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समय की मांग: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, इंसान व पशुओं के संघर्ष को रोकने के लिए काम करने की जरूरत

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Fri, 13 Aug 2021 02:52 AM IST

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव
– फोटो : ANI

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विश्व हाथी दिवस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि इंसान और वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए इस दिशा में काम करना जरूरी है। इसके लिए विभाग और जनमानस को मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि वन्यजीव संघर्ष वाले क्षेत्रों की पहचान कर उस पर काम करने का वक्त आ गया है।

मंत्री ने इस मौके पर हाथी और बाघों की गणना के लिए अनुमान प्रोटोकाल भी जारी किया। उन्होंने कहा कि केवल बात करने से हाथियों का संरक्षण नहीं होगा। इसके लिए हमें उन तक पहुंचना होगा। उन्होंने कहा कि मानव और वन्यजीव संघर्ष के चलते हर साल देश में हजारों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक एशियाई देशों में सबसे अधिक हाथी भारत में रहते हैं।

इसमें 30,000 हाथी विभिन्न स्थानों पर हैं, जबकि 50 हजार से ज्यादा हाथी जंगलों में स्वच्छंद विचरण करते हैं। इस अवसर पर राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि हाथियों को बचा कर जंगलों को बचाया जा रहा है और जंगलों को बचाने से पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बचाया जा सकता है

शिकारी हर साल 15,000 हाथियों को बना रहे शिकार
हर साल विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त को मनाया जाता है। वर्ल्डवाइड फंड एंड नेचर ने हाथियों पर एक रिपोर्ट जारी की है। उसके मुताबिक दुनिया में लगभग 440 हजार हाथी ही बचे हैं। शिकारी हर साल लगभग 15,000 हाथियों को अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसे में इन्हें बचाने के लिए समग्रता के साथ प्रयास करने की जरूरत है।

विस्तार

विश्व हाथी दिवस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि इंसान और वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए इस दिशा में काम करना जरूरी है। इसके लिए विभाग और जनमानस को मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि वन्यजीव संघर्ष वाले क्षेत्रों की पहचान कर उस पर काम करने का वक्त आ गया है।

मंत्री ने इस मौके पर हाथी और बाघों की गणना के लिए अनुमान प्रोटोकाल भी जारी किया। उन्होंने कहा कि केवल बात करने से हाथियों का संरक्षण नहीं होगा। इसके लिए हमें उन तक पहुंचना होगा। उन्होंने कहा कि मानव और वन्यजीव संघर्ष के चलते हर साल देश में हजारों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक एशियाई देशों में सबसे अधिक हाथी भारत में रहते हैं।

इसमें 30,000 हाथी विभिन्न स्थानों पर हैं, जबकि 50 हजार से ज्यादा हाथी जंगलों में स्वच्छंद विचरण करते हैं। इस अवसर पर राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि हाथियों को बचा कर जंगलों को बचाया जा रहा है और जंगलों को बचाने से पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बचाया जा सकता है

शिकारी हर साल 15,000 हाथियों को बना रहे शिकार

हर साल विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त को मनाया जाता है। वर्ल्डवाइड फंड एंड नेचर ने हाथियों पर एक रिपोर्ट जारी की है। उसके मुताबिक दुनिया में लगभग 440 हजार हाथी ही बचे हैं। शिकारी हर साल लगभग 15,000 हाथियों को अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसे में इन्हें बचाने के लिए समग्रता के साथ प्रयास करने की जरूरत है।

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