बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 07 Dec 2021 11:55 AM IST
सार
Government Stand On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी पर जल्द ही संसद में एक बिल पेश होने वाला है। हालांकि, बिल आने से पहले ही सरकार ने क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को संसद में कहा गया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी
– फोटो : सोशल मीडिया
ख़बर सुनें
विस्तार
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने दिया जवाब
भारत में क्रिप्टो करेंसी विनियमन बिल की बहुप्रतीक्षित शुरुआत से पहले, केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि भारत में क्रिप्टो क्षेत्र को बढ़ावा देने की उसकी कोई योजना नहीं है। यह बयान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही इससे संबंधित बिल पेश किया जाएगा, इस बीच यह बात साफ है कि भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है।
क्रिप्टो का डाटा एकत्र नहीं करती सरकार
क्रिप्टोकरेंसी कितनी भरोसेमंद है और क्या सरकार के लिए बाजार को विनियमित करना संभव है, इस प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत में क्रिप्टोकरेंसी अनियमित हैं। सरकार इस क्षेत्र पर डाटा एकत्र नहीं करती है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के विनियमन पर एक विधेयक को लोकसभा बुलेटिन- भाग II में पेश करने के लिए शामिल किया गया है, जो कि सत्रहवीं लोकसभा, 2021 के सातवें सत्र के दौरान उठाए जाने की उम्मीद है।
सावधानी से मूल्यांकन करना जरूरी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का बाजार अनियमित होने के साथ ही जोखिम भरा भी है। सरकार के लिए सबसे अहम निवेशकों की सुरक्षा है और इसी को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र से जुड़े बहुत से जोखिम हैं जिनका संभावित लाभों के खिलाफ सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।
रिजर्व बैंक की यह है तैयारी
गौरतलब है कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सरकार की ओर से संसद में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश किए जाने की उम्मीद है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) पेश करने की भी योजना बना रहा है। इसको लेकर आरबीआई की ओर से केंद्र सरकार के पास एक प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।