ए आर रहमान का जन्म 6 जनवरी 1966 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ था। उनका पूरा नाम अल्लाह रक्खा रहमान है। हालांकि उनका असली नाम ‘दिलीप कुमार’ था जो कि उन्हें पसंद नहीं था। एआर रहमान (AR Rahman) आज अपना 55वां बर्थडे मना रहे हैं। अपने संगीत से लोगों के दिलों में बस जाने वाले रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिला है। उनके पिता भी संगीतकार थे। अपनी रचनाओं से रहमान ने ना सिर्फ देश में बल्कि दुनिया में भी नाम कमाया और तिरंगे का मान बढ़ाया है। ऑस्कर विनर संगीतकार के बर्थडे के मौके पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियां देने जा रहे हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं।
रहमान जब 9 साल के थे तभी उनके पिता का निधन हो गया था। उस समय स्कूल में पढ़ रहे रहमान को परिवार की मदद करने के लिए काम करना पड़ा, जिसकी वजह से वो एग्जाम में भी फेल होने लगे। गरीबी कुछ ऐसी कि पैसों के लिए घरवालों को वाद्ययंत्र तक बेचने पड़े थे।15 वर्ष की उम्र में रहमान को कम उपस्थिति के कारण स्कूल छोड़ना पड़ा था। अपने हुनर को उन्होंने अपना हथियार बनाया और आज दुनिया के तमाम बड़े संगीत स्कूलों में रहमान को पढ़ाया जाता है।
एक साक्षात्कार के दौरान ए. आर. रहमान ने कहा कि वह 25 साल की उम्र तक खुदखुशी के बारे में सोचा करते थे। लेकिन, संगीत के शौक ने रहमान को इन हालात से उबारा और अपने शौक को ही रहमान ने अपना पेशा बना लिया। साल 1991 में रहमान ने फिल्मों के लिए म्यूजिक बनाना शुरू किया। फिल्मकार मणि रत्नम ने अपनी फिल्म ‘रोजा’ में उन्हें संगीत देने का मौका दिया।
बताया जाता है कि 1984 में रहमान की बहन की तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी। उस वक्त उनकी मुलाकात कादरी से हुई। उनकी सेवा करने के बाद रहमान की बहन पूरी तरह ठीक हो गई। इसके बाद उन्होंने अपने परिवार के साथ इस्लाम धर्म अपना लिया और अपना नाम दिलीप कुमार से बदलकर अल्लाह रक्खा रहमान कर लिया।
रहमान को अब तक छह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, दो ऑस्कर पुरस्कार, दो ग्रैमी पुरस्कार, एक गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, 15 फिल्मफेयर पुरस्कार और दक्षिण भारतीय फिल्मों के लिए 17 साउथ फिल्म फेयर पुरस्कार मिल चुके हैं। ए आर रहमान का चेन्नई में अपना खुद का म्यूजिक स्टूडियो है।
