मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा ने संसद में कहा कि “मैं जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि ‘श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना पार्टी’ (एसएलपीपी) इस भारतीय सहायता का दुरुपयोग कर अपने राजनीतिक हित को पूरा करने के लिए 14,000 गांवों में होम शॉप स्थापित करने की कोशिश कर रही है।”
विपक्षी दलों ने भारत के साथ कई प्रस्तावित गठजोड़ों का भी विरोध किया
प्रेमदासा ने ईंधन स्टेशनों पर लंबी लाइनों और लोगों को हो रही आवश्यक वस्तुओं की कमी का जिक्र करते हुए कहा कि “यह स्थिति शर्मनाक है, पैसा उन लोगों को राहत देने के लिए है जो लंबी कतारों में खड़े हैं।” विपक्षी दलों ने भारत के साथ कई प्रस्तावित गठजोड़ों का भी विरोध किया है, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह गुप्त रूप से रचा गया था। उन्होंने वित्त मंत्री तुलसी राजपक्षे से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।
भारत सरकार श्रीलंका में समुद्री बचाव समन्वय केंद्र की स्थापना करेगा
कैबिनेट प्रवक्ता और मंत्री रमेश पथिराना ने घोषणा की कि कैबिनेट ने सोमवार को भारत की भागीदारी वाली कई पहलों को मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार श्रीलंका में समुद्री बचाव समन्वय केंद्र की स्थापना के लिए 60 लाख अमेरिकी डॉलर का अनुदान देने पर सहमत हो गई है। इसलिए मंत्रिमंडल ने दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने और केंद्र की स्थापना के लिए भारत के भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए रक्षा मंत्री के रूप में राष्ट्रपति राजपक्षे द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
कैबिनेट ने श्रीलंका यूनिफाइड डिजिटल आइडेंटिटी फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन को भी मंजूरी दी। पथिराना ने कहा कि भारत नेटवर्क को लागू करने के लिए 30 करोड़ रुपये का अनुदान देने पर सहमत हो गया है।
श्रीलंका में मत्स्य बंदरगाह को विकसित करने के लिए भारत के साथ समझौता
उन्होंने कहा कि श्रीलंका में मत्स्य बंदरगाह के विकास के लिए भारत के साथ एक और समझौता ज्ञापन को भी मंजूरी दी गई है, जिसके तहत उत्तर और दक्षिण में चयनित मत्स्य बंदरगाह विकसित किए जाएंगे।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे की नई दिल्ली यात्रा के दौरान, भारत ने श्रीलंका को अपने आर्थिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए अपनी वित्तीय सहायता के हिस्से के रूप में एक अरब अमेरिकी डालर की ऋण सहायता की घोषणा की थी।
क्रेडिट लाइन का विस्तार करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत हमेशा श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा रहा है और देश को हर संभव समर्थन देना जारी रखेगा।
श्रीलंका के वित्त मंत्री से जब एक अरब अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट के बारे में पूछा गया कहा तो उन्होंने कहा कि लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए कोई विशेष शर्तें नहीं हैं, कर्ज का भुगतान तीन साल में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय आयातक अब ऋण सुविधा के तहत भारत से सामान आयात करने के लिए स्वतंत्र हैं और स्थानीय व्यापार मंत्रालय आयातकों की सुविधा के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपना रहा है।
श्रीलंका की स्थिति दयनीय
वर्तमान में, श्रीलंका की स्थिति ऐसी है कि ईंधन, गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए लंबी कतारें लग रही हैं क्योंकि विदेशी मुद्रा की कमी के कारण विदेशों से जरूरी वस्तुओं का आयात नहीं हो पा रहा है। ताप विद्युत संयंत्रों को चलाने के लिए ईंधन की कमी के कारण बिजली की कटौती की जा रही है।