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पाकिस्तान: जबरन धर्मांतरण के मामलों में 70 फीसदी से ज्यादा नाबालिग लड़कियां शामिल

एजेंसी, इस्लामाबाद
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 11 Jan 2022 05:37 AM IST

सार

पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण के मामले 2020 में 15 थे जबकि 2021 में ये 60 से भी ज्यादा हो गए हैं। देश में हर साल 1,000 लड़कियां अगवा होती हैं और उन्हें धार्मिक पहचान बदलने को बाध्य किया जाता है।

धर्म परिवर्तन (प्रतीकात्मक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला

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पाकिस्तान भले ही भारत पर झूठे आरोप मढ़े, लेकिन धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर वहीं पर सवाल उठते रहे हैं। देश के अल्पसंख्यक पार्षदों ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताई, क्योंकि देश में धर्मांतरण बढ़ रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाक में जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों में 70 फीसदी से ज्यादा नाबालिग लड़कियां शामिल हैं। ‘द नेशन’ के मुताबिक, देश में ऐसे मामले 2020 में 15 थे जबकि 2021 में ये 60 से भी ज्यादा हो गए हैं। देश में हर साल 1,000 लड़कियां अगवा होती हैं और उन्हें धार्मिक पहचान बदलने को बाध्य किया जाता है।

अपहरण के बाद लड़कियों की शादी कर दी जाती है और उन्हें इस प्रथा से बचाने के लिए कोशिश तक नहीं होती है। हाल ही में 13 व 19 वर्ष की दो हिंदू लड़कियों को एक ईसाई लड़की के साथ अगवा कर धर्मांतरण के बाद 40 वर्षीय पुरुषों से शादी की गई। द नेशन के अनुसार, चिंता का विषय यह है कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो ऐसी घटनाओं को रोकता हो।

द नेशन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक हाल की वर्षों में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और ऐसे अन्य मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस्लाम खबर ने भी एक रिपोर्ट दी है जिसके मुताबिक, 1947 में पाकिस्तान के जन्म के बाद से देश में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले बढ़े हैं। 

विस्तार

पाकिस्तान भले ही भारत पर झूठे आरोप मढ़े, लेकिन धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर वहीं पर सवाल उठते रहे हैं। देश के अल्पसंख्यक पार्षदों ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताई, क्योंकि देश में धर्मांतरण बढ़ रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाक में जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों में 70 फीसदी से ज्यादा नाबालिग लड़कियां शामिल हैं। ‘द नेशन’ के मुताबिक, देश में ऐसे मामले 2020 में 15 थे जबकि 2021 में ये 60 से भी ज्यादा हो गए हैं। देश में हर साल 1,000 लड़कियां अगवा होती हैं और उन्हें धार्मिक पहचान बदलने को बाध्य किया जाता है।

अपहरण के बाद लड़कियों की शादी कर दी जाती है और उन्हें इस प्रथा से बचाने के लिए कोशिश तक नहीं होती है। हाल ही में 13 व 19 वर्ष की दो हिंदू लड़कियों को एक ईसाई लड़की के साथ अगवा कर धर्मांतरण के बाद 40 वर्षीय पुरुषों से शादी की गई। द नेशन के अनुसार, चिंता का विषय यह है कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो ऐसी घटनाओं को रोकता हो।

द नेशन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक हाल की वर्षों में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और ऐसे अन्य मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस्लाम खबर ने भी एक रिपोर्ट दी है जिसके मुताबिक, 1947 में पाकिस्तान के जन्म के बाद से देश में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले बढ़े हैं। 

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