ज्योतिष डेस्क, अमरउजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता सिंह
Updated Tue, 04 Jan 2022 12:09 PM IST
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों में शुक्र ग्रह बेहद महत्वपूर्ण है। भोग-विलासिता और सुख-सुविधाओं का कारक ग्रह है शुक्र ग्रह, यदि शुक्र किसी जातक की कुंडली में उच्च स्थिति में है तो उसे कभी भी कोई कमी नहीं होती लेकिन यही शुक्र ग्रह अगर किसी जातक की कुंडली के नीच भाव में हैं तो जातक को परेशनियों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान समय में शुक्र 4 जनवरी 2022 में धनु राशि में प्रातः 7:44 मिनट पर अस्त हो रहा है। 14 जनवरी को प्रथा 5: 29 मिनट पर शुक्र पुनः उदय होगा। आइए जानते हैं शुक्र ग्रह के अस्त होने पर क्या-क्या परेशनियां आएंगी और इसको दूर करने के उपाय क्या हैं-
शुक्र ग्रह के अस्त होने का प्रभाव
- शुक्र ग्रह जब अस्त होता है तो ऐसी स्थिति में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है जैसे विवाह, गृह प्रवेश इत्यादि।
- जब किसी जातक की कुंडली में शुक्र अस्त अवस्था में होता है तो जातक के विवाह में बाधा आती है। उसके प्रेम संबंध में सफलता नहीं मिलती। शुक्र ग्रह से संबंधित राशियों को सतर्कता बरतनी चाहिए।
- शुक्र के अशुभ स्थान पर होने पर वैवाहिक जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
- इस दौरान व्यक्ति के सुखों में भी कमी आती है।
- शुक्र इस दौरान जातक के दांपत्य सुख पर भी असर डालते हैं।
शुक्र को मजबूत करने के उपाय
- शुक्रवार को सफेद वस्त्र धारण करें।
- दहिनें हाथ की अनामिका में जरकन या हीरा धारण करें।
- परफ्युम या इत्र का प्रयोग शुक्र को बलवान बनाता है।
- किसी नेत्रहीन व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिठाई का दान करें।
- दस वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को गाय के दूध की खीर खिलाएं तो आपको जल्दी ही इसके शुभ परिणाम मिलेंगे।
- मछलियों को आटे की गोलियां (दाना) डालें।
- ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः मन्त्र का 108 बार जाप कर ग्रह प्रतिष्ठा करें।
- इसके बाद धूप,दीप , श्वेत पुष्प, अक्षत आदि से पूजन कर लें।
- चांदी का कड़ा पहनें। श्रीसूक्त का पाठ करें।
- शुक्र के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु शुक्रवार का दिन, शुक्र के नक्षत्र (भरणी, पूर्वा-फाल्गुनी, पुर्वाषाढ़ा) तथा शुक्र की होरा में अधिक शुभ होते हैं।
- शुक्र को मजबूत बनाने के लिए शुक्रवार के दिन नमक के सेवन न करें। मान्यता है कि ऐसा करने से रिश्तों में प्रेम और सुख-सुविधाओं में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
विस्तार
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों में शुक्र ग्रह बेहद महत्वपूर्ण है। भोग-विलासिता और सुख-सुविधाओं का कारक ग्रह है शुक्र ग्रह, यदि शुक्र किसी जातक की कुंडली में उच्च स्थिति में है तो उसे कभी भी कोई कमी नहीं होती लेकिन यही शुक्र ग्रह अगर किसी जातक की कुंडली के नीच भाव में हैं तो जातक को परेशनियों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान समय में शुक्र 4 जनवरी 2022 में धनु राशि में प्रातः 7:44 मिनट पर अस्त हो रहा है। 14 जनवरी को प्रथा 5: 29 मिनट पर शुक्र पुनः उदय होगा। आइए जानते हैं शुक्र ग्रह के अस्त होने पर क्या-क्या परेशनियां आएंगी और इसको दूर करने के उपाय क्या हैं-