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ITR Filing Last Date: आईटीआर भरने का आज आखिरी मौका, दाखिल करते समय इन बातों का रखें ध्यान

ITR Filing Last Date: आईटीआर भरने का आज आखिरी मौका, दाखिल करते समय इन बातों का रखें ध्यान

इनकम टैक्स रिटर्न भरने का आज आखिरी मौका है। इसे भरने के लिए अंतिम तिथि को दो बार बढ़ाने के बाद 31 दिसंबर निर्धारित किया गया था, जो समय सीमा आज समाप्त हो रही है। ऐसे में इसके आगे बढ़ने की उम्मीद करने से बेहतर है कि आज ही अपना रिटर्न फाइल कर दें। हम आपको बता रहे हैं कि आईटीआर भरते समय कौन सी अहम बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।  

एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य
इनकम टैक्स भरना एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य होता है। इसे भरने के लिए कुछ नियम भी तय किए गए हैं। जैसे, यदि कोई व्यक्ति 60 साल से कम उम्र का है, और सालाना 2.5 लाख रुपये कमाता है। उस व्यक्ति को इनकम टैक्स में छूट मिलती है। वहीं यदि किसी व्यक्ति की कुल कमाई टैक्स छूट की सीमा से ज्यादा होती है, तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न देना होता है। इसके साथ ही 60 साल से अधिक और 80 साल से कम उम्र के सीनियर सिटीजन की टैक्स छूट सीमा 3 लाख रुपये है। जबकि 80 साल से भी अधिक सूपर सीनियर सिटीजन के लिय सीमा 5 लाख रुपये है। 

इन जरूरी दस्तावेजों को रखें पास
ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से इसे भरा जा सकता है। इस काम को करने से पहले ये सुनिश्चित करना जरूरी है कि इसके लिए मांगे जाने वाले सभी जरूरी दस्तावेज जैसे पैन, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट नंबर अपने पास मौजूद हों। खासतौर से जो पहली बार आयकर रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं, उनके लिए ये खबर बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर ये दस्तावेज आपके पास नहीं होंगे को आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया बीच में ही अटक जाएगी। 

नौकरीपेशा के लिए फॉर्म 16 जरूरी 
सभी नौकरीपेशा लोगों के लिए फॉर्म-16 सबसे अहम दस्तावेज होता है। इसकी मदद से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया जाता है। यह दस्तावेज किसी भी कर्मचारी को उसकी कंपनी की तरफ से दिया जाता है। इसमें कर्मचारी की सैलरी से टैक्स कटने की पूरी जानकारी मौजूद होती है और साथ ही दी गई सैलरी की भी जानकारी होती है। 

टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्रूफ
बहुत से लोग टैक्स बचाने के लिए कुछ टैक्स सेविंग निवेश करते हैं। जो लोग ये दस्तावेज अपने नियोक्ता को तय समय में नहीं दे पाते हैं, उन्हें आयकर रिटर्न फाइल करते समय इसका प्रूफ देने की जरूरत होती है। ये टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्रूफ एलआईसी प्रीमियम की रसीद, पीपीएफ में निवेश की पासबुक, ईएलएसएस का सबूत, दान की रसीद, ट्यूशन फीस की रसीद आदि हो सकती है।

ब्याज से आय का प्रमाणपत्र
अगर आपने किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में कोई एफडी कराई या फिर किसी और ब्याज मिलने वाली स्कीम में पैसे जमा किए हैं तो ब्याज से हुई आय का सर्टिफिकेट या फिर बैंक स्टेटमेंट भी रखना जरूरी है, ताकि आप उसकी सही जानकारी आयकर रिटर्न फाइल करते वक्त भर सकें। बता दें कि आप आयकर कानून की धारा 80 टीटीए के तहत 10 हजार रुपये तक की ब्याज से हुई कमाई पर टैक्स छूट पा सकते हैं।

मेडिकल बीमा समेत अन्य खर्चों का प्रमाण
सेक्शन 80डी के तहत आप 25 हजार रुपये तक हेल्थ इंश्योंरेस प्रीमियम पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। ये इंश्योरेंस पॉलिसी आपके लिए, आपके जीवनसाथी के लिए, बच्चों के लिए हो सकती हैं। अगर आप सीनियर सिटिजन हैं तो आप 50 हजार रुपये तक हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट पा सकते हैं। तो इन सबकी रसीद भी आयकर रिटर्न फाइल करते वक्त अपने साथ रखें।

एआईएस का ध्यान रखना है जरूरी
इस बार इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों का सामना एक एक नए स्टेटमेंट होने वाला है, जिसका नाम एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट एआईएस है। नौकेरी पेशा लोगों के लिए इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है, नहीं तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, हाल ही में आयकर विभाग ने घोषणा की थी कि करदाता अब ई-फाइलिंग पोर्टल पर सालभर के अपने लेखा-जोखा या वार्षिक सूचना विवरण हासिल कर सकते हैं।  एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट एआईएस में एक वित्त वर्ष के सारे वित्तीय लेन-देन का लेखा-जोखा होगा। अभी तक ये जानकारी फॉर्म 26एएस में मिलती थी, लेकिन एआईएस फॉर्म 26एएस का एक्सटेंशन है। 

एआईएस को इस तरह से समझें
आयकर विभाग के एक ट्वीट में कहा गया है कि नया वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) देखें। यह करदाताओं के बारे में आयकर विभाग के पास उपलब्ध जानकारी का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है। नए एआईएस में ब्याज, लाभांश, प्रतिभूति लेनदेन, म्यूचुअल फंड लेनदेन और विदेशी रेमिटेंस से संबंधित जानकारी प्रदान करता है। यानी एआईएस एक व्यापक विवरण है, जिसमें एक वित्तीय वर्ष में आपके द्वारा किए गए सभी वित्तीय लेनदेन का विवरण होता है, यानी इसमें वह जानकारी होती है जो आयकर अधिनियम, 1961 के तहत निर्दिष्ट होती है। एआईएस में विभिन्न स्रोतों से अर्जित आय से संबंधित जानकारी होती है, जैसे- वेतन, लाभांश, बचत खाते से ब्याज, रिकरिंग डिपॉजिट (RD), इक्विटी शेयरों की खरीद-बिक्री, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड आदि। इसके अलावा स्टेटमेंट में TDS, TCS और टैक्स डिमांड या रिफंड से संबंधित जानकारी भी होती है।

आज न भरा तो देना होगा जुर्माना
अगर आपकी वार्षिक आमदनी 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है, फिर भी आप इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं, तो आपको इसके लिए जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा आपको अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। नियम के मुताबिक, 31 दिसंबर 2021 के बाद 2021-22 एसेसमेंट ईयर के लिए रिटर्न भरने पर 5,000 रुपये की पेनल्टी देनी होगी। 31 मार्च 2022 के बाद 2021-22 एसेसमेंट ईयर के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।

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