हर रोज हम अलग-अलग खबरों से दो-चार होते हैं। हमारी आंखों के सामने से कई सारी खबरें गुजरती हैं। इनमें से कुछ ऐसी अहम खबरें होती हैं, जिनका हमारे जीवन पर असर पड़ता है…
Farmers rally: सीमाओं से किसानों की वापसी शुरू, विजय रैली के बाद आज आंदोलन स्थल होंगे खाली
बंधी गठरियां, सिमटा तिरपाल, उखड़े पड़े बंबू व सड़क किनारे एक के ऊपर एक कुर्सियों के खड़े गट्ठर और लाउडस्पीकर पर बजते पंजाबी गानों के साथ शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर का नजारा किसी खत्म हुए मेले जैसा था।
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बंधी गठरियां, सिमटा तिरपाल, उखड़े पड़े बंबू व सड़क किनारे एक के ऊपर एक कुर्सियों के खड़े गट्ठर और लाउडस्पीकर पर बजते पंजाबी गानों के साथ शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर का नजारा किसी खत्म हुए मेले जैसा था।
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यूपी: पीएम आज करेंगे सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का लोकार्पण, नौ जिलों के 29 लाख किसानों को होगा लाभ
1978 से शुरू हुई सरयू नहर परियोजना पूरी हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की इस सबसे बड़ी परियोजना का लोकार्पण आज करेंगे। गोंडा सहित नौ जिलों के किसानों के लिए यह परियोजना एक वरदान साबित होगी।
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1978 से शुरू हुई सरयू नहर परियोजना पूरी हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की इस सबसे बड़ी परियोजना का लोकार्पण आज करेंगे। गोंडा सहित नौ जिलों के किसानों के लिए यह परियोजना एक वरदान साबित होगी।
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Army Helicopter Crash: आज हरिद्वार में विसर्जित की जाएंगी सीडीएस बिपिन रावत व पत्नी की अस्थियां, वीआईपी घाट पर होगा विसर्जन
देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां शनिवार को हरिद्वार गंगा में विसर्जित की जाएंगी। शनिवार को वीआईपी घाट पर सुबह दस बजे स्व. बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां विसर्जित की जाएगी।
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देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां शनिवार को हरिद्वार गंगा में विसर्जित की जाएंगी। शनिवार को वीआईपी घाट पर सुबह दस बजे स्व. बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां विसर्जित की जाएगी।
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UP Election 2022: आज आजमगढ़ में होगा ‘सत्ता का संग्राम’, चुनावी मुद्दों पर होगी चर्चा, सवालों के घेरे में होंगे नेता
आजमगढ़ आदि काल से ही मनीषियों, ऋषियों, विद्वानों और स्वतंत्रता सेनानियों की जन्म स्थली रही है। इतिहास के पन्नों में इस जनपद का अतीत महिमामंडित रहा है। चीनी की मिलें और वस्त्र बुनाई यहां के प्रमुख उद्योग हैं। गंगा और घाघरा नदी के बीच बसा यह शहर पुरातात्विक, सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टि से भी खास है।
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आजमगढ़ आदि काल से ही मनीषियों, ऋषियों, विद्वानों और स्वतंत्रता सेनानियों की जन्म स्थली रही है। इतिहास के पन्नों में इस जनपद का अतीत महिमामंडित रहा है। चीनी की मिलें और वस्त्र बुनाई यहां के प्रमुख उद्योग हैं। गंगा और घाघरा नदी के बीच बसा यह शहर पुरातात्विक, सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टि से भी खास है।
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