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सिंगापुर कोर्ट: न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रहे भारतीय मूल के मलयेशियाई नागरिक धर्मलिंगम के वकील

एजेंसी, सिंगापुर।
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 02 Mar 2022 02:31 AM IST

सार

अपीलीय अदालत की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब एक अपील की सुनवाई के दौरान धर्मलिंगम की वकील वायलेट नेट्टो ने दलील दी कि मानसिक अस्वस्थता के आधार पर उनके मुवक्किल का मृत्युदंड माफ कर दिया जाए।

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देश की अपीलीय अदालत ने मंगलवार को कहा कि भारतीय मूल के मलयेशियाई मादक पदार्थ तस्कर नागेंद्रन के धर्मलिंगम की वकील अंतिम क्षण में रिपोर्ट पेश करके न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही हैं। वह थोड़े समय के अंतराल पर अर्जियां दायर कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है।

अपीलीय अदालत की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब एक अपील की सुनवाई के दौरान धर्मलिंगम की वकील वायलेट नेट्टो ने दलील दी कि मानसिक अस्वस्थता के आधार पर उनके मुवक्किल का मृत्युदंड माफ कर दिया जाए। नेट्टो से सवाल पूछा गया था कि बचाव पक्ष ने आखिर क्यों दोषी की मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए कैदी के मेडिकल और मनोरोग संबंधी रिकॉर्ड की पड़ताल से न्यायालय को रोका।

नेट्टो इसके बजाय तीन विदेशी विशेषज्ञों के मंतव्य पर भरोसा कर रही हैं, लेकिन इनमें से किसी ने भी धर्मलिंगम की जांच नहीं की है तथा उन तीनों की रिपोर्ट दोषी के भाई और पूर्व कानूनी प्रतिनिधि एम रवि की टिप्पणियों पर आधारित है। धर्मलिंगम को 42.72 ग्राम हेरोइन की तस्करी के लिए 2010 में दोषी ठहराया गया था और उसे मृत्युदंड दिया गया था। सजा के खिलाफ उसने अपीलीय अदालत में चुनौती दी है।

विस्तार

देश की अपीलीय अदालत ने मंगलवार को कहा कि भारतीय मूल के मलयेशियाई मादक पदार्थ तस्कर नागेंद्रन के धर्मलिंगम की वकील अंतिम क्षण में रिपोर्ट पेश करके न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही हैं। वह थोड़े समय के अंतराल पर अर्जियां दायर कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है।

अपीलीय अदालत की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब एक अपील की सुनवाई के दौरान धर्मलिंगम की वकील वायलेट नेट्टो ने दलील दी कि मानसिक अस्वस्थता के आधार पर उनके मुवक्किल का मृत्युदंड माफ कर दिया जाए। नेट्टो से सवाल पूछा गया था कि बचाव पक्ष ने आखिर क्यों दोषी की मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए कैदी के मेडिकल और मनोरोग संबंधी रिकॉर्ड की पड़ताल से न्यायालय को रोका।

नेट्टो इसके बजाय तीन विदेशी विशेषज्ञों के मंतव्य पर भरोसा कर रही हैं, लेकिन इनमें से किसी ने भी धर्मलिंगम की जांच नहीं की है तथा उन तीनों की रिपोर्ट दोषी के भाई और पूर्व कानूनी प्रतिनिधि एम रवि की टिप्पणियों पर आधारित है। धर्मलिंगम को 42.72 ग्राम हेरोइन की तस्करी के लिए 2010 में दोषी ठहराया गया था और उसे मृत्युदंड दिया गया था। सजा के खिलाफ उसने अपीलीय अदालत में चुनौती दी है।

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