अमर उजाला रिसर्च टीम, लंदन।
Published by: देव कश्यप
Updated Wed, 10 Nov 2021 06:26 AM IST
सार
शोधकर्ता प्रो. डेविड प्लान्स का कहना है कि शरीर की अपनी 24 घंटे चलने वाली आंतरिक घड़ी होती है जिसे सर्केडियन रिदम कहते हैं। ये शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाने का काम करती हैं। सोने और आराम करने का सही समय तय न होने के कारण ये घड़ी असंतुलित हो जाती है।
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पेक्सेल्स
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विस्तार
शोधकर्ता प्रो. डेविड प्लान्स का कहना है कि शरीर की अपनी 24 घंटे चलने वाली आंतरिक घड़ी होती है जिसे सर्केडियन रिदम कहते हैं। ये शारीरिक और मानसिक क्रिया में संतुलन बनाने का काम करती हैं। सोने और आराम करने का सही समय तय न होने के कारण ये घड़ी असंतुलित हो जाती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, रात 10 बजे से पहले सोने वाले और आधी रात के बाद सोने वाले लोगों में हृदय रोग का खतरा 25% अधिक रहता है।
88 हजार लोगों पर निगरानी
- एक दशक तक 88 हजार लोगों की कलाई पर डिवाइस बांधी गई। पता किया गया कि वे लगातार सात दिन तक कितने बजे सोए।
- पहले पांच साल में 3172 लोगों में हृदय संबंधी तकलीफें मिलीं। इसमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेल जैसी तकलीफें थीं।
जानें देर से सोने वालों को खतरा अधिक क्यों
वैज्ञानिकों का कहना है कि समय से ना सोने पर व्यक्ति सुबह की रोशनी के संपर्क में नहीं आ पाता है, इससे बॉडी क्लॉक खुद को रिसेट कर देती है। वयस्कों को रात में 7 से 9 घंटे सोना चाहिए।