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Natural Calamities in India: भारत को राष्ट्रीय आपदा पूल की जरूरत क्यों है, अब तक कितने का नुकसान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: प्रतिभा ज्योति
Updated Fri, 26 Nov 2021 07:56 PM IST

सार

प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाओं के कारण इस रिपोर्ट के अहम मायने हैं, क्योंकि भारत दुनिया में सबसे अधिक आपदा-संभावित देशों में से एक है और नुकसान भी ज्यादा हो रहा है।  
 

बिहार में बाढ़
– फोटो : BBC

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विस्तार

प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूस्खलन, तूफान, भूकंप, बाढ़ और सूखे के निशाने पर भारत है। 1900 से अब तक 756 प्राकृतिक आपदाओं की संख्या में अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरे स्थान पर है।  भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1900-2000 के दौरान 402 आपदाएं और 2001-21 के दौरान 354 आपदाएं भारत पर आईं। प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं में वृद्धि और गंभीरता को देखते हुए इस रिपोर्ट में एक राष्ट्रीय आपदा पूल बनाने का आह्वान किया गया है। 

नुकसान की रिपोर्टिंग में बड़ा अंतर

रिपोर्ट में यह भी कहा गया  है कि प्राकृतिक आपदाओं से जो नुकसान हुआ है उसकी रिपोर्टिंग में बहुत बड़ा अंतर है (देश के लिए केवल 193 घटनाओं के नुकसान के आंकड़े उपलब्ध हैं) और मौजूदा आकलन पद्धति में भी समस्याएं हैं। आकलन यह भी है कि  हाल ही में, प्राकृतिक आपदाओं, विशेषकर चक्रवातों की तीव्रता और आवृत्ति में भी कई गुना वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए, पश्चिमी तट (महाराष्ट्र, गुजरात) पर चक्रवातों की आवृत्ति बढ़ रही है, जो पहले कभी नहीं देखी गई थी। 

2001 से अब तक 100 करोड़ लोग प्रभावित

एसबीआई ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा 2001 से अब तक कुल 100 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और इन आपदाओं के कारण लगभग 83,000 लोगों की जान चली गई है।  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ सौम्य कांति घोष ने कहा, “प्राकृतिक आपदा जोखिमों से बचाव के लिए एक राष्ट्रीय आपदा पूल बनाकर सार्वजनिक-निजी समाधान एकमात्र रास्ता है।  उनके मुताबिक 2020 की बाढ़ से कुल आर्थिक नुकसान 7.5 अरब डॉलर या 52,500 करोड़ रुपये था, लेकिन बीमा  केवल 11 प्रतिशत था।  उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इसका बीमा किया होता, तो 60,000 करोड़ रुपये के बीमा राशि का प्रीमियम सिर्फ 13,000-15,000 करोड़ रुपये होता।

1900 से अब तक 144 अरब डॉलर का नुकसान

घोष के मुताबिक ‘1900 के बाद से, हमें प्राकृतिक आपदाओं के कारण 144 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है। बाढ़ से सबसे अधिक 86.8 अरब डॉलर और उसके बाद तूफान से 44.7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। यदि इन नुकसानों को मौजूदा कीमतों के साथ जोड़ा जाए तो नुकसान लगभग 87 अरब अमरीकी डालर या 13 लाख करोड़ रुपये का है।’ घोष ने कहा कि, वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से जोखिम की समझ में महत्वपूर्ण विकास हुआ है। 1989 से फ्रांस के पास एक राष्ट्रव्यापी बीमा योजना है।

 

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