कोरोना महामारी के चलते हमारे जीवन में व्यापक परिवर्तन आया है। वहीं देश में अभी भी कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का संक्रमण का लगातार फैलता ही जा रहा है। संक्रमित लोगों की संख्या आए दिन बढ़ रही है। यहां तक की कोरोना की वजह से हमारे आप-पास के नियमों में भी कई बदलाव किए गए हैं, जिनका सीधा असर हमारे ऊपर पड़ा है। इसी क्रम में लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों ने भी अपने नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिसके बारे में जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। दरअसल, लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों का ये नया नियम खासकर कोविड की चपेट में आ चुके लोगों को पर असर डाल रहा है। अगर आप भी लाइफ इंश्योरेंस लेने की सोच रहे हैं और आप कोविड से ग्रस्त रह चुके हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है। कंपनियों ने इन लोगों के लिए नियम में थोड़ा परिवर्तन कर दिया है। आइए जानते हैं ये क्या है?
- हाल ही में जिन लोगों को कोविड-19 का संक्रमण हुआ है और वो अपने लिए लाइफ इंश्योरेंस लेना चाहते हैं, तो उनको ये पॉलिसी लेने से पहले कम से कम तीन महीने का इंतजार करना पड़ेगा। जीवन बीमा कंपनियों ने इन परिस्थितियों में ऐसे लोगों के लिए इंश्योरेंस लेने का वेटिंग पीरीयड तीन महीने कर दिया है, जो लोग कोविड से ग्रस्त रह चुके हैं।
क्यों हुआ नियम में बदलाव
- देश में कोविड से बीते लगभग दो सालों में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके चलते लाइफ इश्योरेंस कंपनियों के पास भारी संख्या में डेथ क्लेम आए हुआ हैं। यही कारण है कि कंपनियों का खर्च बहुत ज्यादा बढ़ा है। इसी वजह से अब तीन महीने के वेटिंग पीरियड वाला नियम लाया गया है।
3 महीने का ही वेटिंग पीरियड क्यों
- दरअसल, कोविड की चपेट में आने के तीन महीने के बाद संक्रमण से पूरी तरह मुक्त होने की उम्मीद होती है। लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां भी इसी समय तक इंतजार करती हैं। तीन महीने के बाद जीवन बीमा कंपनियां अपने नुकसान की संभावनाओं के मद्देनजर खतरे की आशंकाओं के उचित आकलन के बाद ही बीमा मुहैया कराती हैं।
- इसके अलावा री-इंश्योरेंस कंपनियों ने भी जीवन बीमा कंपनियों को कोविड झेल चुके लोगों के लिए तीन महीने का वेटिंग पीरियड जरूर रखने को कहा है। दरअसल, बीमा कंपनियों ने भी अपना इंश्योरेंस कराया होता है। इनको बीमा देने वाली कंपनियों को री-इंश्योरेंस कंपनियां कहा जाता है।
