पीटीआई, नई दिल्ली
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Wed, 12 Jan 2022 11:54 AM IST
सार
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि दोनों देश राजनयिक और सैन्य माध्यमों से प्रेस वार्ता और संवाद बनाए हुए हैं। चीन को उम्मीद है कि दोनों देशों के अधिकारी सकारात्मक बातचीत करेंगे।
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विस्तार
भारत इन मुद्दों पर देगा जोर
इस वार्ता में यह उम्मीद की जा रही है कि भारत देपसांग बल्ग और डेमचोक में मुद्दों के समाधान सहित टकराव वाले सभी शेष स्थानों पर यथाशीघ्र सैनिकों को पीछे हटाने के लिए जोर देगा। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता 10 अक्टूबर 2021 को हुई थी और गतिरोध दूर नहीं कर पाई थी।
पैंगोंग झील पर चीन बना रहा एक पुल
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर एक पुल बनाने के लिए भारत द्वारा चीन पर निशाना साधने के कुछ दिनों बाद ताजा बातचीत हो रही है और कहा कि यह उस क्षेत्र में है जो लगभग 60 वर्षों से चीन के अवैध कब्जे में है।
चीन ने अरुणाचल में 15 स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की थी
चीनी सरकार ने नए सीमा कानून को लागू करने से कुछ दिन पहले अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का नाम बदलने की मांग की थी। चीन के इस कदम पर भारत सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि उसने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का नाम अपनी भाषा में रने का प्रयास करने की रिपोर्ट देखी है और कहा कि सीमावर्ती राज्य हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा और आविष्कृत नामों को निर्दिष्ट करेगा इस तथ्य को नहीं बदलता है।
पांच मई 2020 के बाद से पूर्वी लद्दाख में जारी है सीमा गतिरोध
पैंगोंग झील इलाके में पांच मई 2020 को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध पैदा हुआ था। इसके बाद सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता के चलते पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों और गोगरा इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया दोनों पक्षों द्वारा पिछले साल पूरी की गई थी। बताया जाता है कि एलएसी के संवेदनशील क्षेत्रों में वर्तमान में दोनों में से प्रत्येक देश के करीब 50,000 से 60,000 सैनिक हैं। चीन: जिनपिंग सरकार ने भारत के साथ सीमा पर मौजूदा स्थिति को स्थिर बताया, आज दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की वार्ता