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सौर विनिर्माण: भारत के समर्थन में आया अमेरिका, डीएफसी ने कंपनी को दिया 50 करोड़ डॉलर का कर्ज

वर्ल्ड डेस्क, अमर अजाला, वॉशिंगटन
Published by: सुभाष कुमार
Updated Thu, 09 Dec 2021 03:21 AM IST

सार

डीएफसी के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी देव जगदेसन ने कहा, भारत में अपने पहले सौर उद्यम को लेकर हम रोमांचित है। यह भारत स्थित कंपनी के लिए सौर पैनल निर्माण क्षमता को बढ़ावा देगी।

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अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्तीय कॉर्पोरेशन (डीएफसी) ने भारत में सौर विनिर्माण सुविधा का समर्थन करने के लिए अमेरिका की सबसे बड़ी सौर निर्माण कंपनी के लिए 50 करोड़ डॉलर के ऋण वित्तपोषण की घोषणा की है। यह कंपनी तमिलनाडु में काम करेगी। अमेरिका ने कंपनी को जलवायु परिवर्तन से निपटने और भारत के साथ रिश्तों को गहरा करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले 2019 में अमेरिकी संसद ने एक पूर्ववर्ती एजेंसी से डीएफसी को विकासशील देशों में विकास बढ़ाने और सरकारों से समन्वय करने का आदेश दिया था। डीएफसी के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी देव जगदेसन ने कहा, भारत में अपने पहले सौर उद्यम को लेकर हम रोमांचित है। यह भारत स्थित कंपनी के लिए सौर पैनल निर्माण क्षमता को बढ़ावा देगी। फर्स्ट सोलर के सीईओ मार्क विडमार ने कहा, भारत ने माना है कि उसे अपने टिकाऊ ऊर्जा भविष्य को आकार देना है और उसकी घरेलू सौर विनिर्माण क्षमता के विस्तार को बढ़ावा देना है। हम उन्हें यह सुविधा मुहैया कराएंगे।

चीन की चुनौतियों से मुकाबला
वर्तमान में चीन वैश्विक उत्पादन के साथ सौर पैनलों के उत्पादन को नियंत्रित करता है। चीन के इस प्रभुत्व से भारत और अमेरिका जैसे देश परेशान हैं और वे अपने सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यानी भारत में इस उद्यम के बहाने अमेरिका की कोशिश सौर ऊर्जा में चीन की चुनौतियों से मुकाबला करने की है।

विस्तार

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास वित्तीय कॉर्पोरेशन (डीएफसी) ने भारत में सौर विनिर्माण सुविधा का समर्थन करने के लिए अमेरिका की सबसे बड़ी सौर निर्माण कंपनी के लिए 50 करोड़ डॉलर के ऋण वित्तपोषण की घोषणा की है। यह कंपनी तमिलनाडु में काम करेगी। अमेरिका ने कंपनी को जलवायु परिवर्तन से निपटने और भारत के साथ रिश्तों को गहरा करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले 2019 में अमेरिकी संसद ने एक पूर्ववर्ती एजेंसी से डीएफसी को विकासशील देशों में विकास बढ़ाने और सरकारों से समन्वय करने का आदेश दिया था। डीएफसी के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी देव जगदेसन ने कहा, भारत में अपने पहले सौर उद्यम को लेकर हम रोमांचित है। यह भारत स्थित कंपनी के लिए सौर पैनल निर्माण क्षमता को बढ़ावा देगी। फर्स्ट सोलर के सीईओ मार्क विडमार ने कहा, भारत ने माना है कि उसे अपने टिकाऊ ऊर्जा भविष्य को आकार देना है और उसकी घरेलू सौर विनिर्माण क्षमता के विस्तार को बढ़ावा देना है। हम उन्हें यह सुविधा मुहैया कराएंगे।

चीन की चुनौतियों से मुकाबला

वर्तमान में चीन वैश्विक उत्पादन के साथ सौर पैनलों के उत्पादन को नियंत्रित करता है। चीन के इस प्रभुत्व से भारत और अमेरिका जैसे देश परेशान हैं और वे अपने सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यानी भारत में इस उद्यम के बहाने अमेरिका की कोशिश सौर ऊर्जा में चीन की चुनौतियों से मुकाबला करने की है।

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