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Budget 2022: बजट तैयार करने के दौरान 10 दिन पूरी दुनिया से कटे रहते हैं इस काम में लगे अधिकारी, रहता है कड़ा पहरा

Budget 2022: बजट तैयार करने के दौरान 10 दिन पूरी दुनिया से कटे रहते हैं इस काम में लगे अधिकारी, रहता है कड़ा पहरा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Wed, 26 Jan 2022 12:50 PM IST

सार

Union Budget 2022-2 Latest News: कोरोना के साये में पेश हो रहे बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई रियायतों की घोषणा कर सकती हैं। आपको बता दें कि बजट छपाई एक तरह से पूर्णतया गोपनीय काम होता है। बजट छपाई की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कटे रहते हैं। आइए जानते हैं क्या कारण है इसका। 
 

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वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट एक फरवरी 2022 को पेश होगा। वहीं आर्थिक सर्वे इससे एक दिन पहले 31 जनवरी को आएगा। बजट को पेश करने के लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कोरोना के साये में पेश हो रहे इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई रियायतों की घोषणा कर सकती हैं। आपको बता दें कि बजट छपाई एक तरह से पूर्णतया गोपनीय काम होता है। बजट छपाई की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कटे रहते हैं। 

घर जाने तक की नहीं होती इजाजत
बता दें कि 10 दिनों तक दुनिया से दूर अपने काम का अंजाम देने में जुटे कम से कम 100 अधिकारियों और कर्मचारियों को इस अवधि में अपने घर जाने की भी इजाजत नहीं होती है। बजट तैयार होने के दौरान वित्त मंत्री के बेहद वरिष्ठ और भरोसेमंद अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है। जब तक बजट पेश नहीं हो जाता तब तक बजट तैयार करने की प्रक्रिया से जुड़े लोगों की सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनजर  इस दौरान वित्त मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होती है। किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वित्त मंत्रालय में नहीं होता है।  इस दौरान छपाई से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों को भी बाहर आने या फिर अपने सहयोगियों से मिलने की भी मनाही होती है। अगर किसी विजिटर का आना बहुत जरूरी है तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अंदर भेजा जाता है।

लीक न हो कोई बजट से जुड़ी कोई खबर
वित्त मंत्रालय में खुफिया विभाग से लेकर के साइबर सिक्योरिटी सेल सबका पहरा रहता है। इन 10 दिनों तक मंत्रालय के अंदर कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है। केवल लैंडलाइन फोन के जरिए ही बातचीत हो पाती है। दरअसल, यह चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था इस लिए की जाती है ताकि देश के वित्तीय लेखा-जोखा को तैयार करने के दौरान कोई भी अंदरूनी जानकारी किसी भी तरह से लीक न हो सके। यह वजह है कि इस कार्य में जुटे सभी अधिकारी और कर्मचारियों को कड़ी निगरानी के बीच बाहर की दुनिया से दूर रहना पड़ता है।  

तैनात रहती है डॉक्टरों की टीम
वित्त मंत्रालय में 10 दिन के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी तैनात रहती है। ऐसा इसलिए ताकि किसी भी कर्मचारी के बीमार पड़ने पर उसे वहीं पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। बीमार कर्मचारी को भी 10 दिनों के लिए अस्पताल में इलाज कराने की मनाही होती है। यह इस बात का उदाहरण है कि देश का बजट तैयार करना आसान बात नहीं, बल्कि हर बारीकियों पर बेहद सतर्कता के साथ निगरानी की जाती है ताकि देश के बजट से जुड़ी जानकारियों पूरी तरह से गोपनीय रहें और इन्हें बजट पेश होने से पहले कोई न जान सके। 

