वेलेंटाइन डे के दिन जन्मी मधुबाला अपने जमाने की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री थीं। मधुबाला की खूबसूरती और उनकी एक्टिंग का हर कोई कायल था।आज मधुबाला की पुण्यतिथि है। 23 फरवरी 1969 को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था। दुनिया को अलविदा कहने से पहले मधुबाला 9 साल तक बिस्तर पर पड़ी रहीं। मधुबाला के दिल में छेद था, जिसका उस दौर में कोई ख़ास इलाज नही था। वैसे तो मधुबाला के बारे में आपने काफी कुछ पढ़ा और सुना होगा लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं वे अपने आखिरी दिनों में कैसी थीं।
मधुबाला की बहन मधुर भूषण ने उनके आखिरी दिनों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया था। वे कहती हैं, मधुबाला के दिल में छेद का पता तब चला जब वह 1954 में मद्रास में एसएस वासन की ‘चालाक’ की शूटिंग कर रही थीं हालांकि ये फिल्म कभी पूरी नहीं हो पाई। वो खून की उल्टियां करती थी। मधुबाला को तीन महीने बेड रेस्ट की सलाह दी गई थी लेकिन वह काम करती रही।
मुगल-ए-आजम की शूटिंग के दौरान उसे जंजीरों से बांध दिया जाता था। पूरे दिन वे इसी जंजीर में जकड़ी रहती थी। शूटिंग खत्म होने के बाद उसके हाथ नीले पड़ जाते थे। दिल की बीमारी के वजह से उनकी हालत खराब होती गई। डॉक्टरों ने कहा था कि वह सिर्फ दो साल जिंदा रह पाएंगी।
वह शूटिंग में खाना खाने से भी मना कर देती थी क्योंकि उसे जेल के दृश्यों के लिए दुखी और थका हुआ दिखना होता था। उनके शरीर में आवश्यक मात्रा से ज्यादा खून बनने लगता था और ये खून उनकी नाक और मुंह से बाहर आता था। मधुबाला को एक दो नहीं बल्कि कई गंभीर बीमारियां थीं, जिनके चलते ना सिर्फ मधुबाला का करियर खत्म हो गया बल्कि इसने उनकी जिंदगी को लील लिया।
डॉक्टर घर आकर उनके शरीर से खून निकालते थे। वह फेफड़ों की बीमारी से भी पीड़ित थी। अपने आखिरी दिनों में वह हर समय खांसती रहती थी। हर चार से पांच घंटे में उसे ऑक्सीजन देनी पड़ती थी नहीं तो उसकी सांस फूल जाती थी। वह नौ साल तक बिस्तर पर पड़ी रही। उसके शरीर में सिर्फ हड्डियां बची थीं। खुद को देखकर वह हमेशा रोती रहती और कहती, ‘मुझे ज़िंदा रहना है, मुझे मरना नहीं है, डॉक्टर कब इलाज निकालेंगे।’
