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Bitcoin Price India INR: नए साल की शुरुआत में कम हुई बिटक्वाइन की कीमत, 36 हजार रुपये घटकर इतना रह गया दाम

Bitcoin Price India INR: नए साल की शुरुआत में कम हुई बिटक्वाइन की कीमत, 36 हजार रुपये घटकर इतना रह गया दाम

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 04 Jan 2022 04:35 PM IST

सार

Bitcoin Price In India INR: मंगलवार को दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन के दामों 36 हजार रुपये से ज्यादा की कमी आई। इस गिरावट के साथ इसका दाम कम होकर 37,21,764 रुपये पर आ गया। इस कीमत पर बिटक्वाइन का बाजार पूंजीकरण भी  घटकर 65.5 खरब रुपये है।

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साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी में जमकर निवेश हुआ और नए साल में भी क्रिप्टो बाजार में रौनक बरकरार रहने की उम्मीद है। हालांकि, नए साल की शुरुआत में ज्यादातर डिजिटल मुद्राओं में गिरावट देखने को मिल रही है। मंगलवार को दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन के दामों 36 हजार रुपये से ज्यादा की कमी आई। इस गिरावट के साथ इसका दाम कम होकर 37,21,764 रुपये पर आ गया। इस कीमत पर बिटक्वाइन का बाजार पूंजीकरण भी  घटकर 65.5 खरब रुपये है।

इस साल जोरदार उछाल की उम्मीद
विश्लेषकों ने पहले अनुमान लगाया था कि 2021 के अंत में बिटक्वाइन दोबारा 48,00,000 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है, जिसे इस पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी ने पार कर लिया था। इसके साथ ही आने वाले समय में विश्लेषकों ने इसके 98000 डॉलर (73,50,000 रुपये) के स्तर को छूने का अनुमान लगाया है। 2022 के लिए तो क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि यह दोबारा रिकॉर्ड तोड़कर एक लाख डॉलर यानी करीब 75 लाख रुपये पर पहुंच जाएगा। वहीं साल के अंत तक इसकी कीमत 1,35,000 डॉलर (1,01,25,000 रुपये) तक पहुंचने की संभावना जताई गई है।

क्रिप्टोकरेंसी में सबसे मूल्यवान है बिटक्वाइन 
क्रिप्टोकरेंसी आभाषी करेंसी है यानी आप इसे देख नहीं सकते। आसान शब्दों में कहें तो आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को कोई बैंक जारी नहीं करती है। इसे जारी करने वाले ही इसे कंट्रोल करते हैं। इसका इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में ही होता है। वर्तमान में विश्व में बिटक्वान के साथ ही कई तरह की वर्चुअल करेंसी मौजूद हैं। मगर इनमें से बिटक्वाइन का मूल्य सबसे अधिक है।पिछले कुछ समय से निवेशकों का आकर्षण बिटक्वाइन की ओर तेजी से बढ़ा है। बिटक्वाइन ने निवेशकों को जोरदार रिटर्न भी दिया है। 

कब हुई थी बिटक्वाइन की शुरुआत?
इस डिजिटल करेंसी को सामने लाने का श्रेय सतोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति को जाता है। लोग मानते हैं कि साल 2009 में सतोशी नाकामोतो नामक समूह ने पहली बार बिटक्वाइन को दुनिया के सामने पेश किया था। हालांकि, ये कौन हैं और कहां हैं यह सवाल आज भी एक रहस्य बना हुआ है। इसकी शुरुआत 2009 में हुई और देखते ही देखते ये अब बहुत अधिक लोकप्रियता हासिल कर चुकी है। गौरतलब है कि इस करेंसी पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं हैं। इसका इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में ही होता है। इसको कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।  

क्रिप्टो के कारोबार में जोखिम भी कम नहीं
यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए इसका कारोबार भी बहुत जोखिम भरा है। उदाहरण के लिए, जनवरी 2021 में बिटक्वाइन का मूल्य बढ़कर 42,000 डॉलर हो गया था और फिर ये 30,000 डॉलर तक गिर गया। एक हफ्ते के दौरान फिर से बढ़कर 40,000 डॉलर हो गया था। बिटक्वाइन के लिए आपके पास एक एप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं। मान कर चलिए कि सर्वर से आपकी फाइल हट गई या पासवर्ड गलत हो गया तो समझ लो आपके पैसे हमेशा के लिए खो गए। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ लोगों ने लाखों के बिटक्वाइन इसलिए खो दिए क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है वह भूल गए।

