बिजनेस डेक्स, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Thu, 03 Feb 2022 05:15 PM IST
सार
CBDT Chairman Says ON Crypto Tax: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि क्रिप्टो निवेशकों को पता होना चाहिए कि अप्रैल 2022 से पहले किए गए लेन-देन पर भी टैक्स लगेगा। उन्होंने कहा कि भारत में अभी लगभग 40 क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से 10 एक्सचेंज अच्छा-खासा लेन-देन कर रहे हैं। इनका टर्नओवर 34 हजार करोड़ रुपये से लेकर एक लाख करोड़ रुपये तक है।
सीबीडीटी चेयरमैन जेबी महापात्र
– फोटो : एएनआई
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बजट भाषण में की गई क्रिप्टो से होने वाली आय पर टैक्स लगाने के एलान पर सीबीडीटी के अध्यक्ष जेबी महापात्र ने गुरुवार को अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि टॉप 10 क्रिप्टो एक्सचेंजों का कारोबार 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। ऐसे में ‘क्रिप्टो टैक्स’ के जरिए से भारी संग्रह की उम्मीद है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस साल अप्रैल से पहले किए गए क्रिप्टो लेन-देन टैक्स फ्री नहीं होंगे।
देश में 40 क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि क्रिप्टो निवेशकों को इस बात का अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि अप्रैल 2022 से पहले किए गए लेन-देन पर भी टैक्स लगेगा। उन्होंने कहा कि भारत में अभी लगभग 40 क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से 10 एक्सचेंज अच्छा-खासा लेन-देन कर रहे हैं। इनका टर्नओवर 34 हजार करोड़ रुपये से लेकर एक लाख करोड़ रुपये तक है। उन्होंने कहा कि अगर हम इस इन टर्नओवर पर 1 फीसदी टीडीएस और 30 फीसदी टैक्स चार्ज करते हैं तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि आयकर विभाग को कितना कलेक्शन मिलेगा।
नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं
गौरतलब है कि बजट 2022 में वित्त मंत्री ने डिजिटल असेट्स से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की है। इसमें क्रिप्टोकरंसी और नॉन फंजीबल टोकन या एनएफटी को शामिल किया गया है। इसके साथ ही डिजिटल असेट को लेकर होने वाले लेन-देन पर 1 फीसदी का टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव है। बुधवार को इस मुद्दे पर बोलते हुए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा था कि निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। आपका निवेश सफल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार कतई जिम्मेदार नहीं है।
आरबीआई का डिजिटल रुपया लीगल टेंडर
डिजिटल करेंसी को आरबीआई का समर्थन मिलेगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा। बाकी सभी लीगल टेंडर नहीं हैं, और कभी लीगल टेंडर नहीं बनेंगे। इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता। उनकी दर में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है। सरकार की नई नीति यह है कि क्रिप्टो के जरिए कमाई करने वालों को अब 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा।
विस्तार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बजट भाषण में की गई क्रिप्टो से होने वाली आय पर टैक्स लगाने के एलान पर सीबीडीटी के अध्यक्ष जेबी महापात्र ने गुरुवार को अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि टॉप 10 क्रिप्टो एक्सचेंजों का कारोबार 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। ऐसे में ‘क्रिप्टो टैक्स’ के जरिए से भारी संग्रह की उम्मीद है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस साल अप्रैल से पहले किए गए क्रिप्टो लेन-देन टैक्स फ्री नहीं होंगे।
देश में 40 क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि क्रिप्टो निवेशकों को इस बात का अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि अप्रैल 2022 से पहले किए गए लेन-देन पर भी टैक्स लगेगा। उन्होंने कहा कि भारत में अभी लगभग 40 क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित किए जा रहे हैं। इनमें से 10 एक्सचेंज अच्छा-खासा लेन-देन कर रहे हैं। इनका टर्नओवर 34 हजार करोड़ रुपये से लेकर एक लाख करोड़ रुपये तक है। उन्होंने कहा कि अगर हम इस इन टर्नओवर पर 1 फीसदी टीडीएस और 30 फीसदी टैक्स चार्ज करते हैं तो आप अनुमान लगा सकते हैं कि आयकर विभाग को कितना कलेक्शन मिलेगा।
नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं
गौरतलब है कि बजट 2022 में वित्त मंत्री ने डिजिटल असेट्स से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की है। इसमें क्रिप्टोकरंसी और नॉन फंजीबल टोकन या एनएफटी को शामिल किया गया है। इसके साथ ही डिजिटल असेट को लेकर होने वाले लेन-देन पर 1 फीसदी का टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव है। बुधवार को इस मुद्दे पर बोलते हुए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा था कि निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। आपका निवेश सफल होगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें होने वाले नुकसान के लिए सरकार कतई जिम्मेदार नहीं है।
आरबीआई का डिजिटल रुपया लीगल टेंडर
डिजिटल करेंसी को आरबीआई का समर्थन मिलेगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल रुपया लीगल टेंडर होगा। बाकी सभी लीगल टेंडर नहीं हैं, और कभी लीगल टेंडर नहीं बनेंगे। इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता। उनकी दर में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है। सरकार की नई नीति यह है कि क्रिप्टो के जरिए कमाई करने वालों को अब 30 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा।
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