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Inflation: आम आदमी को मिली राहत, थोक महंगाई जनवरी में घटकर 12.96 फीसदी पर आई

Inflation: आम आदमी को मिली राहत, थोक महंगाई जनवरी में घटकर 12.96 फीसदी पर आई

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Mon, 14 Feb 2022 12:37 PM IST

सार

Wholesale Inflation Fell To 12.96% In January: महंगाई के मोर्च पर देश के आम आदमी को थोड़ी राहत मिली है। दरअसल, थोक महंगाई (मुद्रास्फीति) जनवरी 2022 में गिरकर 12.96 फीसदी (अनंतिम) के स्तर पर आ गई है। इससे पिछले महीने दिसंबर 2021 में यह आंकड़ा 13.56 फीसदी था।

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महंगाई के मोर्च पर देश के आम आदमी को थोड़ी राहत मिली है। दरअसल, थोक महंगाई (मुद्रास्फीति) जनवरी 2022 में गिरकर 12.96 फीसदी (अनंतिम) के स्तर पर आ गई है। इससे पिछले महीने दिसंबर 2021 में यह आंकड़ा 13.56 फीसदी था। गौरतलब है कि बीते साल नवंबर में थोक महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। नवंबर 2021 में 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए थोक महंगाई दर 14.87 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी।  

लगातार दसवें महीने दोहरे अंकों में
यह लगातार दसवां महीना है, जब थोक महंगाई की दोहरे अंकों में बनी हुई है। एक साल पहले की तुलना में देखें तो थोक महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2021 में थोक महंगाई दर का आंकड़ा काफी नीचे  2.51 फीसदी पर था। इस तरह देखा जाए तो सालाना आधार पर थोक महंगाई दर में जोरदार इजाफा देखा गया है। सब्जियों की कीमत वृद्धि दर पिछले महीने के 31.56 प्रतिशत के मुकाबले 38.45 प्रतिशत हो गई। WPI दरअसल, थोक बाजारों में सामान की कीमतों की स्थिति बताता है। थोक या होलसेल दर बढ़ने से इस सूचकांक में तेजी देखी जाती है। यह महंगाई तब आती है जब थोक में खरीदे जाने वाले सामान महंगे हो जाते हैं। 

महंगाई को लेकर सरकार का बयान
सरकार की ओर से जारी किए गए बयान में थोक मंगाई को लेकर कहा गया कि जनवरी 2022 में महंगाई दर बढ़ने के पीछे का कारण यह रहा है कि खाने के तेल, मिनरल ऑयल, क्रूड और गैस के साथ पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में भी जबरदस्त इजाफा देखा गया है। बेसिक मेटल्स, कैमिकल्स और कैमिकल्स प्रोडक्ट्स के साथ फूड आर्टिकल्स के दाम में भी बढ़त दर्ज की गई है और इसी वजह से थोक महंगाई दर में जोरदार तेजी पिछले साल के मुकाबले देखी गई है।

खुदरा महंगाई पांच माह के शिखर पर
पिछले दिनों सरकार की ओर से खुदरा महंगाई का डाटा जारी किया गया था। दिसंबर में खुदरा महंगाई 5.59 फीसदी रही थी, जो कि पिछले पांच महीने का उच्चतम स्तर है। इससे पहले नवंबर में खुदरा महंगाई 4.91 फीसदी, अक्तूबर में 4.48 फीसदी रही थी। एक साल पहले दिसंबर 2020 में खुदरा महंगाई दर 4.59 फीसदी रही थी। हाल के महीनों में जो महंगाई देखी गई उसकी वजह खाद्य वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी है।  

 

विस्तार

महंगाई के मोर्च पर देश के आम आदमी को थोड़ी राहत मिली है। दरअसल, थोक महंगाई (मुद्रास्फीति) जनवरी 2022 में गिरकर 12.96 फीसदी (अनंतिम) के स्तर पर आ गई है। इससे पिछले महीने दिसंबर 2021 में यह आंकड़ा 13.56 फीसदी था। गौरतलब है कि बीते साल नवंबर में थोक महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। नवंबर 2021 में 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए थोक महंगाई दर 14.87 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी।  

लगातार दसवें महीने दोहरे अंकों में

यह लगातार दसवां महीना है, जब थोक महंगाई की दोहरे अंकों में बनी हुई है। एक साल पहले की तुलना में देखें तो थोक महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी 2021 में थोक महंगाई दर का आंकड़ा काफी नीचे  2.51 फीसदी पर था। इस तरह देखा जाए तो सालाना आधार पर थोक महंगाई दर में जोरदार इजाफा देखा गया है। सब्जियों की कीमत वृद्धि दर पिछले महीने के 31.56 प्रतिशत के मुकाबले 38.45 प्रतिशत हो गई। WPI दरअसल, थोक बाजारों में सामान की कीमतों की स्थिति बताता है। थोक या होलसेल दर बढ़ने से इस सूचकांक में तेजी देखी जाती है। यह महंगाई तब आती है जब थोक में खरीदे जाने वाले सामान महंगे हो जाते हैं। 

महंगाई को लेकर सरकार का बयान

सरकार की ओर से जारी किए गए बयान में थोक मंगाई को लेकर कहा गया कि जनवरी 2022 में महंगाई दर बढ़ने के पीछे का कारण यह रहा है कि खाने के तेल, मिनरल ऑयल, क्रूड और गैस के साथ पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में भी जबरदस्त इजाफा देखा गया है। बेसिक मेटल्स, कैमिकल्स और कैमिकल्स प्रोडक्ट्स के साथ फूड आर्टिकल्स के दाम में भी बढ़त दर्ज की गई है और इसी वजह से थोक महंगाई दर में जोरदार तेजी पिछले साल के मुकाबले देखी गई है।

खुदरा महंगाई पांच माह के शिखर पर

पिछले दिनों सरकार की ओर से खुदरा महंगाई का डाटा जारी किया गया था। दिसंबर में खुदरा महंगाई 5.59 फीसदी रही थी, जो कि पिछले पांच महीने का उच्चतम स्तर है। इससे पहले नवंबर में खुदरा महंगाई 4.91 फीसदी, अक्तूबर में 4.48 फीसदी रही थी। एक साल पहले दिसंबर 2020 में खुदरा महंगाई दर 4.59 फीसदी रही थी। हाल के महीनों में जो महंगाई देखी गई उसकी वजह खाद्य वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी है।  

 

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