इंटरनेट के इस्तेमाल पर रहती है रोक
बजट तैयार होने के दौरान आखिरी के 10 दिनों में इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी पाबंदी रहती है। जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट मौजूद होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है। इससे किसी भी प्रकार की हैकिंग का डर नहीं रहता है। इन कंप्यूटरों को केवल प्रिंटर और छपाई मशीन से कनेक्ट करके रखा जाता है। वित्त मंत्रालय के जिस हिस्से में प्रिंटिंग प्रेस स्थित है, वहां पर केवल चुनिंदा वरिष्ठ अधिकारियों को जाने की इजाजत होती है।

विस्तार

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट एक फरवरी 2022 को पेश होगा। वहीं आर्थिक सर्वे इससे एक दिन पहले 31 जनवरी को आएगा। बजट को पेश करने के लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कोरोना के साये में पेश हो रहे इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई रियायतों की घोषणा कर सकती हैं। आपको बता दें कि बजट छपाई एक तरह से पूर्णतया गोपनीय काम होता है। बजट छपाई की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कटे रहते हैं। 

घर जाने तक की नहीं होती इजाजत

बता दें कि 10 दिनों तक दुनिया से दूर अपने काम का अंजाम देने में जुटे कम से कम 100 अधिकारियों और कर्मचारियों को इस अवधि में अपने घर जाने की भी इजाजत नहीं होती है। बजट तैयार होने के दौरान वित्त मंत्री के बेहद वरिष्ठ और भरोसेमंद अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है। जब तक बजट पेश नहीं हो जाता तब तक बजट तैयार करने की प्रक्रिया से जुड़े लोगों की सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनजर  इस दौरान वित्त मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होती है। किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वित्त मंत्रालय में नहीं होता है।  इस दौरान छपाई से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों को भी बाहर आने या फिर अपने सहयोगियों से मिलने की भी मनाही होती है। अगर किसी विजिटर का आना बहुत जरूरी है तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अंदर भेजा जाता है।

लीक न हो कोई बजट से जुड़ी कोई खबर

वित्त मंत्रालय में खुफिया विभाग से लेकर के साइबर सिक्योरिटी सेल सबका पहरा रहता है। इन 10 दिनों तक मंत्रालय के अंदर कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है। केवल लैंडलाइन फोन के जरिए ही बातचीत हो पाती है। दरअसल, यह चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था इस लिए की जाती है ताकि देश के वित्तीय लेखा-जोखा को तैयार करने के दौरान कोई भी अंदरूनी जानकारी किसी भी तरह से लीक न हो सके। यह वजह है कि इस कार्य में जुटे सभी अधिकारी और कर्मचारियों को कड़ी निगरानी के बीच बाहर की दुनिया से दूर रहना पड़ता है।  

तैनात रहती है डॉक्टरों की टीम

वित्त मंत्रालय में 10 दिन के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी तैनात रहती है। ऐसा इसलिए ताकि किसी भी कर्मचारी के बीमार पड़ने पर उसे वहीं पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। बीमार कर्मचारी को भी 10 दिनों के लिए अस्पताल में इलाज कराने की मनाही होती है। यह इस बात का उदाहरण है कि देश का बजट तैयार करना आसान बात नहीं, बल्कि हर बारीकियों पर बेहद सतर्कता के साथ निगरानी की जाती है ताकि देश के बजट से जुड़ी जानकारियों पूरी तरह से गोपनीय रहें और इन्हें बजट पेश होने से पहले कोई न जान सके। 

इंटरनेट के इस्तेमाल पर रहती है रोक

बजट तैयार होने के दौरान आखिरी के 10 दिनों में इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी पाबंदी रहती है। जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट मौजूद होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है। इससे किसी भी प्रकार की हैकिंग का डर नहीं रहता है। इन कंप्यूटरों को केवल प्रिंटर और छपाई मशीन से कनेक्ट करके रखा जाता है। वित्त मंत्रालय के जिस हिस्से में प्रिंटिंग प्रेस स्थित है, वहां पर केवल चुनिंदा वरिष्ठ अधिकारियों को जाने की इजाजत होती है।

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