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डेल्टा वैरिएंट का खतरा: गर्भवती के लिए टीका सुरक्षित, जच्चा-बच्चा को कोई नुकसान नहीं

न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस, वाशिंगटन
Published by: Jeet Kumar
Updated Fri, 13 Aug 2021 05:55 AM IST

सार

वायरस का डेल्टा वैरिएंट अधिक संक्रामक है और टीका लगवा चुके लोग भी संक्रमित हो रहे हैं लेकिन वायरस का दुष्प्रभाव कम देखने को मिल रहा है। ऐसे में गर्भवती को भी प्राथमिकता के आधार पर टीका लगना चाहिए।

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अमेरिका ने कहा है कि गर्भवती को कोरोना का टीका लगाने से जच्चा-बच्चा कोई नुकसान नहीं है। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कहा है कि ताजा आंकड़ों से पता चला है कि गर्भधारण के पहले 20 सप्ताह में वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक तंत्र विकसित हो जाता है। इससे गर्भपात का खतरा नहीं है।

सीडीसी ने गर्भवती महिलाओं से टीका लगवाने की अपील की है। सीडीसी के रिप्रोडक्टिव हेल्थ टीम की डॉ. साशा आर एलिंग्टन का कहना है कि महामारी के इस दौर में संक्रमण का खतरा अधिक है।

संक्रमण का खतरा बरकरार
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान संक्रमण के कारण गंभीर तकलीफ का खतरा बरकरार है। संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा है।

कुछ की हालत अधिक गंभीर होने के कारण वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी रखना पड़ा है। गर्भावस्था के दौरान संक्रमण से शिशु को नुकसान के भी कम ही साक्ष्य अब तक मिले हैं।

गर्भ में पल रहे बच्चे को लेकर चिंतित
मेटरनल फीटल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. एडम उराटो का कहना है कि टीके का जब इस्तेमाल शुरू हुआ तक गर्भवती पर उसका परीक्षण नहीं हुआ था। अब मई तक अमेरिका में 23 फीसदी गर्भवती ने टीका लगवाया है।

गर्भवती टीके में मौजूद तत्वों को लेकर चिंतित हैं कि वे गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान तो नहीं पहुंचा देगा, वे चाहती हैं कि स्पष्ट हो जाए की टीका सुरक्षित है तभी टीका लगाया जाए।  

विस्तार

अमेरिका ने कहा है कि गर्भवती को कोरोना का टीका लगाने से जच्चा-बच्चा कोई नुकसान नहीं है। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कहा है कि ताजा आंकड़ों से पता चला है कि गर्भधारण के पहले 20 सप्ताह में वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक तंत्र विकसित हो जाता है। इससे गर्भपात का खतरा नहीं है।

सीडीसी ने गर्भवती महिलाओं से टीका लगवाने की अपील की है। सीडीसी के रिप्रोडक्टिव हेल्थ टीम की डॉ. साशा आर एलिंग्टन का कहना है कि महामारी के इस दौर में संक्रमण का खतरा अधिक है।

संक्रमण का खतरा बरकरार

विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान संक्रमण के कारण गंभीर तकलीफ का खतरा बरकरार है। संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा है।

कुछ की हालत अधिक गंभीर होने के कारण वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी रखना पड़ा है। गर्भावस्था के दौरान संक्रमण से शिशु को नुकसान के भी कम ही साक्ष्य अब तक मिले हैं।

गर्भ में पल रहे बच्चे को लेकर चिंतित

मेटरनल फीटल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. एडम उराटो का कहना है कि टीके का जब इस्तेमाल शुरू हुआ तक गर्भवती पर उसका परीक्षण नहीं हुआ था। अब मई तक अमेरिका में 23 फीसदी गर्भवती ने टीका लगवाया है।

गर्भवती टीके में मौजूद तत्वों को लेकर चिंतित हैं कि वे गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान तो नहीं पहुंचा देगा, वे चाहती हैं कि स्पष्ट हो जाए की टीका सुरक्षित है तभी टीका लगाया जाए।  

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