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EXPO2020 Dubai: आईबी मंत्रालय के संयुक्त सचिव बोले, आचार संहिता से ओटीटी और डिजिटल मीडिया में अनुशासन आया

टेक डेस्क, अमर उजाला, दुबई
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Sun, 20 Mar 2022 11:21 PM IST

सार

पिछले साल भारत सरकार ने कहा था कि समाचार प्रकाशकों, ओटीटी प्लेटफार्म्स व डिजिटल मीडिया के लिए आचार संहिता और त्रिस्तरीय शिकायत निवारण तंत्र लागू किया जाएगा।

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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विक्रम सहाय ने रविवार को कहा कि नए प्रकाशकों, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया के लिए कोड ऑफ एथिक्स ने क्षेत्र में अनुशासन लाने में काफी मदद की है। वह दुबई एक्सपो 2020 के दौरान इंडिया पवेलियन में न्यूज ब्रॉडकास्टिंग पर एक राउंडटेबल बैठक में बोल रहे थे। सहाय ने कहा कि भारत में एक ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत करने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

विक्रम सहाय ने कहा, ‘भारत में लगभग 40-50 ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं, इनमें से किसी को पंजीकरण कराने या कोई पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। ये सभी अपने व्यवसाय मॉडल और योजनाओं के आधार पर अपने तरीके से विकसित हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि न केवल नेटफ्लिक्स और अमेजन जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म, बल्कि कई घरेलू ओटीटी चैनल भी बड़े स्तर पर उभरे हैं। इनमें कुछ क्षेत्रीय भाषाओं के ओटीटी प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं।

संयुक्त सचिव ने कहा कि हमारे पास केवल कंटेंट पर एक आचार संहिता है, जिसे हमने एक साल पहले विकसित किया था। बता दें कि पिछले साल भारत सरकार ने कहा था कि समाचार प्रकाशकों, ओटीटी प्लेटफार्म्स व डिजिटल मीडिया के लिए आचार संहिता और त्रिस्तरीय शिकायत निवारण तंत्र लागू किया जाएगा। इसके साथ ही भारत सरकार ने यह भी कहा था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अपने कंटेंट को खुद ही पांच आयु वर्गों में बांटना होगा।

ये पांच श्रेणियां यू (यूनिवर्सल), यू/ए 7+ (7 वर्ष से अधिक), यू/ए 13+, यूए 16+ और एक (वयस्क) हैं। सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को यू/ए 13+ और इससे ऊपर की श्रेणियों के कंटेंट के लिए पैरेंटल लॉक लगाने के लिए और ए श्रेणी के कंटेंट के लिए प्रभावी आयु की पुष्टि करने की व्यवस्था लागू करने के लिए भी कहा गया था।  सहाय ने कहा कि कई देश भारत के नियामक ढांचे को समझने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इसके लिए वे अपना कोड बना सकें।

विस्तार

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विक्रम सहाय ने रविवार को कहा कि नए प्रकाशकों, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया के लिए कोड ऑफ एथिक्स ने क्षेत्र में अनुशासन लाने में काफी मदद की है। वह दुबई एक्सपो 2020 के दौरान इंडिया पवेलियन में न्यूज ब्रॉडकास्टिंग पर एक राउंडटेबल बैठक में बोल रहे थे। सहाय ने कहा कि भारत में एक ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत करने के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।

विक्रम सहाय ने कहा, ‘भारत में लगभग 40-50 ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं, इनमें से किसी को पंजीकरण कराने या कोई पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। ये सभी अपने व्यवसाय मॉडल और योजनाओं के आधार पर अपने तरीके से विकसित हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि न केवल नेटफ्लिक्स और अमेजन जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म, बल्कि कई घरेलू ओटीटी चैनल भी बड़े स्तर पर उभरे हैं। इनमें कुछ क्षेत्रीय भाषाओं के ओटीटी प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं।

संयुक्त सचिव ने कहा कि हमारे पास केवल कंटेंट पर एक आचार संहिता है, जिसे हमने एक साल पहले विकसित किया था। बता दें कि पिछले साल भारत सरकार ने कहा था कि समाचार प्रकाशकों, ओटीटी प्लेटफार्म्स व डिजिटल मीडिया के लिए आचार संहिता और त्रिस्तरीय शिकायत निवारण तंत्र लागू किया जाएगा। इसके साथ ही भारत सरकार ने यह भी कहा था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अपने कंटेंट को खुद ही पांच आयु वर्गों में बांटना होगा।

ये पांच श्रेणियां यू (यूनिवर्सल), यू/ए 7+ (7 वर्ष से अधिक), यू/ए 13+, यूए 16+ और एक (वयस्क) हैं। सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को यू/ए 13+ और इससे ऊपर की श्रेणियों के कंटेंट के लिए पैरेंटल लॉक लगाने के लिए और ए श्रेणी के कंटेंट के लिए प्रभावी आयु की पुष्टि करने की व्यवस्था लागू करने के लिए भी कहा गया था।  सहाय ने कहा कि कई देश भारत के नियामक ढांचे को समझने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इसके लिए वे अपना कोड बना सकें।

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