एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 16 Feb 2022 03:22 AM IST
सार
सेबी ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद कहा कि उसके बोर्ड ने यह फैसला किया है कि सूचीबद्ध कंपनियों के लिए चेयरपर्सन और एमडी/सीईओ के पदों को अलग करने का प्रावधान अनिवार्य की जगह स्वैच्छिक होगा। कंपनियां अब अपनी जरूरत के हिसाब से चेयरपर्सन और एमडी/सीईओ का पद अलग-अलग या एक साथ रख सकती हैं।
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विस्तार
नियामक ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद कहा कि उसके बोर्ड ने यह फैसला किया है कि सूचीबद्ध कंपनियों के लिए चेयरपर्सन और एमडी/सीईओ के पदों को अलग करने का प्रावधान अनिवार्य की जगह स्वैच्छिक होगा। कंपनियां अब अपनी जरूरत के हिसाब से चेयरपर्सन और एमडी/सीईओ का पद अलग-अलग या एक साथ रख सकती हैं।
दरअसल, जून, 2017 में सेबी कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर उदय कोटक की अगुवाई में एक समिति बनाई थी। समिति ने चेयरपर्सन और एमडी/सीईओ के पदों को अलग-अलग करने का सुझाव दिया था। नियामक ने मई, 2018 में इन पदों को अलग करने के नियम पेश किए थे। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अगर भारतीय कंपनियों के इस मामले में कोई विचार हैं तो नियामक को इस पर गौर करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने साफ किया था कि वह कोई निर्देश नहीं दो रही हैं।
कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए सुधारों पर ध्यान दे सेबी : वित्तमंत्री
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि कारोबार सुगमता बढ़ाने के लिए सेबी को अगली पीढ़ी के सुधारों पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कदमों का बाजार पर पड़ने वाले असर से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। सेबी के निदेशक मंडल को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि नियामक की ओर से उठाए गए कदम प्रशंसनीय हैं।
हालांकि, अभी नियमों के अनुपालन बोझ को कम करने, बाजार मध्यस्थता की लागत के अलावा निवेशकों के हितों के अधिक सुरक्षित करने की दिशा में बहुत कुछ करने की जरूरत है। उन्होंने कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार को मजबूती देने और ग्रीन वॉन्ड बाजार के विकास की दिशा में भी प्रयास करने को कहा है।