बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Sat, 26 Mar 2022 05:50 PM IST
सार
बीते दो सप्ताह से शेयर बाजार में बढ़त का सिलसिला इस सप्ताह कायम नहीं रह सका और 25 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह में बाजार में करीब एक फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस बीच रूस-यूक्रून युद्ध के चलते उपजे भू-राजनैतिक दबाव का असर विदेशी संस्थागत निवेशकों पर साफ दिखाई दिया।
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विस्तार
कच्चे तेल में तेजी का असर
इस बीच कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का असर भी निवेशकों की धारणाओं पर पड़ा है। वहीं दूसरी ओर चीन में एक बार फिर से कोरोना की दस्तक ने भी बाजार सेंटिमेंट को प्रभावित किया है। यही कारण हैं कि 25 मार्च को खत्म हुए हफ्ते में सेंसेक्स 501.73 अंक यानी 0.86 फीसदी की गिरावट के साथ 57,362.2 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 134.05 अंक यानी 0.77 फीसदी की टूटकर 17,153 के स्तर पर बंद हुआ।
40 स्मॉलकैप स्टॉक फायदे में रहे
इस अवधि में 40 से ज्यादा ऐसे स्मॉलकैप स्टॉक फायदे में रहे। इनमें टाटा टेललेसर्विस (महाराष्ट्र), ब्राइटन ग्रुप और एनआईआईटी समेत अन्य शामिल रहे, जिसमें 10 से 38 फीसदी की तेजी आई। वहीं दूसरी ओर फ्यूचर इंटरप्राइजेज, रिलायंस कैपिटल, टेक सॉल्युशंस, सनटेक रियल्टी समेत एक दर्जन में 10 से 17 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। जबकि, निफ्टी बैंक इंडेक्स 2.8 फीसदी टूटा।
46,961 करोड़ की बिकवाली
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते भारतीय बाजारों में एफआईआई ने 5,344.39 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी, जबकि डीआईआई ने 2,820.72 करोड़ रुपये क खरीदारी की। मार्च महीने में अब तक एफआईआई ने 46,961.57 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जबकि डीआईआई ने 34,440.74 करोड़ रुपये की खरीदारी की है।
निवेशकों को हुआ इतना घाटा
पिछले हफ्ते तेजी के दौर में निवेशकों को जहां 7.5 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ था, वहीं इस हफ्ते शेयर बाजार में निवेशकों का नुकसान 50 हजार करोड़ रुपये के करीब रहा है। शुक्रवार 25 मार्च को कारोबार खत्म होते वक्त बीएसई पर लिस्ट सभी कंपनियों का कुल बाजार मूल्य 259.84 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। जो कि पिछले हफ्ते गुरुवार को 260.37 लाख करोड़ रुपये था।