विस्तार

साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी में जमकर निवेश हुआ और नए साल में भी क्रिप्टो बाजार में रौनक बरकरार रहने की उम्मीद है। हालांकि, नए साल की शुरुआत में ज्यादातर डिजिटल मुद्राओं में गिरावट देखने को मिल रही है। मंगलवार को दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन के दामों 36 हजार रुपये से ज्यादा की कमी आई। इस गिरावट के साथ इसका दाम कम होकर 37,21,764 रुपये पर आ गया। इस कीमत पर बिटक्वाइन का बाजार पूंजीकरण भी  घटकर 65.5 खरब रुपये है।

इस साल जोरदार उछाल की उम्मीद

विश्लेषकों ने पहले अनुमान लगाया था कि 2021 के अंत में बिटक्वाइन दोबारा 48,00,000 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकता है, जिसे इस पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी ने पार कर लिया था। इसके साथ ही आने वाले समय में विश्लेषकों ने इसके 98000 डॉलर (73,50,000 रुपये) के स्तर को छूने का अनुमान लगाया है। 2022 के लिए तो क्रिप्टो विशेषज्ञों का कहना है कि यह दोबारा रिकॉर्ड तोड़कर एक लाख डॉलर यानी करीब 75 लाख रुपये पर पहुंच जाएगा। वहीं साल के अंत तक इसकी कीमत 1,35,000 डॉलर (1,01,25,000 रुपये) तक पहुंचने की संभावना जताई गई है।

क्रिप्टोकरेंसी में सबसे मूल्यवान है बिटक्वाइन 

क्रिप्टोकरेंसी आभाषी करेंसी है यानी आप इसे देख नहीं सकते। आसान शब्दों में कहें तो आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को कोई बैंक जारी नहीं करती है। इसे जारी करने वाले ही इसे कंट्रोल करते हैं। इसका इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में ही होता है। वर्तमान में विश्व में बिटक्वान के साथ ही कई तरह की वर्चुअल करेंसी मौजूद हैं। मगर इनमें से बिटक्वाइन का मूल्य सबसे अधिक है।पिछले कुछ समय से निवेशकों का आकर्षण बिटक्वाइन की ओर तेजी से बढ़ा है। बिटक्वाइन ने निवेशकों को जोरदार रिटर्न भी दिया है। 

कब हुई थी बिटक्वाइन की शुरुआत?

इस डिजिटल करेंसी को सामने लाने का श्रेय सतोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति को जाता है। लोग मानते हैं कि साल 2009 में सतोशी नाकामोतो नामक समूह ने पहली बार बिटक्वाइन को दुनिया के सामने पेश किया था। हालांकि, ये कौन हैं और कहां हैं यह सवाल आज भी एक रहस्य बना हुआ है। इसकी शुरुआत 2009 में हुई और देखते ही देखते ये अब बहुत अधिक लोकप्रियता हासिल कर चुकी है। गौरतलब है कि इस करेंसी पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं हैं। इसका इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में ही होता है। इसको कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।  

क्रिप्टो के कारोबार में जोखिम भी कम नहीं

यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए इसका कारोबार भी बहुत जोखिम भरा है। उदाहरण के लिए, जनवरी 2021 में बिटक्वाइन का मूल्य बढ़कर 42,000 डॉलर हो गया था और फिर ये 30,000 डॉलर तक गिर गया। एक हफ्ते के दौरान फिर से बढ़कर 40,000 डॉलर हो गया था। बिटक्वाइन के लिए आपके पास एक एप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं। मान कर चलिए कि सर्वर से आपकी फाइल हट गई या पासवर्ड गलत हो गया तो समझ लो आपके पैसे हमेशा के लिए खो गए। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि कुछ लोगों ने लाखों के बिटक्वाइन इसलिए खो दिए क्योंकि उनके पास पासवर्ड नहीं है वह भूल गए।

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