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All England Championships: दो दशक से भारत को स्वर्ण का इंतजार, क्या सिंधू, लक्ष्य और श्रीकांत जीत पाएंगे सोना?

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स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, बर्मिंघम
Published by: रोहित राज
Updated Wed, 16 Mar 2022 12:58 AM IST

सार

सिंधू, साइना नेहवाल और श्रीकांत जैसे भारत के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप का खिताब जीतने में नाकाम रहे हैं। पुलेला गोपीचंद (2001) और प्रकाश पादुकोण (1980) ही भारत के लिए इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खिताब जीत पाए हैं।

लक्ष्य सेन, पीवी सिंधू और किदांबी श्रीकांत
– फोटो : सोशल मीडिया


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ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप की शुरुआत 16 मार्च (बुधवार) से हो रही है। भारत को दो दशक से बैडमिंटन के इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खिताब का इंतजार है। अब तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी पिछले 21 साल में यहां स्वर्ण पदक नहीं जीत सका है। इस बार फॉर्म में चल रहे बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन, दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता किदांबी श्रीकांत पर सभी की नजरें टिकी होंगी।

सिंधू, साइना नेहवाल और श्रीकांत जैसे भारत के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप का खिताब जीतने में नाकाम रहे हैं। पुलेला गोपीचंद (2001) और प्रकाश पादुकोण (1980) ही भारत के लिए इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खिताब जीत पाए हैं। साइना 2015 में फाइनल में पहुंचकर खिताब जीतने के करीब पहुंची थी जबकि ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों जैसी अन्य सभी बड़ी प्रतियोगिताओं में पदक जीतने में सफल रहीं सिंधू भी ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप नहीं जीत पाई हैं।

छठी वरीय सिंधू एक बार फिर जीत की दावेदार के रूप में उतरेंगी। जर्मन ओपन के दूसरे दौर में कम रैंकिंग वाली चीन की झेंग यी मेन के खिलाफ शिकस्त झेलने वाली सिंधू अपना अभियान चीन की दुनिया की 17वें नंबर की खिलाड़ी वैंग झी यी के खिलाफ शुरू करेंगी। विश्व चैंपियनशिप 2019 की स्वर्ण पदक विजेता सिंधू को पहले दो दौर के मुकाबले जीतने पर क्वार्टर फाइनल में जापान की अकाने यामागुची से भिड़ना पड़ सकता है। 

जर्मन ओपन में थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन के खिलाफ शिकस्त झेलने वालीं साइना को पहले दौर में ही थाईलैंड की दुनिया की 10वें नंबर की खिलाड़ी पोर्नपावी चोचुवोंग की कड़ी चुनौती का सामना करना होगा।

लक्ष्य की पहली टक्कर सौरभ से 
20 साल के लक्ष्य ने इस सुपर 1000 टूर्नामेंट से पहले लगातार अच्छा प्रदर्शन करके उम्मीद जगाई है। लक्ष्य पिछले छह महीने से बेहतरीन फॉर्म में हैं। वह पिछले हफ्ते जर्मन ओपन में उपविजेता रहे जबकि उन्होंने इंडियन ओपन का खिताब जीता और पिछले साल दिसंबर में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे। जर्मन ओपन में लक्ष्य ने ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन को हराकर बड़ा उलटफेर भी किया। अल्मोड़ा के इस खिलाड़ी को पहले दौर में हमवतन सौरभ वर्मा से भिड़ना है। 

श्रीकांत को पहले दौर में थाईलैंड के केंताफोन वेंगचेरोन से भिड़ना है। बी साई प्रणीत कोविड-19 से उबरने के बाद पहले दौर में ही ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन की चुनौती का सामना करेंगे। समीर वर्मा का पहला मैच नीदरलैंड के मार्क कालजोव से तो एचएस प्रणय का थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसार्न से होगा।

