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Russia Ukraine War : चेर्निहाइव में हवाई हमले में 22 की मौत, आईसीसी ने शुरू की यूक्रेन में युद्ध अपराधों की जांच

एजेंसी, कीव/हेग।
Published by: योगेश साहू
Updated Fri, 04 Mar 2022 06:08 AM IST

सार

केवल इतना फर्क पड़ेगा… अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) इस युद्ध में रूस पर नजर रखे हुए है, जांच के आदेश से केवल इतना घोषित हुआ है। इसे रूस को चेतावनी की तरह देखा जा रहा है। उसकी सभी सैन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। इधर, युद्ध और भी भयावह रूप ले रहा है। लगातार हो रही बमबारी के बीच मौतों की संख्या सामने आने लगी है।

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यूक्रेन में युद्ध और भी भयावह रूप लेता जा रहा है। लगातार हो रही बमबारी के बीच मौतों की संख्या सामने आने लगी है। यूक्रेन की आपात सेवा के हवाले से खबर मिल रही है कि यहां के चेर्निहाइव इलाके में हवाई हमले हुए हैं। इन हमलों में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है। इस संबंध में और अधिक जानकारी जुटाई जा रही है। उधर, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के अभियोजक ने यूक्रेन में युद्ध अपराध के आरोपों की जांच शुरू करवाई है। 

इस जांच के तहत रूसी अधिकारियों पर युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोपों की जांच होगी और दोषी अधिकारियों की पहचान की जाएगी। इसमें रूस को युद्ध अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। अभियोजक करीम खान ने बताया कि 12 से अधिक न्यायालय सदस्यों ने उन्हें जांच के लिए लिखा था। 

उन्होंने आईसीसी के सभी जजों को इसकी जानकारी दे दी है। वे फिलहाल साक्ष्य जुटाने पर ध्यान देंगे। ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रूस ने बताया कि उनका देश आईसीसी के साथ जांच में करीब से काम करेगा। यूक्रेन का दावा है कि रूसी हमले, बम वर्षा आदि में उसके 2 हजार से अधिक नागरिक मारे गए हैं। हालांकि दावों की पुष्टि नहीं हुई है। एजेंसी

बंधे हुए हैं हाथ पुलिस है न शक्ति

  • आईसीसी किसी आरोपी को गिरफ्तार करने पर ही सुनवाई कर सकती है, अनुपस्थिति में नहीं। लेकिन उसके पास कोई पुलिस नहीं है जो संदिग्ध सैन्य अधिकारियों को गिरफ्तार करे।
  • यूक्रेन में जाकर जांच व साक्ष्य जमा करना भी संभव नहीं है क्योंकि युद्ध जारी है।

युद्ध अपराध यानी…
2002 में बनी आईसीसी युद्ध अपराधों की जांच करती है। एम्सटर्डम विश्वविद्यालय में पढ़ा रहीं मारिक डे हून के अनुसार, नागरिकों या नागरिक क्षेत्रों पर किए सैन्य हमले युद्ध अपराध हैं। युद्ध के नियम हैं कि सैन्य ठिकानों पर हमले किए जा सकते हैं। अंधाधुंध बमबारी भी गैरकानूनी है क्योंकि इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता। यह नियम रोम-कानून के तहत बनाए गए हैं।

अब तक शून्य

  • 2013-14 : यूक्रेन की रूस समर्थक सरकार पर जन आंदोलन कुचलने के आरोप लगे। कार्रवाई नहीं हुई।
  • 2005 : युगांडा के जोसेफ कोनी के खिलाफ युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट निकाला, लेकिन वह कभी गिरफ्तार नहीं हुआ।
  • 2009-10 : सूडान के उमर अल बशीर को दारफुर क्षेत्र में हिंसा के लिए गिरफ्तारी के आदेश। गिरफ्तार नहीं हुआ।

विस्तार

यूक्रेन में युद्ध और भी भयावह रूप लेता जा रहा है। लगातार हो रही बमबारी के बीच मौतों की संख्या सामने आने लगी है। यूक्रेन की आपात सेवा के हवाले से खबर मिल रही है कि यहां के चेर्निहाइव इलाके में हवाई हमले हुए हैं। इन हमलों में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है। इस संबंध में और अधिक जानकारी जुटाई जा रही है। उधर, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) के अभियोजक ने यूक्रेन में युद्ध अपराध के आरोपों की जांच शुरू करवाई है। 

इस जांच के तहत रूसी अधिकारियों पर युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के आरोपों की जांच होगी और दोषी अधिकारियों की पहचान की जाएगी। इसमें रूस को युद्ध अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। अभियोजक करीम खान ने बताया कि 12 से अधिक न्यायालय सदस्यों ने उन्हें जांच के लिए लिखा था। 

उन्होंने आईसीसी के सभी जजों को इसकी जानकारी दे दी है। वे फिलहाल साक्ष्य जुटाने पर ध्यान देंगे। ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रूस ने बताया कि उनका देश आईसीसी के साथ जांच में करीब से काम करेगा। यूक्रेन का दावा है कि रूसी हमले, बम वर्षा आदि में उसके 2 हजार से अधिक नागरिक मारे गए हैं। हालांकि दावों की पुष्टि नहीं हुई है। एजेंसी

बंधे हुए हैं हाथ पुलिस है न शक्ति

  • आईसीसी किसी आरोपी को गिरफ्तार करने पर ही सुनवाई कर सकती है, अनुपस्थिति में नहीं। लेकिन उसके पास कोई पुलिस नहीं है जो संदिग्ध सैन्य अधिकारियों को गिरफ्तार करे।
  • यूक्रेन में जाकर जांच व साक्ष्य जमा करना भी संभव नहीं है क्योंकि युद्ध जारी है।

युद्ध अपराध यानी…

2002 में बनी आईसीसी युद्ध अपराधों की जांच करती है। एम्सटर्डम विश्वविद्यालय में पढ़ा रहीं मारिक डे हून के अनुसार, नागरिकों या नागरिक क्षेत्रों पर किए सैन्य हमले युद्ध अपराध हैं। युद्ध के नियम हैं कि सैन्य ठिकानों पर हमले किए जा सकते हैं। अंधाधुंध बमबारी भी गैरकानूनी है क्योंकि इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता। यह नियम रोम-कानून के तहत बनाए गए हैं।

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