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Karnataka Anti-Conversion Bill: भाजपा ने बिल में 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने का किया प्रावधान, विधानसभा में करेगी पेश

सार

कर्नाटक में भाजपा सरकार ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक में  सामूहिक धर्मांतरण में शामिल लोगों को तीन से 10 साल की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान है। बिल में कहा कि धार्मिक परिवर्तनकर्ता इस तरह के रूपांतरण के फॉर्म- द्वितीय में एक महीने की पूर्व सूचना जिला मजिस्ट्रेट या किसी अन्य अधिकारी को देगा जो अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के पद से नीचे का न हो।
 

conversion- सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला

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कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए तैयार भाजपा सरकार विधानमंडल सत्र में ‘प्रस्तावित धर्मांतरण विरोधी विधेयक’ को पेश करने की तैयारी कर रही है। इस बिल में सामूहिक धर्मांतरण में शामिल लोगों को तीन से 10 साल की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान है।

विधेयक में कहा गया है कि धार्मिक परिवर्तनकर्ता इस तरह के रूपांतरण के फॉर्म- द्वितीय में एक महीने की पूर्व सूचना जिला मजिस्ट्रेट या किसी अन्य अधिकारी को देगा जो अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के पद से नीचे का न हो।

इसके साथ ही ‘द कर्नाटक प्रोटेक्शन ऑफ राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल-2021’ की ड्राफ्ट कॉपी के अनुसार, गैरकानूनी धर्मांतरण या इसके विपरीत टवील के एकमात्र उद्देश्य के लिए किए गए विवाह को शून्य घोषित कर दिया गया है। नए धर्मांतरण विरोधी विधेयक में कहा गया है कि गलत बयानबाजी, जबरन, धोखाधड़ी, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन या शादी के जरिए एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन की मनाही है।
 

हालांकि, यह अधिनियम अपने तत्काल पिछले धर्म में पुन: परिवर्तित करने के लिए अधिनियम के दंड प्रावधानों को आकर्षित नहीं करेगा। अधिनियम की धारा 3 में कहा गया है, बशर्ते कि यदि कोई व्यक्ति अपने तत्काल पिछले धर्म में परिवर्तित हो जाता है, तो उसे इस अधिनियम के तहत धर्मांतरण नहीं माना जाएगा।
 

प्रस्तावित कानून के तहत कोई भी पीड़ित व्यक्ति, जो धारा-3 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उसके माता-पिता, भाई, बहन, या कोई अन्य व्यक्ति, जो उससे खून, शादी या गोद लेने से संबंधित है, ऐसे रूपांतरण की पहली सूचना रिपोर्ट दर्ज कर सकता है।

विस्तार

कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए तैयार भाजपा सरकार विधानमंडल सत्र में ‘प्रस्तावित धर्मांतरण विरोधी विधेयक’ को पेश करने की तैयारी कर रही है। इस बिल में सामूहिक धर्मांतरण में शामिल लोगों को तीन से 10 साल की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान है।


विधेयक में कहा गया है कि धार्मिक परिवर्तनकर्ता इस तरह के रूपांतरण के फॉर्म- द्वितीय में एक महीने की पूर्व सूचना जिला मजिस्ट्रेट या किसी अन्य अधिकारी को देगा जो अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के पद से नीचे का न हो।

इसके साथ ही ‘द कर्नाटक प्रोटेक्शन ऑफ राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल-2021’ की ड्राफ्ट कॉपी के अनुसार, गैरकानूनी धर्मांतरण या इसके विपरीत टवील के एकमात्र उद्देश्य के लिए किए गए विवाह को शून्य घोषित कर दिया गया है। नए धर्मांतरण विरोधी विधेयक में कहा गया है कि गलत बयानबाजी, जबरन, धोखाधड़ी, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन या शादी के जरिए एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन की मनाही है।

 

हालांकि, यह अधिनियम अपने तत्काल पिछले धर्म में पुन: परिवर्तित करने के लिए अधिनियम के दंड प्रावधानों को आकर्षित नहीं करेगा। अधिनियम की धारा 3 में कहा गया है, बशर्ते कि यदि कोई व्यक्ति अपने तत्काल पिछले धर्म में परिवर्तित हो जाता है, तो उसे इस अधिनियम के तहत धर्मांतरण नहीं माना जाएगा।

 

प्रस्तावित कानून के तहत कोई भी पीड़ित व्यक्ति, जो धारा-3 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उसके माता-पिता, भाई, बहन, या कोई अन्य व्यक्ति, जो उससे खून, शादी या गोद लेने से संबंधित है, ऐसे रूपांतरण की पहली सूचना रिपोर्ट दर्ज कर सकता है।

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