युगल में चिराग-सात्विक से उम्मीदें
पुरुष युगल में चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी को पहले दौर में स्कॉटलैंड के एलेक्जेंडर डुन और एडम हॉल की जोड़ी से भिड़ना है। ध्रुव कपिला और एमआर अर्जुन को पहले दौर में ही मोहम्मद अहसन और हेंद्रा सेतियावान की दुनिया की दूसरे नंबर की जोड़ी का सामना करना है। महिला युगल में अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी की जोड़ी जापान की केई नाकनिशी और रिन इवांगा के खिलाफ उतरेगी।

विस्तार

ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप की शुरुआत 16 मार्च (बुधवार) से हो रही है। भारत को दो दशक से बैडमिंटन के इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खिताब का इंतजार है। अब तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी पिछले 21 साल में यहां स्वर्ण पदक नहीं जीत सका है। इस बार फॉर्म में चल रहे बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन, दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता किदांबी श्रीकांत पर सभी की नजरें टिकी होंगी।

सिंधू, साइना नेहवाल और श्रीकांत जैसे भारत के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप का खिताब जीतने में नाकाम रहे हैं। पुलेला गोपीचंद (2001) और प्रकाश पादुकोण (1980) ही भारत के लिए इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खिताब जीत पाए हैं। साइना 2015 में फाइनल में पहुंचकर खिताब जीतने के करीब पहुंची थी जबकि ओलंपिक, विश्व चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेल और एशियाई खेलों जैसी अन्य सभी बड़ी प्रतियोगिताओं में पदक जीतने में सफल रहीं सिंधू भी ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप नहीं जीत पाई हैं।

छठी वरीय सिंधू एक बार फिर जीत की दावेदार के रूप में उतरेंगी। जर्मन ओपन के दूसरे दौर में कम रैंकिंग वाली चीन की झेंग यी मेन के खिलाफ शिकस्त झेलने वाली सिंधू अपना अभियान चीन की दुनिया की 17वें नंबर की खिलाड़ी वैंग झी यी के खिलाफ शुरू करेंगी। विश्व चैंपियनशिप 2019 की स्वर्ण पदक विजेता सिंधू को पहले दो दौर के मुकाबले जीतने पर क्वार्टर फाइनल में जापान की अकाने यामागुची से भिड़ना पड़ सकता है। 

जर्मन ओपन में थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन के खिलाफ शिकस्त झेलने वालीं साइना को पहले दौर में ही थाईलैंड की दुनिया की 10वें नंबर की खिलाड़ी पोर्नपावी चोचुवोंग की कड़ी चुनौती का सामना करना होगा।

लक्ष्य की पहली टक्कर सौरभ से 

20 साल के लक्ष्य ने इस सुपर 1000 टूर्नामेंट से पहले लगातार अच्छा प्रदर्शन करके उम्मीद जगाई है। लक्ष्य पिछले छह महीने से बेहतरीन फॉर्म में हैं। वह पिछले हफ्ते जर्मन ओपन में उपविजेता रहे जबकि उन्होंने इंडियन ओपन का खिताब जीता और पिछले साल दिसंबर में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे। जर्मन ओपन में लक्ष्य ने ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन को हराकर बड़ा उलटफेर भी किया। अल्मोड़ा के इस खिलाड़ी को पहले दौर में हमवतन सौरभ वर्मा से भिड़ना है। 

श्रीकांत को पहले दौर में थाईलैंड के केंताफोन वेंगचेरोन से भिड़ना है। बी साई प्रणीत कोविड-19 से उबरने के बाद पहले दौर में ही ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन की चुनौती का सामना करेंगे। समीर वर्मा का पहला मैच नीदरलैंड के मार्क कालजोव से तो एचएस प्रणय का थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसार्न से होगा।

युगल में चिराग-सात्विक से उम्मीदें

पुरुष युगल में चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी को पहले दौर में स्कॉटलैंड के एलेक्जेंडर डुन और एडम हॉल की जोड़ी से भिड़ना है। ध्रुव कपिला और एमआर अर्जुन को पहले दौर में ही मोहम्मद अहसन और हेंद्रा सेतियावान की दुनिया की दूसरे नंबर की जोड़ी का सामना करना है। महिला युगल में अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी की जोड़ी जापान की केई नाकनिशी और रिन इवांगा के खिलाफ उतरेगी।

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