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सबसे तेज सुपरकंप्यूटर: मेटावर्स दुनिया का पहला कंप्यूटर RSC हो रहा तैयार, जुकरबर्ग ने दी टीम को बधाई

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रदीप पाण्डेय
Updated Tue, 25 Jan 2022 05:55 PM IST

सार

RSC को लेकर दावा किया गया है कि 2022 के मध्य तक यह दुनिया का सबसे तेज कंप्यूटर होगा। RSC को मशीन लर्निंग के लिए लिहाज से डिजाइन किया गया है।

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पिछले 14 सालों से लगातार विवाद में रहने के बाद फेसबुक का नाम मेटा कर दिया गया है। फेसबुक सीईओ मार्के जुकरबर्ग ने कहा है कि वह एक मेटावर्स का निर्माण कर रहे हैं जो कि एक अलग तरह की दुनिया है। मेटावर्स में लोग शारीरिक रूप से उपलब्ध ना होकर वर्चुअल रूप में मौजूद होंगे। कंपनी ने पिछले साल अपने नए नाम का एलान किया है।

अब जुकरबर्ग की कंपनी मेटा ने दुनिया का सबसे तेज एआई (आर्टिफिशियल) सुपरकंप्यूटर पेश किया है। जुकरबर्ग ने मेटा के पहले AI कंप्यूटर को AI रिसर्च सुपरक्लस्टर (RSC) कहा है। RSC के निर्माण पर मार्क जुकरबर्ग ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए पूरी टीम को बधाई दी है। RSC को लेकर दावा किया गया है कि 2022 के मध्य तक यह दुनिया का सबसे तेज कंप्यूटर होगा। RSC को मशीन लर्निंग के लिए लिहाज से डिजाइन किया गया है। 2022 के अंत से पहले RSC का दूसरा चरण पूरा हो जाएगा। उस समय इसमें कुल 16,000 GPU होंगे।

कहां-कहां होगा इस सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल
मेटा के इस पहले सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल कंटेंट मॉरेशन से लेकर मेटा बिजनेस तक में होगा। इसके अलावा इसका इस्तेमाल फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीच को रोकने में भी करेगा। RSC का इस्तेमाल आग्युमेंट रियलिटी में भी होगा। RSC को लेकर जुकरबर्ग ने कहा है कि यह सेकेंडों में क्विंटल ऑपरेशन करने में सक्षम है। इस कंप्यूटर की मदद से एक साथ करोड़ों यूजर्स रियल टाइम में अलग-अलग भाषा में बातें कर सकेंगे। यह कंप्यूटर टेक्स्ट, इमेज और वीडियो को एक साथ सटीक विश्लेषण कर सकेगा।

विस्तार

पिछले 14 सालों से लगातार विवाद में रहने के बाद फेसबुक का नाम मेटा कर दिया गया है। फेसबुक सीईओ मार्के जुकरबर्ग ने कहा है कि वह एक मेटावर्स का निर्माण कर रहे हैं जो कि एक अलग तरह की दुनिया है। मेटावर्स में लोग शारीरिक रूप से उपलब्ध ना होकर वर्चुअल रूप में मौजूद होंगे। कंपनी ने पिछले साल अपने नए नाम का एलान किया है।

अब जुकरबर्ग की कंपनी मेटा ने दुनिया का सबसे तेज एआई (आर्टिफिशियल) सुपरकंप्यूटर पेश किया है। जुकरबर्ग ने मेटा के पहले AI कंप्यूटर को AI रिसर्च सुपरक्लस्टर (RSC) कहा है। RSC के निर्माण पर मार्क जुकरबर्ग ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए पूरी टीम को बधाई दी है। RSC को लेकर दावा किया गया है कि 2022 के मध्य तक यह दुनिया का सबसे तेज कंप्यूटर होगा। RSC को मशीन लर्निंग के लिए लिहाज से डिजाइन किया गया है। 2022 के अंत से पहले RSC का दूसरा चरण पूरा हो जाएगा। उस समय इसमें कुल 16,000 GPU होंगे।

कहां-कहां होगा इस सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल

मेटा के इस पहले सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल कंटेंट मॉरेशन से लेकर मेटा बिजनेस तक में होगा। इसके अलावा इसका इस्तेमाल फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीच को रोकने में भी करेगा। RSC का इस्तेमाल आग्युमेंट रियलिटी में भी होगा। RSC को लेकर जुकरबर्ग ने कहा है कि यह सेकेंडों में क्विंटल ऑपरेशन करने में सक्षम है। इस कंप्यूटर की मदद से एक साथ करोड़ों यूजर्स रियल टाइम में अलग-अलग भाषा में बातें कर सकेंगे। यह कंप्यूटर टेक्स्ट, इमेज और वीडियो को एक साथ सटीक विश्लेषण कर सकेगा।

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