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FDI Policy: चीन को राहत देने की तैयारी, कुछ निवेशों के लिए एफडीआई नियमों में बदलाव पर विचार कर रही सरकार

FDI Policy: चीन को राहत देने की तैयारी, कुछ निवेशों के लिए एफडीआई नियमों में बदलाव पर विचार कर रही सरकार

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 12 Jan 2022 12:20 PM IST

सार

सीमा में जारी विवाद के बावजूद भारत सरकार चीन को कुछ राहत देने की योजना बना रही है। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत कुछ चीनी निवेशों पर एफडीआई नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है। सूत्रों के हवाले से कहा गया कि ये बदलाव अगले महीने तक मंजूर किए जा सकते हैं। 

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सीमा में जारी विवाद के बावजूद भारत सरकार चीन को कुछ राहत देने की योजना बना रही है। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत कुछ चीनी निवेशों पर एफडीआई नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है। सूत्रों की मानें तो कोरोना महामारी के दौर में निवेश को गति देने के लिए सरकार प्रत्यक्ष विदेश निवेश के नियमों में कुछ बदलाव पर विचार कर रही है।

बदलावों पर फरवरी तक लग सकती है मुहर
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सरकार नियमों में बदलाव करती है तो इसके तहत अगर कोई निवेशक भारतीय सीमा से सटे देशों से संबंधित है और कंपनी में उसका मालिकाना हक 10 फीसदी से कम है तो ऐसे निवेश प्रस्ताव के लिए मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। अभी अगर कोई कंपनी या निवेशक भारतीय सीमा से सटे देशों से संबंधित है तो वहां से आने वाले निवेश की ज्यादा कड़ाई से जांच की जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा एफडीआई नियम के कारण करीब 6 अरब डॉलर का विदेशी निवेश रुका हुआ है। इसमें सूत्रों के हवाले से कहा गया कि ये बदलाव अगले महीने तक मंजूर किए जा सकते हैं। 

100 से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी का इंतजार
इस रिपोर्ट में कहा गया कि  नवंबर, 2021 तक चीन समेत अन्य सीमावर्ती देशों से आने वाले 100 निवेश प्रस्ताव को मंजूरी का इंतजार है। इनमें एक चौथाई से ज्यादा प्रस्ताव ऐसे हैं, जिनमें निवेश मूल्य एक करोड़ डॉलर (करीब 70 करोड़ रुपये) से ज्यादा है। माना जा रहा है कि नियमों में ढील देने के बाद भारत में निवेश तेजी से बढेगा। वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 में कुल 82 अरब डॉलर का एफडीआई आया। अप्रैल-जुलाई अवधि में यह आंकड़ा 62 फीसदी बढ़कर 27 अरब डॉलर रहा था। मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014-15 से 2020-21 के बीच कुल 440.27 अरब डॉलर का एफडीआई आया है।

विस्तार

सीमा में जारी विवाद के बावजूद भारत सरकार चीन को कुछ राहत देने की योजना बना रही है। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत कुछ चीनी निवेशों पर एफडीआई नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है। सूत्रों की मानें तो कोरोना महामारी के दौर में निवेश को गति देने के लिए सरकार प्रत्यक्ष विदेश निवेश के नियमों में कुछ बदलाव पर विचार कर रही है।

बदलावों पर फरवरी तक लग सकती है मुहर

रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सरकार नियमों में बदलाव करती है तो इसके तहत अगर कोई निवेशक भारतीय सीमा से सटे देशों से संबंधित है और कंपनी में उसका मालिकाना हक 10 फीसदी से कम है तो ऐसे निवेश प्रस्ताव के लिए मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। अभी अगर कोई कंपनी या निवेशक भारतीय सीमा से सटे देशों से संबंधित है तो वहां से आने वाले निवेश की ज्यादा कड़ाई से जांच की जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा एफडीआई नियम के कारण करीब 6 अरब डॉलर का विदेशी निवेश रुका हुआ है। इसमें सूत्रों के हवाले से कहा गया कि ये बदलाव अगले महीने तक मंजूर किए जा सकते हैं। 

100 से अधिक प्रस्तावों को मंजूरी का इंतजार

इस रिपोर्ट में कहा गया कि  नवंबर, 2021 तक चीन समेत अन्य सीमावर्ती देशों से आने वाले 100 निवेश प्रस्ताव को मंजूरी का इंतजार है। इनमें एक चौथाई से ज्यादा प्रस्ताव ऐसे हैं, जिनमें निवेश मूल्य एक करोड़ डॉलर (करीब 70 करोड़ रुपये) से ज्यादा है। माना जा रहा है कि नियमों में ढील देने के बाद भारत में निवेश तेजी से बढेगा। वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 में कुल 82 अरब डॉलर का एफडीआई आया। अप्रैल-जुलाई अवधि में यह आंकड़ा 62 फीसदी बढ़कर 27 अरब डॉलर रहा था। मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014-15 से 2020-21 के बीच कुल 440.27 अरब डॉलर का एफडीआई आया है।

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