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सम्मान: दिल्ली के दो भाइयों को अंतरराष्ट्रीय चिल्ड्रन पीस पुरस्कार

एजेंसी, हेग
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 14 Nov 2021 06:37 AM IST

सार

इस पुरस्कार के तहत दोनों भाइयों को पढ़ाई और देखभाल के लिए अनुदान और एक लाख यूरो यानी करीब 85 लाख रुपये का फंड मिलेगा जिसका आधा हिस्सा उनके प्रोजेक्ट को जाएगा।

दिल्ली निवासी दो सगे भाइयों विहान और नव अग्रवाल को अंतरराष्ट्रीय चिल्ड्रन पीस पुरस्कार
– फोटो : अमर उजाला

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दिल्ली निवासी दो सगे भाइयों विहान और नव अग्रवाल को अंतरराष्ट्रीय चिल्ड्रन पीस पुरस्कार दिया गया है। उन्हें ये पुरस्कार अपने घर में कूड़ा और प्रदूषण घटाने तथा पेड़ लगाने संबंधित परियोजना शुरू करने के लिए दिया गया है। नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित भारतीय कैलाश सत्याथी ने शनिवार को  हेग में दोनों भाइयों को ये पुरस्कार प्रदान किया।

इस पुरस्कार के तहत दोनों भाइयों को पढ़ाई और देखभाल के लिए अनुदान और एक लाख यूरो यानी करीब 85 लाख रुपये का फंड मिलेगा जिसका आधा हिस्सा उनके प्रोजेक्ट को जाएगा।

17 वर्षीय विहान और 14 वर्षीय नव ने बताया कि इस पुरस्कार और इससे मिली पहचान का इस्तेमाल वे अपने नेटवर्क और पूरे देश में और बाहर फैलाने के लिए करेंगे। विहान से पुरस्कार मिलने से एक दिन पहले एपी से कहा, हम पूरी दुनिया में शून्य कचरा उत्पादन चाहते हैं। और इसका अर्थ है कि सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि हर शहर, हर कस्बे और हर गांव तक ये संदेश पहुंचना चाहिए।

दोनो भाइयों को कचरे को अलग करने और उसे रिसाइकिल करने संबंधी अपने ‘वन स्टेप ग्रीनर’ प्रोजेक्ट का विचार दिल्ली में 2017 में एक लैंडफिल साइट के टूटने और इस घटना के अगले दिन शहर के ऊपर प्रदूषण की चादर फैलने से आया। विहान ने कहा कि खराब हवा के कारण उन्हें अकसर घर के अंदर रहना पड़ता था। उनका वन स्टेप ग्रीनर प्रोजेक्ट अब 15 सौ से अधिक घरों, स्कूलों और ऑफिसों तक पहुंच चुका है।

विस्तार

दिल्ली निवासी दो सगे भाइयों विहान और नव अग्रवाल को अंतरराष्ट्रीय चिल्ड्रन पीस पुरस्कार दिया गया है। उन्हें ये पुरस्कार अपने घर में कूड़ा और प्रदूषण घटाने तथा पेड़ लगाने संबंधित परियोजना शुरू करने के लिए दिया गया है। नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित भारतीय कैलाश सत्याथी ने शनिवार को  हेग में दोनों भाइयों को ये पुरस्कार प्रदान किया।

इस पुरस्कार के तहत दोनों भाइयों को पढ़ाई और देखभाल के लिए अनुदान और एक लाख यूरो यानी करीब 85 लाख रुपये का फंड मिलेगा जिसका आधा हिस्सा उनके प्रोजेक्ट को जाएगा।

17 वर्षीय विहान और 14 वर्षीय नव ने बताया कि इस पुरस्कार और इससे मिली पहचान का इस्तेमाल वे अपने नेटवर्क और पूरे देश में और बाहर फैलाने के लिए करेंगे। विहान से पुरस्कार मिलने से एक दिन पहले एपी से कहा, हम पूरी दुनिया में शून्य कचरा उत्पादन चाहते हैं। और इसका अर्थ है कि सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि हर शहर, हर कस्बे और हर गांव तक ये संदेश पहुंचना चाहिए।

दोनो भाइयों को कचरे को अलग करने और उसे रिसाइकिल करने संबंधी अपने ‘वन स्टेप ग्रीनर’ प्रोजेक्ट का विचार दिल्ली में 2017 में एक लैंडफिल साइट के टूटने और इस घटना के अगले दिन शहर के ऊपर प्रदूषण की चादर फैलने से आया। विहान ने कहा कि खराब हवा के कारण उन्हें अकसर घर के अंदर रहना पड़ता था। उनका वन स्टेप ग्रीनर प्रोजेक्ट अब 15 सौ से अधिक घरों, स्कूलों और ऑफिसों तक पहुंच चुका है।

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