भारत में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले संगीतकार और मशहूर गायक बप्पी लाहिड़ी का मंगलवार को निधन हो गया। 80 और 90 के दशक में अपने डिस्को गीत के लिए मशहूर बप्पी दा ने 69 साल उम्र में अंतिम सांस ली। बप्पी लाहिड़ी को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं, जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई। अपने गानों के साथ ही बप्पी दा अपने सोने के आभूषणों की वजह से भी काफी मशहूर थे। बप्पी दा को म्यूजिक के साथ ही सोने से भी काफी लगाव था।
वह हमेशा गले में सोने की मोटी- मोटी चैन, अंगूठियां पहनकर रहते थे। ऐसे में अब उनके निधन के बाद यह सवाल उठ रहा है कि बप्पी लाहिड़ी के सोने के आभूषणों का क्या किया जाएगा? इस बारे में एक वेबसाइट से बात करते हुए बप्पी दा के करीबी ने बताया कि बप्पी दा का सोने से बहुत करीबी रिश्ता था। उनके लिए सोना सिर्फ आभूषण नहीं थे। वह जानते थे कि अब यह उनकी एक पहचान बन चुका है।
उन्होंने आगे बताया कि जब लोग कई बार बप्पी दा की सोने की चेन के साथ सेल्फी के लिए पूछते थे, तो गायक बहुत ही विनम्रता से इसके लिए मना कर देते थे। बप्पी दा यह नहीं चाहते थे कि कोई भी उनकी चैन को हाथ लगाए। इसलिए जब भी कोई उनके पैर छूने आता था, तो वह उन से थोड़ी दूरी बनाने की कोशिश करते थे।
बप्पी लाहिड़ी के पास सोने की अंगूठियां, ब्रेसलेट्स, गणेश जी, डायमंड लगे सोने के ब्रेसलेट, गोल्ड के प्रेम भी है। फिलहाल यह सभी चीजें बक्से में बंद कर अलमारी में रखी हुई है। बप्पी दा के बच्चे अपने पिता की विरासत को इसी तरह बरकरार रखना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने इन सब चीजों को संरक्षित करने का फैसला किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बप्पी दा के आखिरी समय में उनकी बेटी रीमा लाहिड़ी उनके साथ थी। खबरों के मुताबिक बप्पी दा के पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि गायक ने अपनी बेटी के हाथों में ही अंतिम सांस ली है। उनकी बेटी रीमा ही वह आखिरी शख्स थी, जिनसे बप्पी दा ने आखिरी बार बात की थी। बप्पी लाहिड़ी के निधन से उनका पूरा परिवार बुरी तरह टूट गया है।
गौरतलब है कि मशहूर गायक- संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का मंगलवार रात मुंबई के एक अस्पताल में कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया। गायक ने 69 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। बप्पी दा के निधन की खबर सामने आने के बाद से ही पूरे मनोरंजन जगत समेत देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार यानी 17 फरवरी को मुंबई के सांताक्रूज स्थित पवन हंस श्मशान घाट में सुबह 10 बजे किया जाएगा।