स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, सिडनी
Published by: Rajeev Rai
Updated Wed, 08 Dec 2021 03:46 PM IST
सार
बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक से पहले चीन को एक और झटका लगा है। अमेरिका के बाद अब ऑस्ट्रेलिया ने भी बीजिंग ओलिंपिक का बहिष्कार करने का फैसला किया है। ऑस्ट्रेलिया ने फैसला किया है कि वह आगामी शीतकालीन ओलंपिक के लिए अपना दल बीजिंग नहीं भेजेगा।
बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक से पहले चीन को एक और झटका लगा है। अमेरिका के बाद अब ऑस्ट्रेलिया ने भी बीजिंग ओलिंपिक का बहिष्कार करने का फैसला किया है। ऑस्ट्रेलिया ने फैसला किया है कि वह आगामी शीतकालीन ओलंपिक के लिए अपना दल बीजिंग नहीं भेजेगा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बुधवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया भी अमेरिका के साथ इस आयोजन का बहिष्कार कर रहा है।
मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं। इसमें ऑस्ट्रेलिया के विदेशी मामलों में चीन की दखल और हाल में परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बी हासिल करने के बाद चीनी रवैया भी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया मजबूत स्थिति से पीछे नहीं हटेगा। हम ऑस्ट्रेलिया के हित के लिए खड़े हैं और इस बात पर कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि हम उन खेलों के लिए अपने अधिकारी नहीं भेजेंगे।’
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया से एक दिन पहले अमेरिका ने इन खेलों को राजनयिक बहिष्कार करने का फैसला किया था।
अमेरिका ने चीन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के चलते चीन का बहिष्कार किया था। अमेरिका का कहना था कि चीन अल्पसंख्यक उईगर समुदाय का नरसंहार कर रहा है। इसके अलावा वह कई अन्य जगह भी मानवाधिकारों का हनन कर रहा है।
मॉरिसन ने भी शिनजियांग प्रांत में चीनी नरसंहार का हवाला दिया है। इसके अलावा चीन ने ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों से मिलने से इनकार कर दिया था और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने यह फैसला लिया है। मॉरिसन ने कहा, ‘हमारी ओर से कोई बाधा नहीं थी लेकिन चीनी सरकार ने लगातार इन मुद्दों पर बात करने के हमारे अधिकारियों से मिलने के मौके गंवाए हैं।’
विस्तार
बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक से पहले चीन को एक और झटका लगा है। अमेरिका के बाद अब ऑस्ट्रेलिया ने भी बीजिंग ओलिंपिक का बहिष्कार करने का फैसला किया है। ऑस्ट्रेलिया ने फैसला किया है कि वह आगामी शीतकालीन ओलंपिक के लिए अपना दल बीजिंग नहीं भेजेगा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने बुधवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया भी अमेरिका के साथ इस आयोजन का बहिष्कार कर रहा है।
मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं। इसमें ऑस्ट्रेलिया के विदेशी मामलों में चीन की दखल और हाल में परमाणु शक्ति से चलने वाली पनडुब्बी हासिल करने के बाद चीनी रवैया भी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया मजबूत स्थिति से पीछे नहीं हटेगा। हम ऑस्ट्रेलिया के हित के लिए खड़े हैं और इस बात पर कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि हम उन खेलों के लिए अपने अधिकारी नहीं भेजेंगे।’
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया से एक दिन पहले अमेरिका ने इन खेलों को राजनयिक बहिष्कार करने का फैसला किया था।
अमेरिका ने चीन द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के चलते चीन का बहिष्कार किया था। अमेरिका का कहना था कि चीन अल्पसंख्यक उईगर समुदाय का नरसंहार कर रहा है। इसके अलावा वह कई अन्य जगह भी मानवाधिकारों का हनन कर रहा है।
मॉरिसन ने भी शिनजियांग प्रांत में चीनी नरसंहार का हवाला दिया है। इसके अलावा चीन ने ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों से मिलने से इनकार कर दिया था और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने यह फैसला लिया है। मॉरिसन ने कहा, ‘हमारी ओर से कोई बाधा नहीं थी लेकिन चीनी सरकार ने लगातार इन मुद्दों पर बात करने के हमारे अधिकारियों से मिलने के मौके गंवाए हैं।’
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