न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बेंगलुरु
Published by: सुरेंद्र जोशी
Updated Wed, 23 Feb 2022 12:06 PM IST
सार
शिवमोगा में हालात नियंत्रण में है और तेजी से सुधर रहे हैं। पर्याप्त बल तैनात किया गया है। केएसआरपी और आरएएफ की 20 बटालियनें तैनात की गई हैं।
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विस्तार
ज्ञानेंद्र ने कहा कि हत्या व हिंसा को लेकर शिवमोगा के दो थाना क्षेत्रों के पुलिसकर्मिंयों की जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोटे व डोड्डापेट पुलिस थानों के प्रदर्शन का आडिट करने की जरूरत है। हम यह देखेंगे कि पिछले पांच सालों से इन थानों में कितने पुलिसकर्मी पदस्थ हैं और वे इन आठों गिरफ्तार आरोपियों पर कैसे नजर रखते थे, जबकि उनका बड़ा आपराधिक रिकॉर्ड है। इन घटनाओं को लेकर गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा।
शिवमोगा के डीआईजी पूर्वी क्षेत्र डॉ. के. त्यागराजन ने कहा कि शहर में हालात नियंत्रण में है और तेजी से सुधर रहे हैं। पर्याप्त बल तैनात किया गया है। केएसआरपी और आरएएफ की 20 बटालियनें तैनात की गई हैं। सुरक्षा बलों ने मंगलवार को क्षेत्र में फ्लैग मार्च भी किया, ताकि जनसामान्य में कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास बहाल किया जा सके।
मंगलवार को शिवमोगा के एसपी बीएम लक्ष्मी प्रसाद ने कहा था कि 28 साल के हर्षा की हत्या के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हर्षा की रविवार रात चाकू व धारदार हथियारों से हत्या कर कर दी गई थी। शिवमोगा से निर्वाचित मंत्री ज्ञानेंद्र ने बुधवार को कहा कि हत्या के मामले में अब तक आठ को गिरफ्तार किया जा चुका है। कुछ अन्य से भी पूछताछ चल रही है। ज्ञानेंद्र ने कहा कि सभी अपराधियों की पृष्ठभूमि की जांच होगी।
यह पूछने पर कि क्या हर्षा की हत्या कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा रखने के कारण हुई? ज्ञानेंद्र ने कहा कि यह विस्तृत जांच से खुलासा हो सकेगा। सरकार इस हत्या को साधारण हत्या नहीं मान रही है। इसके पीछे की ताकतों को हम सामने लाएंगे। आरोपियों में से अधिकांश का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। ज्ञानेंद्र ने कहा कि पूरे कर्नाटक में शिवमोगा अपराधियों का शरण स्थल बन गया है। ऐसे में यदि जिम्मेदारी तय नहीं की गई तो ऐसे तत्व और फैलेंगे।