एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 03 Feb 2022 02:44 AM IST
सार
क्रिप्टो से होने वाली 50 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी कर के अलावा 15 फीसदी की दर से उपकर और अधिभार चुकाना होगा।
आईटीआर फॉर्म में क्रिप्टोकरेंसी के लिए अलग से एक कॉलम होगा।
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विस्तार
हालांकि, इससे क्रिप्टो की वैधता को लेकर कोई राय नहीं जाहिर की गई है। इस संबंध में संसद में विधेयक के बाद ही स्थिति साफ होगी। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो से होने वाली 50 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी कर के अलावा 15 फीसदी की दर से उपकर और अधिभार चुकाना होगा।
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट पेश करने के दौरान क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 फीसदी का टैक्स लगाने समेत कई निर्णय लिए थे। बुधवार को इस मुद्दे पर बोलते हुए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। आपका निवेश सफल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार कतई जिम्मेदार नहीं है।
आरबीआई का डिजिटल रुपया लीगल टेंडर
डिजिटल करेंसी को आरबीआई का समर्थन मिलेगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा। बाकी सभी लीगल टेंडर नहीं हैं, और कभी लीगल टेंडर नहीं बनेंगे। इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता। उनकी दर में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है। सरकार की नई नीति यह है कि क्रिप्टो के जरिए कमाई करने वालों को अब 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा।
क्रिप्टोकरेंसी को बताया सट्टा लेन-देन
सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो एक सट्टा लेन-देन है, इसलिए हम इस पर 30 फीसदी की दर से कर लगा रहे हैं। यह केवल क्रिप्टो के लिए नहीं है, यह सभी सट्टा आय के लिए है। उदाहरण के लिए, यदि मैं घुड़दौड़ लेता हूं, तो उस पर भी 30 फीसदी कर लगता है। किसी भी सट्टा लेन-देन पर पहले से ही 30 फीसदी कर है। इसलिए हमने उसी दर से क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने का फैसला किया है।