एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Amit Mandal
Updated Sat, 12 Feb 2022 02:39 AM IST
सार
आईसीएआई ने संशोधन विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर अपनी चिंता जताई है जिनमें अनुशासन समिति, डिफॉल्टर सीए फर्म का नाम हटाने और इंस्टीट्यूट में पंजीकृत सीए फर्म को मंजूरी दिए जाने से जुड़े प्रावधान शामिल हैं।
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विस्तार
आईसीएआई ने संशोधन विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर अपनी चिंता जताई है जिनमें अनुशासन समिति, डिफॉल्टर सीए फर्म का नाम हटाने और इंस्टीट्यूट में पंजीकृत सीए फर्म को मंजूरी दिए जाने से जुड़े प्रावधान शामिल हैं। आईसीएआई, कॉस्ट अकाउंटेंट्स और कंपनी सेक्रेटरी इंस्टीट्यूट के बीच समन्वय के लिए प्रस्तावित समन्वय समिति से जुड़ी चिंता भी उठाई गई।
गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में लोकसभा ने सीए, आईसीडब्ल्यूए और सीएस (संशोधन) विधेयक, 2021 को संसद की वित्तीय मामलों की स्थाई समिति को परीक्षण के लिए भेजा था। ये विधेयक सीए, कॉस्ट अकाउंटेंट्स और कंपनी सेक्रेटरी से जुड़े कानूनों में संशोधन के लिए लाया जा रहा है। जंबूसरिया ने बताया कि समिति के साथ 3 फरवरी को आमने-सामने बैठक की और इससे पहले कंपनी को ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है।
समन्वय समिति को न मिले ज्यादा अधिकार
संशोधन में तीनों संस्थानों के लिए बनाई जाने वाली समन्वय समिति को व्यापक अधिकार का प्रस्ताव है। जंबूसरिया ने कहा कि मूलभूत ढांचा विकास, प्रशिक्षण और अकादमिक गतिविधियां इस समिति के अधिकार क्षेत्र में नहीं आनी चाहिए। जहां तक अनुशासनिक समिति का सवाल है, इस मामले में यथास्थिति बरकरार रहनी चाहिए। वर्तमान में अनुशासनिक समिति में सरकार के दो प्रतिनिधि जबकि आईसीएआई काउंसिल के तीन सदस्य होते हैं। नए विधेयक में दो सीए तथा तीन गैर सीए सदस्य का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही इस समिति की अध्यक्षता गैर सीए को सौंपने का भी प्रस्ताव है।
डिफॉल्ट करने वाली फर्म पर यह है डर
सीए फर्म के बारे में प्रस्तावित किया गया है कि यदि किसी फर्म को किसी नियामक द्वारा डीबार किया जाता है तो उसका नाम हटा दिया जाएगा। जंबूसरिया ने कहा, किसी छोटे डिफॉल्ट के लिए यदि किसी अन्य नियामक ने कहा कि फर्म को एक साल तक ऑडिट का काम नहीं दिया जाना चाहिए तो उस फर्म का नाम फर्म सूची में से स्थाई रूप से नहीं हटाया जाए।
एश्यारेंस सर्विस देने वाली फर्मों के लिए पूर्व समीक्षा व्यवस्था बनाएंगे : आईसीएआई
नई दिल्ली। आईसीएआई ने शुक्रवार को कहा है कि ऐसी सीए फर्म जो कुछ विशेष श्रेणी की कंपनियों को भरोसा सेवा (एश्योरेंस सर्विस) देती हैं, उनके लिए चरणबद्ध तरीके से पूर्व समीक्षा व्यवस्था बनाई जाएगी। इस व्यवस्था की शुरुआत इसी वर्ष 1 अप्रैल से होगी। सबसे पहले ऐसी फर्मों को इसमें शामिल किया जाएगा जो कंपनियों का वैधानिक ऑडिट करती हैं और जिनकी इक्विटी और डेब्ट सिक्योरिटीज भारत में सूचीबद्ध हैं।