Panchak March 2022: सनतान धर्म के अनुसार कोई भी शुभ कार्य शुभ समय और मुहूर्त देखकर किया जाता है, जिससे वह कार्य हमेशा सफल हो और उसमें वृद्धि हो। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि अशुभ समय में या बिना मुहूर्त देखकर कोई कार्य किया जाता है तो उसमें सफलता नहीं मिलती है। वैदिक पंचांग के अनुसार आज फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष कि चतुर्दशी है और आज का दिन महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। लेकिन आज से ही पंचक भी आरंभ हो रहा है। ज्योतिषशास्त्र की मानें तो पंचक को अशुभ माना जाता है। इस दौरान कुछ ऐसे विशेष कार्य हैं जिसे करना वर्जित माना जाता है। मान्यता है कि अग्नि पंचक में मंगल से जुड़ी चीजों का प्रयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए तथा अग्नि से बचना चाहिए। इस दौरान क्रोध से दूर रहना चाहिए और वाणी को मधुर बनाना चाहिए। आइए जानते हैं क्या है पंचक का समय और ऐसे कौन से कार्य हैं जिन्हें इस दौरान वर्जित माना जाता है।
क्या है पंचक
जब चंद्रमा का गोचर घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में होता है तो पंचक की स्थिति उत्पन्न होती है। वहीं जब चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होता है, तो भी ‘पंचक’ लगता है। पंचक को ‘भदवा’ के नाम से जाना जाता है। चंद्रमा गोचर में जब कुंभ और मीन राशि में स्थित होता है तो यह समय पंचक का माना जाता है। पंचक की समय अवधि पांच दिन की होती है। इसलिए इसे पंचक कहा जाता है।
पंचक का समय
पंचक आरंभ: 1 मार्च को सायं 4: 31 मिनट से
पंचक समाप्त: 6 मार्च तड़के 2: 29 मिनट
कैसे तय होते हैं पंचक के नाम
पंचक के नाम दिन के आधार पर तय किए जाते हैं। रविवार से शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक, सोमवार से प्रारंभ होने पर राज पंचक, मंगलवार के दिन जब पंचक प्रारंभ होता है तो इसे अग्नि पंचक, शुक्रवार से प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक और शनिवार से प्रारंभ होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। वैसे तो पंचक में शुभ कार्य नहीं किए जाते लेकिन बुधवार और गुरुवार से पंचक प्रारंभ होता है तो पंचक के पांच कार्यों के अतिरिक्त अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं। आज लगने वाला पंचक अग्नि पंचक है।
पंचक के दौरान इन कार्यों की है मनाही
- पंचक के दौरान चारपाई नहीं बनवानी चाहिए, ऐसे करने से व्यक्ति के ऊपर संकट आने की संभावना बनी रहती है।
- पंचक के दौरान घास, लकड़ी, आदि जलने वाली वस्तुएं एकत्र नहीं करनी चाहिए।
- पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यह दिशा यम और पितरों की मानी गई है। इसलिए इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।
- पंचक के दौरान घर की छत नहीं बनवानी चाहिए, ऐसा करने से घर में क्लेश और धन की हानि हो सकती है।
- पंचक के दौरान जो अंतिम कार्य निषेध माना गया है उसके अनुसार अंतिम शय्या का निर्माण पंचकों के दौरान नहीं करना चाहिए।