videsh

5G नेटवर्क की आड़ में अब क्या कर चीन?: पृथ्वी की निचली कक्षा में वर्चस्व स्थापित करने की है तैयारी, दावा- दुनिया की जासूसी करने के लिए भेजे रहा 13 हजार सेटेलाइट्स

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: प्रांजुल श्रीवास्तव
Updated Sat, 29 Jan 2022 09:56 AM IST

सार

चीन करीब 13 हजार सेटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करेगा। यह ‘मेगाकॉन्स्टेलेशन’ की तरह होगा, जो हजारों नेटवर्क का नेटवर्क है। चीन का कहना है कि वह ऐसा 5G नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कर रहा है। 

ख़बर सुनें

चीन एक ऐसे मिशन की शुरुआत करने जा रहा है, जिसने नए सिरे से दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन अंतरिक्ष में 13 हजार उपग्रहों को भेजने की योजना बना रहा है। यह एक महातारामंडल जैसा होगा, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में चक्कर लगाएंगे। इसी रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जिस कंपनी को 13 हजार सेटेलाइट्स को स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई है, उसने कहा है कि मिशन का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में वर्चस्व स्थापित करने का है। 

उधर, चीन के स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री फॉर नेशनल डिफेंस (SASTIND) ने कहा है कि इसके तहत छोटे उपग्रहों का व्यवस्थित विकास किया जाएगा। जिससे इंटरनेट सुविधाओं को और मजबूत किया जा सके। हालांकि, इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि इस नेटवर्क का इस्तेमाल चीन किसलिए करने जा रहा है। कहा जा रहा है कि चीन ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी 5G नेटवर्क सेवाओं को मजबूत करने के लिए ऐसा कर रहा है। 

क्या है पूरी योजना
चीन की योजना के मुताबिक, 12,992 उपग्रह ‘मेगाकॉन्स्टेलेशन’ पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा करेंगे। ये पृथ्वी की सतह से 498.89 किलोमीटर से 1144.24 किलोमीटर के बीच रहेंगे। दरअसल, एक ‘मेगाकॉन्स्टेलेशन’ हजारों उपग्रहों का एक नेटवर्क है जो इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए पृथ्वी की लंबाई और चौड़ाई को कवर करता है। स्पेसएक्स स्टारलिंक वर्तमान में सबसे विकसित है, जिसमें लगभग 2,000 उपग्रह हैं।

हर देश की जासूसी तो नहीं करना चाहता चीन 
ऐसा पहली बार नहीं है कि चीन दुनिया के हर देश की जासूसी करना चाह रहा है। पहले भी वह पृथ्वी पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखता आया है। इसके लिए वह पहले ही दो अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट्स को लॉन्च कर चुका है। चीन का दावा है कि ये उपग्रह समुद्री आपदाओं, समुद्री पर्यावरण और जल संरक्षण की निगरानी करते हैं।

विस्तार

चीन एक ऐसे मिशन की शुरुआत करने जा रहा है, जिसने नए सिरे से दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन अंतरिक्ष में 13 हजार उपग्रहों को भेजने की योजना बना रहा है। यह एक महातारामंडल जैसा होगा, जो पृथ्वी की निचली कक्षा में चक्कर लगाएंगे। इसी रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि जिस कंपनी को 13 हजार सेटेलाइट्स को स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई है, उसने कहा है कि मिशन का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा में वर्चस्व स्थापित करने का है। 

उधर, चीन के स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री फॉर नेशनल डिफेंस (SASTIND) ने कहा है कि इसके तहत छोटे उपग्रहों का व्यवस्थित विकास किया जाएगा। जिससे इंटरनेट सुविधाओं को और मजबूत किया जा सके। हालांकि, इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि इस नेटवर्क का इस्तेमाल चीन किसलिए करने जा रहा है। कहा जा रहा है कि चीन ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी 5G नेटवर्क सेवाओं को मजबूत करने के लिए ऐसा कर रहा है। 

क्या है पूरी योजना

चीन की योजना के मुताबिक, 12,992 उपग्रह ‘मेगाकॉन्स्टेलेशन’ पृथ्वी की निचली कक्षा में परिक्रमा करेंगे। ये पृथ्वी की सतह से 498.89 किलोमीटर से 1144.24 किलोमीटर के बीच रहेंगे। दरअसल, एक ‘मेगाकॉन्स्टेलेशन’ हजारों उपग्रहों का एक नेटवर्क है जो इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए पृथ्वी की लंबाई और चौड़ाई को कवर करता है। स्पेसएक्स स्टारलिंक वर्तमान में सबसे विकसित है, जिसमें लगभग 2,000 उपग्रह हैं।

हर देश की जासूसी तो नहीं करना चाहता चीन 

ऐसा पहली बार नहीं है कि चीन दुनिया के हर देश की जासूसी करना चाह रहा है। पहले भी वह पृथ्वी पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखता आया है। इसके लिए वह पहले ही दो अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट्स को लॉन्च कर चुका है। चीन का दावा है कि ये उपग्रह समुद्री आपदाओं, समुद्री पर्यावरण और जल संरक्षण की निगरानी करते हैं।

Source link

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

9
Desh

कौन हैं पद्म भूषण पाने वाले डॉ. कृष्णा इल्ला

To Top
%d bloggers like this: