स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, बैंगलोर
Published by: शक्तिराज सिंह
Updated Mon, 10 Jan 2022 08:50 PM IST
सार
प्रदीप नरवाल ने कहा है कि शुरुआत में उनकी टीम का तालमेल कुछ खास नहीं था। इसी वजह से शुरुआत में वो मैच हारे, लेकिन अब टीम पटरी पर लौट चुकी है। उन्होंने कहा आगे टीम जो करेगी अच्छा करेगी।
प्रदीप नरवाल
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
प्रो कबड्डी लीग के आठवें सीजन में खराब शुरुआत के बाद यूपी योद्धा की टीम ने शानदार वापसी की है। इस टीम ने अंकतालिका में दूसरे नंबर पर मौजूद बेंगलुरू बुल्स को 15 अंकों के अंतर से हराकर बड़ी मात दी। इस हार के बाद बेंगलुरू की टीम तीसरे स्थान पर आ चुकी हैं। इसके साथ ही दिल्ली के खिलाफ मैच में भी यूपी ने शानदार खेल दिखाया। फिलहाल यूपी की टीम अंकतालिका में छठें स्थान पर मौजूद है। इस टीम ने आठ में से दो मैच जीते हैं और चार में उसे हार का सामना करना पड़ा है। वहीं दो मैच ड्रॉ रहे हैं। यूपी के पास अभी 20 अंक हैं। पहले पायदान पर काबिज दिल्ली यूपी से 11 अंक आगे है।
बेंगलुरू के खिलाफ जीत के बाद यूपी योद्धा के स्टार रेडर प्रदीप नरवाल ने अमर उजाला से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि क्यों उनकी टीम शुरुआत में हार रही थी और अब जोरदार वापसी की राज क्या है। पढ़िए बातचीत के खास अंश…
1. प्रो कबड्डी लीग में आप लगातार कई सालों से खेल रहे हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। कोई टीम अब तक आपको आउट करने का तोड़ नहीं निकाल पाई है। प्रदीप नरवाल के अंदर ऐसी क्या खास बात है जो उन्हें कबड्डी का टॉप खिलाड़ी बनाती है?
प्रैक्टिस करनी पड़ती है, प्रैक्टिस करते रहते हैं, 12 महीनों प्रैक्टिस चलती रहती है। अलग-अलग टीमों और विपक्षी खिलाड़ियों के हिसाब से खुद को तैयार करते हैं। इसी वजह से मैच में अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं।
2. आपको ‘डुबकी किंग,’ कहा जाता है। इस कला की बदौलत आप एक ऐसे मुकाम पर पहुंचे हैं, जहां कबड्डी का दूसरा कोई खिलाड़ी नहीं पहुंच पाया है। इसके लिए कैसे तैयारी करते हैं?
इसके लिए 12 महीने प्रैक्टिस करते रहते हैं, बार-बार एक ही स्किल में काम करते हैं। डुबकी मैंने ही मारनी शुरू की थी, अब नए खिलाड़ी भी इसे सीख रहे हैं। इसी वजह से रेडिंग में फायदा मिला।
3. कबड्डी दिन-ब-दिन लोकप्रिय हो रही है, आपको इस बारे में कैसा लगता है? क्या इसे ओलंपिक में भी शामिल किया जाना चाहिए?
हां, बिलुकल हम तो यही चाहते हैं कि हमारा खेल जल्दी से जल्दी ओलंपिक में शामिल हो। इससे अच्छा और क्या हो सकता है। मुझे भी ओलंपिक में भारत के लिए खेलने का मौका मिलेगा। (इस दौरान प्रदीप के हाव-भाव से साफ पता चल रहा था कि वो ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने के लिए किस कदर बेताब हैं।)
4. कोरोना एक बार फिर से बढ़ रहा है, पहले भी इसकी वजह से पीकेएल प्रभावित हुई थी। आपको इससे क्या परेशानी हुई ?
पीकेएल की वजह से हमारे दो सीजन नहीं हो पाए थे। अबकी बार पीकेएल का आयोजन हो रहा है, लेकिन फिर से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में यहीं कहूंगा कि कोरोना से बच कर रहें और मास्क पहन कर रखें।
5. इस बार पीकेएल बिना दर्शकों के हो रही है। दर्शकों की गैरमौजूदगी कितना फर्क डालती है ?
फर्क तो पड़ता है, हमारे जो फैंस हैं मैदान में बैठकर चीयर करते हैं। फर्क तो पड़ता है तब भी क्या करें मजबूरी है हमारी। कोरोना की वजह से दर्शकों को अनुमति नहीं दी जा सकती।
6. इस सीजन आपकी टीम आठ में से सिर्फ दो मैच जीत पाई है, आपको क्या लगता है, कहां कमी रह रही है, क्यों आपकी टीम क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पा रही?
टीम में तालमेल की कमी थी, खिलाड़ी थोड़ा तालमेल से नहीं खेल पा रहे हैं। शुरुआत में हमारा प्रदर्शन गड़बड़ाया था, लेकिन अब पटरी पर लौट रहे हैं। टीम अब कुछ न कुछ अच्छा ही करेगी।
7. यूपी योद्धा की टीम अंकतालिका में छठवें स्थान पर है, क्या आपको लगता है कि इस साल ‘यूपी योद्धा’ प्रो कबड्डी लीग जीतेगी?
हां कोशिश तो यही रहेगी कि यूपी योद्धा को चैंपियन बनाएं। हमारे पिछले दो मैच हुए हैं, बेंगलुरू बुल्स और दिल्ली के साथ दोनों में टीम बहुत अच्छा खेली है। पूरी टीम ने साथ में अच्छा प्रदर्शन किया है। अभी हमारे काफी मैच बचे हुए हैं। हमारे 14 मैच बचे हैं और इनमें से सात-आठ मैच भी जीतते हैं तो आगे पहुंचेंगे।
8. आप कबड्डी इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। क्या इससे आपके ऊपर कोई दबाव पड़ेगा? बड़ा खिलाड़ी होने से फैंस और टीम की उम्मीदें बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं। आपके प्रदर्शन पर ये चीजें कैसा असर डालेंगी?
नहीं, नहीं… ऐसा नहीं है, ये कहने की बातें हैं, महंगे खिलाड़ी हैं तो प्रेसर बनता है। ऐसा कुछ नहीं है। इन चीजों के बारे में सोचेंगे तो ज्यादा दबाव बन जाएग। इस दबाव को हटा कर खेलना शुरू करते हैं।
9. डू ऑर डाई रेड का नियम एक रेडर के लिए क्या चुनौतियां लेकर आता है और क्या इससे आपका प्रदर्शन खराब होता है या और बेहतर हो जाता है?
यह नियम टीम के लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि कोई टीम दो-तीन अंक आगे हो जाए तो वो लगातार खाली रेड करते जाते हैं। इससे दूसरी टीम को वापसी करने का मौका नहीं मिलता है। सोच-समझकर ही यह नियम लाया गया है। यह नियम आने के बाद मैच में पीछे चल रही टीम के पास भी वापसी करने का मौका होता है, (क्योंकि तीसरी रेड में रेडर अंक बटोरने की कोशिश करता है और कई बार आउट भी हो जाता है।)