एजेंसी, वाशिंगटन
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 24 Mar 2022 02:26 AM IST
सार
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान यूक्रेन को मदद पहुंचाने के लिए मानवीय गलियारे के संबंध में पूर्व में हुआ करार अभी तक भरोसे पर खरा नहीं उतरा है, खास तौर पर देश के सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में। पत्र में आगे कहा गया है कि अमेरिकी खुफिया विभाग ने चेताया है कि यूक्रेन की राजधानी में आने वाले दिनों में खाना और पीने का पानी समाप्त हो सकता है।
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विस्तार
पत्र के मुताबिक, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान यूक्रेन को मदद पहुंचाने के लिए मानवीय गलियारे के संबंध में पूर्व में हुआ करार अभी तक भरोसे पर खरा नहीं उतरा है, खास तौर पर देश के सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में। पत्र में आगे कहा गया है कि अमेरिकी खुफिया विभाग ने चेताया है कि यूक्रेन की राजधानी में आने वाले दिनों में खाना और पीने का पानी समाप्त हो सकता है। पत्र में इस बात का खतरा जताया गया है कि यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में घुसते ही विमानों को मार गिया जा सकता है, ऐसे में प्रशासन से उन देशों से संपर्क करने और पायलट मांगने का आग्रह किया जाता है, जिन्हें रूस गैर-शत्रु देश मानता है।
यूरोप यात्रा में नाटो सम्मेलन के अलावा जी-7 व ईयू नेताओं को संबोधित करेंगे बाइडन
राष्ट्रपति जो बाइडन अपने यूरोपीय दौरे के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इनमें नाटो के एक आपात सम्मेलन में भाग लेना, यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं को संबोधित करना और जी-7 नेताओं के साथ बैठक करना शामिल है। ब्रसेल्स और पोलैंड की यात्रा पर रवाना होने से पहले बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने यह जानकारी दी।
बाइडन यूक्रेन पर रूसी हमले के मद्देनजर यूरोप पहुंचकर संयुक्त मोर्चे का प्रदर्शन करेंगे और स्थिति की समीक्षा करेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा, राष्ट्रपति बाइडन नाटो की एक आपात बैठक में शिरकत करेंगे, जिसमें नाटो के 29 अन्य सदस्य देशों के नेता शामिल होंगे। वह जी-7 नेताओं के साथ बैठक करेंगे। और यूरोपीय परिषद के सत्र के दौरान 27 सदस्यीय ईयू के नेताओं को संबोधित करेंगे। वह यूक्रेन को सैन्य सहायता प्रदान करने के अगले चरण को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं।
सुलिवन ने कहा, बाइडन रूस पर नए प्रतिबंध लगाने और मौजूदा प्रतिबंधों को सख्त करने को लेकर सहयोगी देशों के साथ एकजुटता प्रकट करेंगे। बाइडन ब्रुसेल्स से पोलैंड रवाना होंगे, जहां वह नाटो क्षेत्र की रक्षा में मदद कर रहे अमेरिकी सैनिकों से मुलाकात करेंगे और वह मानवीय सहायता में शामिल विशेषज्ञों से मिलेंगे।