जावेद अख्तर
– फोटो : अमर उजाला, मुंबई
100 महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी और धर्म संसद मामले पर जावेद अख्तर ने बीते रोज अपने विचार रखे। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए जावेद ने पीएम मोदी से सवाल पूछा था कि सौ महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी हो रही है, तथाकथित धर्म संसद सेना और पुलिस को लगभग 200 मिलियन लोगों के नरसंहार की सलाह दे रही है। मैं हर एक की चुप्पी, खास तौर पर प्रधानमंत्री की चुप्पी से हैरान हूं। क्या यही है सब का साथ है? इसके बाद जावेद अख्तर को खूब ट्रोल किया गया। अब एक बार फिर उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपना पक्ष रखा है।
जावेद अख्तर
– फोटो : अमर उजाला, मुंबई
कुछ देर पहले किए गए ट्वीट में जावेद अख्तर ने लिखा- जबसे मैंने मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी के खिलाफ आवाज उठाई, तभी से गोडसे का महिमामंडन करने वालों और पुलिस को नरसंहार का उपदेश देने वाले लोगों ने मेरे परदादा स्वतंत्रता सेनानी को गालियां देनी शुरू कर दीं, जिनकी मृत्यु 1864 में कालापानी की सजा के दौरान हुई थी। आप ऐसे बेवकूफों से क्या कह सकते हैं?
जावेद अख्तर
– फोटो : सोशल मीडिया
आपको बता दें, जावेद अख्तर के परदादा फजल-ए-हक खैराबादी 1857 की क्रांति में शामिल थे। उन्हें अंडमान निकोबार स्थित काला पानी जेल में रखा गया, जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली थी। जावेद अख्तर के पीएमसे सवाल वाले ट्वीट पर बवाल मच गया था। कुछ यूजर्स ने लिखा था- अगर आप किसी भी अपराध के खिलाफ हैं, तो आपको किसी भी जाति, धर्म या व्यक्तिगत पसंद के बावजूद इसका विरोध करना होगा।
जावेद अख्तर
– फोटो : social media
गौरतलब है कि करीब 100 मुस्लिम महिलाओं की कथित तौर पर नीलामी के लिए उनकी मॉर्फ्ड फोटोज एक एप पर अपलोड की गई थी। इस एप का नाम बुल्ली बाई है। इसे होस्टिंग प्लेटफॉर्म Github पर रिलीज किया गया था। यह मामला नए साल के पहले दिन सामने आया जब कुछ सक्रिय महिलाओं ने इसे लेकर आवाज उठाई। शिकायतकर्ताओं ने इस ऐप्प के डेवलपर की गिरफ्तारी की मांग की है।
जावेद अख्तर
– फोटो : सोशल मीडिया
मामले में शिकायतकर्ताओं ने इस एप के डेवलपर की गिरफ्तारी की मांग की है। बाद में दिल्ली और मुंबई में FIR होने के बाद इस सिलसिले में जांच जारी है और Github से अकाउंट बंद करवा दिया गया है। इस मामले में अब तक दो एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और 10 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।