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फेक न्यूज: सरकार ने खारिज किया सुप्रीम कोर्ट की नई पीठों के गठन का दावा

एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Thu, 12 Aug 2021 02:51 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

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केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें तीन और शहरों में सुप्रीम कोर्ट की नई पीठों के गठन के निर्णय की बात कही गई थी।

केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय ‘फैक्ट चेक’ ने एक ट्वीट में यह दावा गलत होने की बात कही है। ट्वीट में कहा गया कि व्हाट्सएप पर शेयर किए जा रहे फारवर्ड मैसेज में दावा किया गया है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पीठों को तीन और जगह स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह दावा झूठा है। ट्वीट में कहा गया है कि ऐसा कोई भी निर्णय सरकार ने नहीं किया है।

सरकार कई मौकों पर संसद में कह चुकी है कि शीर्ष अदालत की दिल्ली से बाहर अलग पीठ स्थापित करना सुप्रीम कोर्ट के हित में नहीं पाया गया है।

पिछले साल सितंबर में लोकसभा में तत्कालीन कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक लिखित जवाब में बताया था कि समय समय पर विभिन्न तबकों से देश के अलग-अलग हिस्सों में सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने के प्रस्ताव मिले हैं।

उन्होंने कहा था कि विधि आयोग ने भी अपनी 229वीं रिपोर्ट में दिल्ली में एक सांविधानिक पीठ स्थापित करने की सिफारिश की थी।

इसके अलावा विधि आयोग ने चार अपीलीय पीठ की स्थापना की सिफारिश की थी, जिन्हें उत्तर क्षेत्र के लिए दिल्ली में, दक्षिण क्षेत्र के लिए चेन्नई या हैदराबाद में, पूर्वी क्षेत्र के लिए कोलकाता में और पश्चिम क्षेत्र के लिए मुंबई में करने का प्रस्ताव था। प्रसाद ने संसद को बताया था कि दिल्ली से बाहर पीठ स्थापना का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के हित में नहीं पाया गया था।

विस्तार

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें तीन और शहरों में सुप्रीम कोर्ट की नई पीठों के गठन के निर्णय की बात कही गई थी।

केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय ‘फैक्ट चेक’ ने एक ट्वीट में यह दावा गलत होने की बात कही है। ट्वीट में कहा गया कि व्हाट्सएप पर शेयर किए जा रहे फारवर्ड मैसेज में दावा किया गया है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पीठों को तीन और जगह स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह दावा झूठा है। ट्वीट में कहा गया है कि ऐसा कोई भी निर्णय सरकार ने नहीं किया है।

सरकार कई मौकों पर संसद में कह चुकी है कि शीर्ष अदालत की दिल्ली से बाहर अलग पीठ स्थापित करना सुप्रीम कोर्ट के हित में नहीं पाया गया है।

पिछले साल सितंबर में लोकसभा में तत्कालीन कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक लिखित जवाब में बताया था कि समय समय पर विभिन्न तबकों से देश के अलग-अलग हिस्सों में सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने के प्रस्ताव मिले हैं।

उन्होंने कहा था कि विधि आयोग ने भी अपनी 229वीं रिपोर्ट में दिल्ली में एक सांविधानिक पीठ स्थापित करने की सिफारिश की थी।

इसके अलावा विधि आयोग ने चार अपीलीय पीठ की स्थापना की सिफारिश की थी, जिन्हें उत्तर क्षेत्र के लिए दिल्ली में, दक्षिण क्षेत्र के लिए चेन्नई या हैदराबाद में, पूर्वी क्षेत्र के लिए कोलकाता में और पश्चिम क्षेत्र के लिए मुंबई में करने का प्रस्ताव था। प्रसाद ने संसद को बताया था कि दिल्ली से बाहर पीठ स्थापना का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के हित में नहीं पाया गया था।

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