31 दिसंबर है आईटीआर भरने की अंतिम तिथि
गौरतलब है कि इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर निर्धारित है और इसके आगे बढ़ने की कोई भी उम्मीद नहीं है। पेनॉल्टी से बचने के लिए आपको इस तय तिथि तक अपना रिटर्न दाखिल करना है। आपको बता दें 31 दिसंबर 2021-22 एसेसमेंट ईयर के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख है इसके बाद रिटर्न दाखिल करने पर पेनाल्टी भरना पड़ेगा। आयकर विभाग ने भी ट्वीट कर लोगों से अपील भी की है कि वे जल्द से जल्द आयकर रिटर्न भर लें।
विभाग भेज रहा लगातार रिमाइंडर
करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने के लिए जागरूक करने के लिए आयकर विभाग लगातार रिमाइंडर भेज रहा है। विभाग की ओर से उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर मैसेज पहुंचाए जा रहे हैं कि प्रिय पैन नंबर, अब एसेसटमेंट ईयर 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने का एक अच्छा समय है. अभी फाइल करें। ये मैसेज सभी के फोन में रिमाइंडर की तरह भेजा जा रहा है। विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से घर बैठे ही आसानी से अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
एआईएस का ध्यान रखना है जरूरी
इस बार इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों का सामना एक एक नए स्टेटमेंट होने वाला है, जिसका नाम एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट एआईएस है। नौकेरी पेशा लोगों के लिए इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है, नहीं तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, हाल ही में आयकर विभाग ने घोषणा की थी कि करदाता अब ई-फाइलिंग पोर्टल पर सालभर के अपने लेखा-जोखा या वार्षिक सूचना विवरण हासिल कर सकते हैं। एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट एआईएस में एक वित्त वर्ष के सारे वित्तीय लेन-देन का लेखा-जोखा होगा। अभी तक ये जानकारी फॉर्म 26एएस में मिलती थी, लेकिन एआईएस फॉर्म 26एएस का एक्सटेंशन है।
एआईएस को इस तरह से समझें
आयकर विभाग के एक ट्वीट में कहा गया है कि नया वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) देखें। यह करदाताओं के बारे में आयकर विभाग के पास उपलब्ध जानकारी का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है। नए एआईएस में ब्याज, लाभांश, प्रतिभूति लेनदेन, म्यूचुअल फंड लेनदेन और विदेशी रेमिटेंस से संबंधित जानकारी प्रदान करता है। यानी एआईएस एक व्यापक विवरण है, जिसमें एक वित्तीय वर्ष में आपके द्वारा किए गए सभी वित्तीय लेनदेन का विवरण होता है, यानी इसमें वह जानकारी होती है जो आयकर अधिनियम, 1961 के तहत निर्दिष्ट होती है। एआईएस में विभिन्न स्रोतों से अर्जित आय से संबंधित जानकारी होती है, जैसे- वेतन, लाभांश, बचत खाते से ब्याज, रिकरिंग डिपॉजिट (RD), इक्विटी शेयरों की खरीद-बिक्री, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड आदि। इसके अलावा स्टेटमेंट में TDS, TCS और टैक्स डिमांड या रिफंड से संबंधित जानकारी भी होती है।
1.38 करोड़ करदाताओं को रिफंड जारी
सीबीडीटी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, एक अप्रैल से 20 दिसंबर 2021 के बीच 1.38 करोड़ टैक्सपेयर्स को 1,44,328 करोड़ रुपये का रिफंड दिया जा चुका है। वहीं 49,194 करोड़ रुपये का रिफंड 1,35,35,261 मामलों में और 95,133 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स रिफंड 2,11,932 मामलों में जारी किया गया है। इसमें 20,451.95 करोड़ रुपये का रिफंड 2021-22 एसेसटमेंट ईयर के लिए है।