एजेंसी, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 31 Dec 2021 06:52 AM IST
सार
इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी और 11 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था।
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विस्तार
इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी और 11 सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। इस हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। हादसे के बाद सरकार ने इसकी तीन पक्षीय जांच के आदेश दिए थे। बाद में हादसे में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की भी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह कर रहे जांच
इस हादसे की जांच भारतीय वायुसेना के अधिकारी और देश के सबसे उम्दा हेलिकॉप्टर पायलट रहे एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह, भारतीय सेना के ब्रिगेडियर रैंक के एक अधिकारी और भारतीय नौसेना कर रही है। कुछ दिन पहले इस घटना के चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए थे, जो तमिलनाडु नीलगिरी में दुर्घटनास्थल के करीब मौजूद थे।
जांच दल ने हादसे के अगले दिन से ही अपना काम शुरू कर दिया था। सूत्र ने बताया कि जांच टीम ने चश्मदीदों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया था, लेकिन इनमें से कुछ ने अपना बयान बदल दिया।
कयासबाजी से बचने की दी सलाह
आठ दिसंबर को हुई इस दुर्घटना के बाद से सोशल मीडिया पर इस हादसे के पीछे साजिश और अन्य तरह के कयास लगाए गए। इसके बाद वायुसेना ने ट्वीट पर कहा था कि इस दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच के लिए ट्राई सर्विस कोर्ट ऑफ इनक्वायरी गठित की गई है। यह जांच तेजी से चल रही है और कोशिश है कि दुर्घटना के पीछे की वजह का पता जल्द से जल्द लग जाए। तब तक के लिए उचित होगा कि लोग किसी तरह की कयासबाजी से बचें। यह हादसे के शिकार हुए लोगों के लिए सम्मान होगा।
जांच दल ने हेलीकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स की जांच भी शुरू कर दी थी। इसके लिए बेंगलुरु और दिल्ली के तकनीकी अधिकारियों की मदद ली गई। सूत्रों ने बताया था कि ब्लैक बॉक्स काफी सुरक्षित हालत में मिला था और फ्लाइट के सारे डाटा और पायलट व एटीसी की बातचीत के रिकार्ड सुरक्षित हैं।