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क्रूरता: पाकिस्तान में बेअदबी के नाम पर फिर हत्या, मानसिक अस्वस्थ व्यक्ति को मारकर पेड़ से लटकाया

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सार

पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक एवं सरदार अली खान के मुताबिक 33 नामजद आरोपियों सहित 300 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें जघन्य अपराध और आतंकवाद से संबंधित धाराओं को जोड़ा गया है।

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पाकिस्तान के सियालकोट में दिसंबर में श्रीलंकाई नागरिक की हत्या के बाद पंजाब में खानेवाल जिले के डेरावाला गांव में भी कट्टरपंथियों की भीड़ ने कुरान की बेअदबी के नाम पर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी। भीड़ ने कुरान के पन्ने फाड़कर जलाने के आरोप में भीड़ ने इस व्यक्ति को पहले पत्थरों से मारा और फिर शव को पेड़ से लटका दिया।

पुलिस के मुताबिक, शनिवार देर शाम नमाज के बाद मस्जिद से बेअदबी का एलान किया गया, जिसके बाद लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने आरोपी को पुलिस से छीनकर पेड़ से बांध दिया और जान ले ली पत्थर मारने शुरू कर दिए। शव को पेड़ से उतारने गए पुलिसकर्मियों पर भी भीड़ ने पत्थर बरसाए। मृतक की पहचान बारा चाक गांव निवासी मुश्ताक अहमद के तौर पर हुई है। वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं था। 

पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक एवं सरदार अली खान के मुताबिक 33 नामजद आरोपियों सहित 300 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें जघन्य अपराध और आतंकवाद से संबंधित धाराओं को जोड़ा गया है। पुलिस अब तक 62 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें मुख्य आरोपी भी शामिल हैं।

इमरान ने कहा, दोषियों पर सख्ती होगी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि लिविंग में शामिल दोषियों के साथ गंभीरता से निपटा जाएगा। इसके साथ उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी हिदायत दी कि जो कर्तव्य में विफल होंगे कानून उनके खिलाफ भी काम करेगा। 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री से घटना का पूरा है। यह सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि यह समस्या कानून व्यवस्था के साथ हो साथ ही सामाजिक मूल्यों में गिरावट से जुड़ी है। यदि स्कूल पुलिस और समाज को नहीं सुधार गया, तो बड़े विनाश के लिए तैयार रहना होगा। 

मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पंजाब सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। इन पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने भीड़ को कानून हाथ में लेने दिया। देश में भीड़ को शासन को अनुमति नहीं देनी चाहिए।

बेअदबी कानून की आड़ में हिंसा 
असल में इस तरह की घटनाओं के पीछे पाकिस्तान का बेअदबी कानून है, जो मस्लिम समुदाय को इस तरह की घटनाओं में लिप्त होने की स्थिति में खास सुरखा देता है। यहां तक कि व्यक्तिगत इंजिश के मामलों में दो के नाम पर लोगों की हत्या कर दी जाती है, इसे सामाजिक स्वीकृति भी मिली हुई है। खासतौर पर अल्पसंख्यक इस कानून का शिकार बनते हैं।

विस्तार

पाकिस्तान के सियालकोट में दिसंबर में श्रीलंकाई नागरिक की हत्या के बाद पंजाब में खानेवाल जिले के डेरावाला गांव में भी कट्टरपंथियों की भीड़ ने कुरान की बेअदबी के नाम पर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी। भीड़ ने कुरान के पन्ने फाड़कर जलाने के आरोप में भीड़ ने इस व्यक्ति को पहले पत्थरों से मारा और फिर शव को पेड़ से लटका दिया।

पुलिस के मुताबिक, शनिवार देर शाम नमाज के बाद मस्जिद से बेअदबी का एलान किया गया, जिसके बाद लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने आरोपी को पुलिस से छीनकर पेड़ से बांध दिया और जान ले ली पत्थर मारने शुरू कर दिए। शव को पेड़ से उतारने गए पुलिसकर्मियों पर भी भीड़ ने पत्थर बरसाए। मृतक की पहचान बारा चाक गांव निवासी मुश्ताक अहमद के तौर पर हुई है। वह मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं था। 

पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक एवं सरदार अली खान के मुताबिक 33 नामजद आरोपियों सहित 300 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसमें जघन्य अपराध और आतंकवाद से संबंधित धाराओं को जोड़ा गया है। पुलिस अब तक 62 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें मुख्य आरोपी भी शामिल हैं।

इमरान ने कहा, दोषियों पर सख्ती होगी

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि लिविंग में शामिल दोषियों के साथ गंभीरता से निपटा जाएगा। इसके साथ उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी हिदायत दी कि जो कर्तव्य में विफल होंगे कानून उनके खिलाफ भी काम करेगा। 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री से घटना का पूरा है। यह सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि यह समस्या कानून व्यवस्था के साथ हो साथ ही सामाजिक मूल्यों में गिरावट से जुड़ी है। यदि स्कूल पुलिस और समाज को नहीं सुधार गया, तो बड़े विनाश के लिए तैयार रहना होगा। 

मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पंजाब सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। इन पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने भीड़ को कानून हाथ में लेने दिया। देश में भीड़ को शासन को अनुमति नहीं देनी चाहिए।

बेअदबी कानून की आड़ में हिंसा 

असल में इस तरह की घटनाओं के पीछे पाकिस्तान का बेअदबी कानून है, जो मस्लिम समुदाय को इस तरह की घटनाओं में लिप्त होने की स्थिति में खास सुरखा देता है। यहां तक कि व्यक्तिगत इंजिश के मामलों में दो के नाम पर लोगों की हत्या कर दी जाती है, इसे सामाजिक स्वीकृति भी मिली हुई है। खासतौर पर अल्पसंख्यक इस कानून का शिकार बनते हैं।

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