्पेस बलों का काफी आधुनिकीकरण किया गया है। कथित तौर पर,  रूस के 71 फीसदी युद्धक विमान अब आधुनिक प्रकार के हैं।

शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से कई पुनर्गठनों के बाद, रूसी एयरोस्पेस फोर्सेज वर्तमान में लॉन्ग-रेंज एविएशन, फ्रंटल एविएशन (सामरिक वायु सेना) और एयरोस्पेस डिफेंस से बना है।

यदि कोई बड़ा युद्ध होता है तो लॉन्ग-रेंज एविएशन लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों का उपयोग करके स्टैंड-ऑफ हमलों को अंजाम दे सकते हैं।

रूस ने Tu-95 Bear-H,  Kh-555 सबसोनिक जैसे हथियारों में भारी निवेश किया है जो टर्बोफैन-संचालित पारंपरिक क्रूज मिसाइल ले जाने में सक्षम हैं। इसमें 400 किलो का वारहेड और 3500 किमी की मारक क्षमता है।

रूस के पास KH-47M2 किंजल एयर-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल भी है। रूसी ओपन-सोर्स रिपोर्ट का दावा है कि किंजल 3,000 किमी की सीमा तक पहुंच सकता है। 
लड़ाकू विमानों का बेड़ा
रूस के पास 255 मिग-29/मिग-35, 131 मिग-31, 274 सुखोई एसयू-24, 342 एसयू-27/एसयू-30/एसयू-35, और 124 एसयू जैसे लड़ाकू विमान हैं। 

1500 से अधिक लड़ाकू विमानों का बेड़ा है और बख्तरबंद वाहनों की संख्या 27100 है।  

सेना के पास बड़ा परिवहन बेड़ा है और एक विशाल हेलीकॉप्टर बेड़ा भी है। 538 अटैक हेलिकॉप्टरर्स और 13000 टैंक सेना के पास है।

रूस ने सीरिया में लड़ाकू जेट का परीक्षण किया है और 2028 तक तीन Su-57 रेजिमेंट बनाने की योजना है।  

रूसी सेना के पास Su-57 स्टील्थ फाइटर है, जिसकी कल्पना अमेरिका के F-22 रैप्टर के प्रतिद्वंद्वी के रूप में की गई थी और 2018 में रेड स्क्वायर परेड में यह शामिल हुआ। 
रूसी नौसेना
देश  की नौसेना,  कुछ क्षेत्रों में दुर्जेय मानी जाती है। इसके तटीय और तट से लगभग 200 समुद्री मील की दूरी पर सेना तैनात है।  

कार्वेट, मिसाइल नौकाओं और खदान काउंटरमेशर्स जहाजों (एमसीएमवी) के  नए डिजाइन उसके पास हैं। 

रूसी नौसेना अपने पनडुब्बी बल के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें नए डिजाइन बनाए जा रहे हैं। 

रूस के पास अब लगभग दस एसएसबीएन और 20 एसएसएन और एसएसजीएन जैसे शक्तिशाली सबमरीन के बेड़े हैं। 

पुतिन अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण कर रहे हैं जो अमेरिका के बराबर है। यह रूस को एक महाशक्ति के तौर पर स्थापित करता है। 
 

विस्तार

रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ने का खतरा बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन सीमा पर रूस ने एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं। अमेरिका समेत कई देशों ने आशंका जताई है कि रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है। अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। युद्ध की आशंका को देखते हुए ब्रिटेन और कनाडा ने भी यूक्रेन को सैन्य सहायता और युद्ध सामान मुहैया कराना शुरू कर दिया है।  

माना जा रहा है कि रूस यूक्रेन पर कब्जा करना चाहता है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि रूस पर यूक्रेन पर हमला करने के बारे में इसलिए सोच रहा है, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह राष्ट्रपति  व्लादिमीर पुतिन को रूस की सत्ता में बनाए रखने में मददगार साबित होगा। दूसरी तरफ यूक्रेन पश्चिमी देशों से अपने रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटा है, जबकि रूस इसके खिलाफ है। यूक्रेन नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) का सदस्य नहीं है लेकिन उसके यूक्रेन से अच्छे संबंध है, यह बात रूस को अच्छी नहीं लगती। अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के 30 देश इसके सदस्य हैं। रूस ने पिछले सप्ताह धमकी भरे लहजे में कहा था कि यदि नाटो रूस के खिलाफ यूक्रेन की जमीन का इस्तेमाल करता है तो इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा।

मौजूदा हालात को देखते हे एक नजर इस बात पर डालते हैं कि रूस की सेना कितनी ताकतवर है और यदि यूक्रेन के साथ उसका युद्ध होता है तो उसका पलड़ा कितना भारी होगा? 

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