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INTERVIEW: ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं टेबल टेनिस की युवा सनसनी सुहानी, इस चीनी खिलाड़ी को मानती हैं आदर्श

सार

सुहानी की फिलहाल उत्तर प्रदेश राज्य स्तर पर अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 लेवल पर फर्स्ट रैंक है। महिलाओं में उनकी थर्ड रैंकिंग है।
 

सुहानी महाजन और उनके कोच विभोर खरे (दाएं)
– फोटो : सोशल मीडिया

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली सुहानी महाजन ने देहरादून में सात से 14 दिसंबर के बीच खेले गए इंडिया नेशनल टेबल टेनिस टूर्नामेंट में अंडर-15 यूथ गर्ल्स कैटेगरी में तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने अपने खेल से कई अच्छी खिलाड़ियों को हारने पर मजबूर कर दिया और प्रदेश का नाम रोशन किया।

सुहानी ने इस जीत के लिए काफी मेहनत की है। उन्होंने हर रोज सात घंटे की ट्रेनिंग की और फिटनेस पर भी ध्यान दिया। सुहानी का सपना ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है। आइए देखते हैं अमर उजाला से सुहानी की बातचीत के प्रमुख अंश…

सवाल: कई दिग्गज खिलाड़ियों को हराने के बाद कैसा महसूस कर रही हैं?
जवाब: बहुत खुश हूं। काफी अच्छा महसूस कर रही हूं। 
सवाल: टूर्नामेंट में किस खिलाड़ी से सबसे ज्यादा चुनौती मिली?
जवाब: बंगाल की दिया ब्रह्मचारी और प्री-क्वार्टरफाइनल्स में महाराष्ट्र की स्वरदा साने से अच्छी चुनौती मिली। काफी नजदीकी मैच थे। इन दोनों को मैंने एक सेट से हराया।

सवाल: टूर्नामेंट में आपके लिए सबसे शानदार पल कौन सा रहा?
जवाब: जब मैं अपना क्वार्टरफाइनल मैच जीती थी, तो मैं इस बात से खुश थी कि एक मेडल मेरे पास आ गया है। मैं इसको लेकर काफी उत्साहित थी। 

सवाल: टेबल टेनिस में आपका आइडल एथलीट कौन है?
जवाब: मुझे चीन की टेबल टेनिस खिलाड़ी लियू शिवेन को खेलते देखना पसंद है। शिवेन एक शानदार खिलाड़ी हैं और मेरी आदर्श हैं। भारत से महाराष्ट्र की दिया चितले मुझे पसंद हैं। 

सवाल: टेबल टेनिस में रुचि कैसे बढ़ी? कब से खेलना शुरू किया?
जवाब: मैं छह साल की उम्र से टेबल टेनिस सीख रही हूं। मुझे यह गेम खेलते हुए सात साल हो चुके हैं। मैं गाजियाबाद के जेकेजी टेबल टेनिस अकेडमी में ट्रेनिंग लेती हूं। इसके कोच विभोर खरे ने मेरी काफी मदद की। पिछले सात साल से मैं इसी अकेडमी में ट्रेनिंग ले रही हूं। मैं दिल्ली पब्लिक स्कूल गाजियाबाद वसुंधरा की छात्रा हूं। 
सवाल: आपका आगे का क्या लक्ष्य है?
जवाब: टेबल टेनिस में मेरी फिलहाल उत्तर प्रदेश राज्य स्तर पर अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 लेवल पर फर्स्ट रैंक है। महिलाओं की रैंकिंग में मेरी रैंकिंग थर्ड है। मैं ओलंपिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती हूं और देश के लिए मेडल जीतना चाहती हूं। इस साल ओलंपिक में भारत ने सात मेडल जीते। एक भारतीय होने के नाते इस उपलब्धि पर मुझे बेहद गर्व है।

सात घंटे प्रैक्टिस करती हैं सुहानी
सुहानी के पिता सुमित महाजन और मां अंशी राज महाजन दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। सुमित बताते हैं कि सुहानी की सफलता के पीछे उनकी मेहनत और लगन छिपी है। सुहानी हर दिन सात घंटे की प्रैक्टिस करती हैं। स्कूल जाने से पहले वह तीन घंटे की ट्रेनिंग लेती हैं और स्कूल से आने के बाद चार घंटे प्रैक्टिस करती हैं। 

मां अंशी ने भी फिटनेस का ख्याल रखा
सुमित बताते हैं कि कोरोना के समय सुहानी ऑनलाइन ट्रेनिंग ले रही थी और ऑनलाइन माध्यम से ही फिटनेस पर ध्यान देती थी। मां अंशी ने भी फिटनेस को लेकर सुहानी की काफी देखभाल की। सुहानी की एक नौ साल की छोटी बहन भी है। उसका नाम सुमैरा है।
मेंटर के तौर पर साथ हैं पिता सुमित
सुमित बताते हैं कि एक पिता और मेंटर के तौर पर मैं सुहानी के साथ हर जगह और हर शहर की यात्रा  कर रहा था। वह साल में सात से आठ महीने सुहानी के मेंटर के तौर पर उनके साथ रहते हैं। पिछले सात साल से यही शेड्यूल है। सुमित ने अमर उजाला से बताया कि बेटी को नेशनल पोडियम पर मेडल के साथ देखना सपना सच होने जैसा है।

ओलंपिक पोडियम पर देखना चाहता हूं
उन्होंने बताया कि यही हमारा पहला टारगेट था। सुमित ने कहा कि हम अब सुहानी को ओलंपिक पोडियम पर पहले स्थान पर देखना चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि सुहानी एक दिन मेडल जरूर जीतेगी। साथ ही मैं सुहानी को मेडल मिलते वक्त बैकग्राउंड में अपना राष्ट्रगान सुनना चाहता हूं। 

परिवार को खिलाड़ी की मदद करनी चाहिए
सुमित ने कहा कि इसके लिए हम हमेशा सुहानी की हर संभव मदद करते रहेंगे। एक स्पोर्ट्सपर्सन को उसके परिवार से सपोर्ट मिलना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुहानी की कामयाबी के लिए मै दिल्ली पब्लिक स्कूल वसुंधरा और प्रिंसिपल त्रिलोक सिंह और हेड कोच विभोर और बाकी सभी कोच को भी धन्यवाद देता हूं।

विस्तार

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की रहने वाली सुहानी महाजन ने देहरादून में सात से 14 दिसंबर के बीच खेले गए इंडिया नेशनल टेबल टेनिस टूर्नामेंट में अंडर-15 यूथ गर्ल्स कैटेगरी में तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने अपने खेल से कई अच्छी खिलाड़ियों को हारने पर मजबूर कर दिया और प्रदेश का नाम रोशन किया।

सुहानी ने इस जीत के लिए काफी मेहनत की है। उन्होंने हर रोज सात घंटे की ट्रेनिंग की और फिटनेस पर भी ध्यान दिया। सुहानी का सपना ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना है। आइए देखते हैं अमर उजाला से सुहानी की बातचीत के प्रमुख अंश…

सवाल: कई दिग्गज खिलाड़ियों को हराने के बाद कैसा महसूस कर रही हैं?

जवाब: बहुत खुश हूं। काफी अच्छा महसूस कर रही हूं। 

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