बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 25 Jan 2022 10:29 AM IST
सार
Startups Demands From Budget 2022: कोरोना महामारी के कारण लगभग स्वास्थ्य-शिक्षा से लेकर स्टार्टअप तक सभी क्षेत्रों पर असर पड़ा है। पिछले दो साल में देश के स्टार्टअप ने बडी चुनौतियों का सामना किया है। ज्यादातर का फंड खत्म हो गया, कई एंटरप्रेन्योर्स को कई टैक्स की मार से जूझना पड़ा और कुछ को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ गया। अब सभी की नजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर टिकी हैं, उन्हें उम्मीद है कि कोरोना की मार से उबारने के लिए बजट में बड़े एलान हो सकते हैं।
बजट 2022 स्टार्टअप
– फोटो : अमर उजाला
कोरोना महामारी के कारण स्वास्थ्य-शिक्षा से लेकर स्टार्टअप तक लगभग सभी क्षेत्रों पर असर पड़ा है। पिछले दो साल में देश के स्टार्टअप्स ने बडी चुनौतियों का सामना किया है। ज्यादातर का फंड खत्म हो गया, कई एंटरप्रेन्योर्स को कई टैक्स की मार से जूझना पड़ा और कुछ को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ गया। अब सभी की नजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर टिकी हैं, उन्हें उम्मीद है कि कोरोना की मार से उबारने के लिए बजट में बड़े एलान हो सकते हैं।
सपोर्ट मैकेनिज्म पेश करेगी सरकार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। ये देश की पूर्णकालिक वित्त मंत्री के रूप में उनका चौथा बजट होगा, जबकि 2014 में सत्ता पर काबिज हुई मोदी सरकार का ये 10वां बजट होगा। सभी क्षेत्रों की तरह देश के स्टार्टअप सेक्टर को भी इस बार के बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। इनमें सबसे ऊपर है निवेश, विशेषज्ञों का कहना है कि स्टार्टअप्स में निवेश अहम है, क्योंकि वे जॉब क्रिएशन के इंजन हैं। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार घरेलू स्तर पर कैपिटल पार्टिसिपेशन के लिए नीतियां लाएगी और जरूरी सपोर्ट मैकेनिज्म पेश करेगी।
एफडीआई में टैक्स छूट की जरूरत
स्टार्टअप इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर के साथ फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) में टैक्स छूट की जरूरत है, जिससे भारतीय स्टार्टअप्स के ग्लोबलाइजेशन के लिए दरवाजे खुलेंगे। एफडीआई नियमों में स्पष्टता और आसानी की उम्मीदें भी स्टार्टअप्स से जुड़ी हैं ताकि उन्हें वैश्विक खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिल सके। इसके अलावा यह देखते हुए कि कोविड का खतरा अभी भी उन पर मंडरा रहा है, स्टार्टअप विनिर्माण के लिए कुछ प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहे हैं। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि बजट 2022 में सरकार को ऐसे उपाय करने चाहिए, जिससे स्टार्टअप्स की ग्रोथ की रफ्तार आगे भी बरकरार रहे।
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देना जरूरी
स्टार्टअप क्षेत्र की ओर से उठाई गई मांगों में कहा गया है कि उम्मीद है कि डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहल के विकास से भारत को डीप-टेक हब के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। जैसे-जैसे डिजिटल अपनाने और परिवर्तन में तेजी आएगी, तो बजट 2022 में एक मजबूत आईटी और इंटरनेट बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान देने की जरूरत होगी। इस सबके चलते निश्चित तौर पर स्टार्टअप को भी फायदा मिलेगा।
विस्तार
कोरोना महामारी के कारण स्वास्थ्य-शिक्षा से लेकर स्टार्टअप तक लगभग सभी क्षेत्रों पर असर पड़ा है। पिछले दो साल में देश के स्टार्टअप्स ने बडी चुनौतियों का सामना किया है। ज्यादातर का फंड खत्म हो गया, कई एंटरप्रेन्योर्स को कई टैक्स की मार से जूझना पड़ा और कुछ को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ गया। अब सभी की नजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर टिकी हैं, उन्हें उम्मीद है कि कोरोना की मार से उबारने के लिए बजट में बड़े एलान हो सकते हैं।
सपोर्ट मैकेनिज्म पेश करेगी सरकार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। ये देश की पूर्णकालिक वित्त मंत्री के रूप में उनका चौथा बजट होगा, जबकि 2014 में सत्ता पर काबिज हुई मोदी सरकार का ये 10वां बजट होगा। सभी क्षेत्रों की तरह देश के स्टार्टअप सेक्टर को भी इस बार के बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। इनमें सबसे ऊपर है निवेश, विशेषज्ञों का कहना है कि स्टार्टअप्स में निवेश अहम है, क्योंकि वे जॉब क्रिएशन के इंजन हैं। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार घरेलू स्तर पर कैपिटल पार्टिसिपेशन के लिए नीतियां लाएगी और जरूरी सपोर्ट मैकेनिज्म पेश करेगी।
एफडीआई में टैक्स छूट की जरूरत
स्टार्टअप इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर के साथ फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) में टैक्स छूट की जरूरत है, जिससे भारतीय स्टार्टअप्स के ग्लोबलाइजेशन के लिए दरवाजे खुलेंगे। एफडीआई नियमों में स्पष्टता और आसानी की उम्मीदें भी स्टार्टअप्स से जुड़ी हैं ताकि उन्हें वैश्विक खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिल सके। इसके अलावा यह देखते हुए कि कोविड का खतरा अभी भी उन पर मंडरा रहा है, स्टार्टअप विनिर्माण के लिए कुछ प्रोत्साहन की उम्मीद कर रहे हैं। इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि बजट 2022 में सरकार को ऐसे उपाय करने चाहिए, जिससे स्टार्टअप्स की ग्रोथ की रफ्तार आगे भी बरकरार रहे।
डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देना जरूरी
स्टार्टअप क्षेत्र की ओर से उठाई गई मांगों में कहा गया है कि उम्मीद है कि डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी पहल के विकास से भारत को डीप-टेक हब के रूप में स्थापित किया जा सकेगा। जैसे-जैसे डिजिटल अपनाने और परिवर्तन में तेजी आएगी, तो बजट 2022 में एक मजबूत आईटी और इंटरनेट बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान देने की जरूरत होगी। इस सबके चलते निश्चित तौर पर स्टार्टअप को भी फायदा मिलेगा।
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