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2+2 वार्ता: भारत-अमेरिका ने यूक्रेन की मानवीय सहायता पर की वार्ता, लंका और पाकिस्तान को लेकर भी हुई चर्चा

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Wed, 13 Apr 2022 08:38 PM IST

सार

2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद हुई संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने अपना दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से प्रदान किया और रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच दोनों देशों ने ऊर्जा संकट, खाद्य सुरक्षा और कीव को मानवीय सहायता पर चर्चा की। 

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भारत-अमेरिका के बीच ‘टू-प्लस-टू’ मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन में मंगलवार को कहा कि यूक्रेन संकट को लेकर हमने बात की।यूक्रेन को हमने मार्च महीने में 90 टन राहत सामग्री दी है, लेकिन अभी भी यूक्रेन को दवाओं की आपूर्ति पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि इंडो-पैसिफिक में और अधिक आर्थिक गतिविधियों के बारे में भी चर्चा हुई। इस दौरान ऐसा क्या है जो विभिन्न देश, विशेष रूप से क्वाड के देश अधिक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कर सकते हैं इस पर भी वार्ता हुई।

वाशिंगटन में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि वार्ता के दौरान श्रीलंका के आर्थिक संकट के कारण पैदा हुई कठिनाइयों, पाकिस्तान की राजनीति में हुए बदलाव के साथ ही नेपाल के आर्थिक संकट और म्यांमार के ताजा घटनाक्रम पर भी चर्चा हुई। ये बातें उन्होंने 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद हुई संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहीं। 

संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान कई उच्च स्तरीय बैठकें करने वाले जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संकट पर चर्चा में बहुत समय लगा। उन्होंने कहा कि भारत ने अपना दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से प्रदान किया और रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच दोनों देशों ने ऊर्जा संकट, खाद्य सुरक्षा और कीव को मानवीय सहायता पर चर्चा की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी मौजूद थे।

जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष की स्थिति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ा है। हमने ऊर्जा की स्थिति पर चर्चा की। इस दौरान हमने सभी देशों की खाद्य सुरक्षा पर चर्चा की, साथ ही उन देशों के संदर्भ में क्या किया जा सकता है? साथ ही यूक्रेन में मानवीय स्थिति को लेकर विभिन्न देश क्या कर रहे हैं, हमने उसके बारे में बात की। 

2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान, जयशंकर ने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद की आलोचना के बारे में सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि पहले ही भारत ने कई बयान दिए हैं जो यूक्रेन संघर्ष पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हैं।

इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को कहा था  कि रूस से ऊर्जा आयात पर प्रतिबंध नहीं है और नई दिल्ली अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रही है। गौरतलब है कि जयशंकर ने दोनों देशों के बीच चौथी 2+2 वार्ता में भाग लिया। उन्होंने अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई के साथ भी बातचीत की।

विस्तार

भारत-अमेरिका के बीच ‘टू-प्लस-टू’ मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन में मंगलवार को कहा कि यूक्रेन संकट को लेकर हमने बात की।यूक्रेन को हमने मार्च महीने में 90 टन राहत सामग्री दी है, लेकिन अभी भी यूक्रेन को दवाओं की आपूर्ति पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि इंडो-पैसिफिक में और अधिक आर्थिक गतिविधियों के बारे में भी चर्चा हुई। इस दौरान ऐसा क्या है जो विभिन्न देश, विशेष रूप से क्वाड के देश अधिक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कर सकते हैं इस पर भी वार्ता हुई।

वाशिंगटन में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि वार्ता के दौरान श्रीलंका के आर्थिक संकट के कारण पैदा हुई कठिनाइयों, पाकिस्तान की राजनीति में हुए बदलाव के साथ ही नेपाल के आर्थिक संकट और म्यांमार के ताजा घटनाक्रम पर भी चर्चा हुई। ये बातें उन्होंने 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद हुई संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहीं। 

संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान कई उच्च स्तरीय बैठकें करने वाले जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संकट पर चर्चा में बहुत समय लगा। उन्होंने कहा कि भारत ने अपना दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से प्रदान किया और रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच दोनों देशों ने ऊर्जा संकट, खाद्य सुरक्षा और कीव को मानवीय सहायता पर चर्चा की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी मौजूद थे।

जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष की स्थिति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ा है। हमने ऊर्जा की स्थिति पर चर्चा की। इस दौरान हमने सभी देशों की खाद्य सुरक्षा पर चर्चा की, साथ ही उन देशों के संदर्भ में क्या किया जा सकता है? साथ ही यूक्रेन में मानवीय स्थिति को लेकर विभिन्न देश क्या कर रहे हैं, हमने उसके बारे में बात की। 

2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान, जयशंकर ने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद की आलोचना के बारे में सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि पहले ही भारत ने कई बयान दिए हैं जो यूक्रेन संघर्ष पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हैं।

इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को कहा था  कि रूस से ऊर्जा आयात पर प्रतिबंध नहीं है और नई दिल्ली अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं कर रही है। गौरतलब है कि जयशंकर ने दोनों देशों के बीच चौथी 2+2 वार्ता में भाग लिया। उन्होंने अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई के साथ भी बातचीत की।

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