राजीव सिन्हा, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: योगेश साहू
Updated Sat, 19 Feb 2022 05:10 AM IST
सार
याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि मौजूदा रिट याचिका में मांगी गई राहत सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीटी एंटनी बनाम केरल राज्य में दिए फैसले के तहत आता है। वह फैसला पहले को छोड़कर सभी समान एफआईआर को रद्द करने के संदर्भ में था। उस फैसले में कहा गया था कि मामले को एकल जांच को आगे बढ़ाया जा सकता है।
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विस्तार
वकील साहिल भालियाक ने चीफ जस्टिस एनवी रमण की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष वकील साहिल भालियाक ने कहा, मेरे मुवक्किल के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं। हम याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग करते हैं। यह टीटी एंटनी के फैसले के तहत आता है। इस पर सीजेआई ने कहा, यदि आपने कोई अपराध किया है तो आपको इसका सामना करना होगा।
यह उस फैसले के तहत आता है या नहीं, सुनवाई की तारीख पर फैसला किया जाएगा। आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर ने 24 जनवरी को यह याचिका दाखिल की थी। इसमें ‘सुल्ली डील ऑफ द डे’ एप से संबंधित अपराधों के संबंध में पूरे देश में दर्ज की गई विभिन्न एफआईआर को क्लब करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता के खिलाफ नई दिल्ली, नोएडा और मुंबई में तीन प्राथमिकी दर्ज हैं।
पिछले साल मुस्लिम महिलाओं को निशान बनाया था
एप ने पिछले साल मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया था और उनकी सहमति के बिना उनकी तस्वीरों को अपलोड किया था। उस वक्त इसे लेकर बड़ा हंगामा हुआ था। ‘बुली बाई’ मामला ‘सुल्ली डील्स’ एप का ‘क्लोन’ माना जाता है।
टीटी एंटनी बनाम केरल सरकार मामले में क्या हुआ था फैसला
याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि मौजूदा रिट याचिका में मांगी गई राहत सुप्रीम कोर्ट द्वारा टीटी एंटनी बनाम केरल राज्य में दिए फैसले के तहत आता है। वह फैसला पहले को छोड़कर सभी समान एफआईआर को रद्द करने के संदर्भ में था। उस फैसले में कहा गया था कि मामले को एकल जांच को आगे बढ़ाया जा सकता है।
इस मामले में पहली प्राथमिकी स्पेशल सेल, दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई थी। याचिका में दिल्ली, यूपी और महाराष्ट्र में एफआईआर दर्ज करना सीआरपीसी की धारा- 154 और 156 के दायरे से बाहर है और यह एक ऐसा मामला है जो विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा जांच की वैधानिक शक्ति का दुरुपयोग दर्शाता है।